देवा फिल्म समीक्षा: सच्ची राय और स्पॉइलर-फ्री गाइड
आपने फिल्म 'देवा' के बारे में सुना होगा और सोच रहे होंगे—देखना चाहिए या समय बर्बाद? यह समीक्षा सीधे उस सवाल का जवाब देती है। मैं स्पॉइलर नहीं दूँगा। यहां प्लॉट, परफॉर्मेंस, निर्देशन, म्यूज़िक और सबसे अहम — किस तरह का दर्शक इसे पसंद करेगा—सब साफ तरीके से बताया गया है।
मुख्य बातें — स्पॉइलर फ्री सार
देवा की कहानी एक निजी संघर्ष और पारिवारिक रिश्तों के इर्द-गिर्द घूमती है। मूड ड्रामैटिक है, लेकिन फिल्म में कुछ हल्की कॉमेडी और इमोशनल मोमेंट भी हैं। कहानी बहुत धीमी नहीं रहती; बीच-बीच में ऐसे सीन आते हैं जो सीधे दिल पर असर करते हैं। यदि आपको धीमी-तरह की, भावुक ड्रामा पसंद है तो यह फिल्म काम करेगी।
कहानी का खुलासे पर जोर कम और किरदारों के रिश्तों पर ज्यादा है। पटकथा कुछ जगहों पर पुरानी लगती है, पर कई सीन ईमानदारी से लिखे गए हैं। तकनीकी तौर पर कैमरावर्क और एडिटिंग औसत से बेहतर हैं; कुछ फ्रेम्स दृश्यात्मक रूप से अच्छे हैं और संगीत परफॉर्मेंस के साथ ताल बैठता है।
परफॉर्मेंस, निर्देशन और म्यूज़िक
लीड कलाकारों ने किरदारों में जान डाली है। अभिनेता-एक्टिविटी में इमोशन प्रामाणिक है, खासकर क्लाइमेक्स के पास उनका प्रदर्शन असर छोड़ता है। सपोर्टिंग कास्ट ने भी अच्छा काम किया—कई छोटी भूमिकाएँ कहानी को मजबूती देती हैं।
निर्देशक ने सरल भाषा में कहानी बताने की कोशिश की है, पर pacing कभी-कभी धीमा पड़ता है। चौथे हिस्से में फिल्म तेज हो जाती है और कई फालतू दृश्यों को हटाया जा सकता था। म्यूज़िक फिल्म के मूड को संभालता है; बैकग्राउंड स्कोर कई भावनात्मक सीन में मदद करता है।
यदि आप फैन्स-ड्रिवेन एक्शन या तेज़ थ्रिलर ढूँढ रहे हैं तो यह फिल्म न(proc) सही नहीं बैठेगी। लेकिन परिवार, रिश्तों और छोटे-छोटे मकसदों वाली कहानियों में रुचि है तो आप जुड़ पाएँगे।
बॉक्स ऑफिस और स्ट्रीमिंग: शुरुआती रिव्यू और ऑडियंस वर्ड-ऑफ-माउथ से पता चलता है कि फिल्म का वीकेंड पर अच्छा कलेक्शन हो सकता है, खासकर छोटे शहरों में। कुछ हफ्तों में यह किसी OTT प्लेटफॉर्म पर भी आ सकती है—वहाँ सस्ता होकर ज्यादा लोग देखेंगे।
तेज़ निष्कर्ष के तौर पर: 'देवा' एक इमोशनल ड्रामा है जो सही दर्शक को छू लेगा, पर हर किसी की पसंद नहीं बनेगा। अगर आप समय न गंवाना चाहते हैं—पहले 20-25 मिनट देखें; अगर कहानी में रुचि बनी रहे तो आगे देखें।
क्या आप इस फिल्म की टिकट ले रहे हैं या घर पर देखना पसंद करेंगे? अपने पहले इम्प्रेशन यहाँ शेयर करें—यह दूसरों के निर्णय में मदद करेगा।
शाहिद कपूर की हालिया फिल्म 'देवा' की समीक्षा में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं। रोशन एण्ड्र्यूज द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शाहिद एक गर्म दिमाग वाले पुलिस अफसर की भूमिका निभाते हैं जो गैंगस्टर का खात्मा करता है। लेकिन इसकी कमजोर कथा और निराशाजनक निष्कर्ष ने इसे औसत फिल्म साबित किया है।
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