जालसाज़ी: कैसे पहचानें और तुरंत क्या करें
क्या आपने कभी अचरज में कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज पाया? जालसाज़ी अब आम हो गई है। यह लेख सीधे बताएगा कि कौन-कौन से तरीके होते हैं, क्या संकेत हैं कि आप टार्गेट हैं, और अगर ऐसा हो तो तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए। पढ़िए सीधा, सरल और काम आने वाला रास्ता।
जालसाज़ी के सामान्य तरीके और पहचान के संकेत
सबसे आम स्कैमों में कॉल/मैसेज पर OTP या बैंक डिटेल माँगना, फर्जी कंपनी या नौकरी के ऑफर, निवेश-या-लॉटरी धोखे, UPI/पेमेंट लिंक से पैसे निकालना और फ्रॉड वेबसाइटें शामिल हैं। संकेत क्या होंगे? अचानक समय दबाना ("अभी दे दो"), अनजान लिंक, गलत व्याकरण या संदिग्ध मेल आइडी, और कॉलर का खुद को सरकारी अधिकारी बताना—ये सब चेतावनी हैं।
कुछ सरल उदाहरण: कोई कहे कि आपने इनाम जीत लिया है पर देने के लिए फीस चाहिए; या नौकरी का ऑफर दे और joining fee मांगे; UPI collect request में नाम अलग दिखे—इन्हें अनदेखा करें। अगर कॉल पर OTP मांग रहे हों, तो ज्ञान रखिए: OTP किसी भी वैध संस्था द्वारा कभी नहीं माँगा जाता।
अगर आप शिकार बन गए तो तुरंत उठाने वाले कदम
1) बैंक/वॉलेट तुरंत ब्लॉक करें: अगर पैसे निकल गए या कार्ड/UPI से जुड़ा खतरा है तो तुरंत बैंक की फ्रॉड हेल्पलाइन पर कॉल करके कार्ड/UPI/नेटबैंकिंग ब्लॉक कराएँ।
2) सबूत जुटाएँ: सारे SMS, WhatsApp चैट, कॉल रिकॉर्ड, स्क्रीनशॉट और ट्रांजैक्शन डीटेल संभाल कर रखें।
3) साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें: राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर ऑनलाइन FIR/शिकायत दर्ज कराएँ।
4) लोकल पुलिस थाने में FIR दर्ज कराएँ: बैंक और पुलिस दोनों के साथ समन्वय जरूरी है।
5) बैंक से चर्जबैक/रिवर्सल मांगे: समय पर बैंक को सूचित करने पर कुछ मामलों में पैसा वापस मिल सकता है।
6) पासवर्ड बदलें और डिवाइस स्कैन कराएँ: अगर लिंक पर क्लिक किया तो सभी पासवर्ड बदलें और फोन/कंप्यूटर में मैलवेयर स्कैन कराएँ।
एक और असरदार टिप: तुरंत अपने नजदीकी साइबर सेल या उपभोक्ता फोरम से भी संपर्क कर सकते हैं। कुछ बैंक और पेमेंट ऐप के स्पेशल फ्रॉड रीमेडी सेक्शन होते हैं—उनका उपयोग करें।
रोकथाम बेहतर है—तो क्या करें? अनजान लिंक पर क्लिक न करें, OTP और पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें, सार्वजनिक वाई-फाई पर बैंकिंग न करें, और बड़े ट्रांजैक्शन से पहले कंपनी/ऑफर की प्रामाणिकता चेक कर लें।
अगर संदेह है, तो तुरंत मित्र या परिवार से पूछ लें या संबंधित कंपनी की आधिकारिक साइट/कस्टमर नंबर पर कॉल करके सत्यापित करें। थोड़ा सावधान रहना अक्सर बड़े नुकसान से बचा लेता है।
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इस लेख में उत्तर प्रदेश से जुड़ी नवीनतम समाचारों की जानकारी दी गई है, जिसमें एक महत्वपूर्ण मामला शामिल है जहां एक व्यक्ति ने समाज को नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है।
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