मुहर्रम: मतलब, महत्व और आम तौर पर क्या होता है

मुहर्रम इस्लामी चंद्र कैलेंडर का पहला पाक महीना है और मुसलमानों के लिए संवेदनशील समय माना जाता है। ये महीना शोक और याद के मेल से जुड़ा है — खासकर दशवें दिन यानी अशूरा और चालीसवें दिन अरबा'ीन की वजह से। कई लोग इसे सांस्कृतिक तौर पर भी देखते हैं क्योंकि इस दौरान समाज में खैरात, मजलिस और जुलूस होते हैं।

क्या मुहर्रम सिर्फ शोक है? नहीं। कुछ समुदायों में यह रोज़ा रखने का वक्त भी है, कुछ में यादों को ताज़ा करने का। जगह और प्रवृत्ति के हिसाब से परंपराएँ बदलती हैं। भारत में अलग-अलग शहरों में अलग अंदाज़ से इस दिन की अहमियत दिखाई देती है।

मुहर्रम कब और कैसे आता है?

मुहर्रम चाँद के हिसाब से तय होता है। इसलिए हर साल ये तारीख़ ग्रेगोरियन कैलेंडर से बदलती रहती है। आमतौर पर महीना 29 या 30 दिन का होता है। अशूरा, महीने का दसवाँ दिन, इमाम हुसैन और उनके साथी की करबला में शहादत की याद दिलाता है। अरबा'ीन उसी घटना की याद में चालीसवाँ दिन है, जब बड़ी भीड़ जियारत और श्रद्धांजलि देती है।

धार्मिक रिवाज़ अलग हैं: कुछ लोग जमाअत में बैठकर बातें सुनते हैं (मजलिस), कुछ जुलूस निकालते हैं, और कुछ लोग घरों में खैरात बांटते हैं। ये सब इरादे और सद्भाव से होते हैं — इसलिए हिसाब-नियाम और स्थानीय नियमों का पालन ज़रूरी है।

कैसे रखें सुरक्षा और इज्जत दोनों?

मुहर्रम के दौरान सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। अगर आप जुलूस में जा रहे हैं तो आयोजक की सूचनाओं पर ध्यान दें — रूट, समय और इमरजेंसी सेवाएँ क्या हैं। भीड़-भाड़ में हलचल से बचने के लिए खुद और अपने बुजुर्गों का ख्याल रखें।

कुछ पाबंदियां होती हैं — आवाज़, कटिंग या हिंसक व्यवहार से बचें। सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी से हिस्सा लें और कानून-प्रवर्तन का सहयोग करें। अगर आप खाने या पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, तो साफ-सफाई और सुरक्षित पैकेजिंग पर ध्यान दें।

अगर आप खुद मौलिक जानकारी चाहते हैं तो स्थानीय इमाम से पूछें या भरोसेमंद धार्मिक स्रोत देखें। मुहर्रम व्यक्तिगत भावनाओं से जुड़ा होता है — दूसरों के जज़्बात का सम्मान करना सबसे बड़ा तरीका है।

मुहर्रम केवल एक धार्मिक तारीख नहीं, बल्कि समुदाय, याद और सेवा का मौसम भी है। चाहे आप मजलिस में जाएँ, खाने में मदद करें या अफवाहों से दूर रहें — आपका तरीका शांतिपूर्ण और सम्मानजनक होना चाहिए। यही सही भावना है जो इस महीने को सार्थक बनाती है।

मुहर्रम के चलते भारतीय शेयर बाजार बंद: आगे की छुट्टियों की जानकारी

मुहर्रम के चलते भारतीय शेयर बाजार बंद: आगे की छुट्टियों की जानकारी

मुहर्रम के चलते आज, 17 जुलाई 2024 को भारतीय शेयर बाजार बंद हैं। मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने की शुरुआत है और इस महीने को इस्लाम में पवित्र माना जाता है। सभी सेगमेंट, जैसे इक्विटी, डेरिवेटिव और SLB सेगमेंट आज बंद रहेंगे। MCX का उद्घाटन सत्र भी बंद रहेगा लेकिन शाम के सत्र में पुनः खुल जाएगा। इस वर्ष की कुल 14 छुट्टियों में से यह एक है।

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