सभी टेस्ट देशों के खिलाफ सदी: क्रिकेट के ऐतिहासिक पल और टीमों की जीत
जब कोई बल्लेबाज़ सभी टेस्ट देशों के खिलाफ सदी, एक ऐसी उपलब्धि जिसमें खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में सभी प्रतिस्पर्धी देशों के खिलाफ शतक बनाता है हासिल करता है, तो वो केवल रन नहीं बनाता—वो इतिहास रचता है। ये उपलब्धि किसी भी बल्लेबाज़ के लिए सिर्फ़ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि उसकी लगन, स्थिरता और अनुकूलन की परीक्षा है। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी टीमों ने इस रिकॉर्ड को नए आयाम दिए हैं—कभी धीमे गेंदबाज़ों के खिलाफ, कभी तेज़ गेंदों के सामने, और कभी दबाव में बनाए गए शतकों ने इसे और भी अनोखा बना दिया।
इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट, क्रिकेट का सबसे पारंपरिक और लंबा फॉर्मेट, जहाँ मैच चार दिन तक चलते हैं में सबसे तेज़ 100+ रन का जुआ लगाया—सिर्फ़ 12.4 ओवर में। ये न सिर्फ़ एक रिकॉर्ड था, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के खेल के तरीके को बदल देने वाला मोड़ था। न्यूजीलैंड ने अपनी महिला टीम के साथ महिला टी20 विश्व कप, महिला क्रिकेट का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट, जिसमें टीमें टी20 फॉर्मेट में खेलती हैं जीतकर दुनिया को दिखाया कि ताकत सिर्फ़ लंबे खेल में नहीं, बल्कि तेज़ फैसलों और रणनीति में भी होती है। और फिर आसिफ अफरीदी—38 साल के उम्र में पाकिस्तान क्रिकेट, एक ऐसा खेल जहाँ भावनाएँ और रिकॉर्ड एक साथ जुड़ जाते हैं के लिए टेस्ट डेब्यू करके उम्र के बारे में सोचने का तरीका ही बदल दिया।
ये सभी घटनाएँ अलग-अलग दिशाओं से आ रही हैं, लेकिन एक बात सामने आती है—क्रिकेट का दिल अभी भी धड़क रहा है। चाहे वो एक बल्लेबाज़ हो जो टेस्ट मैच में शतक बना रहा है, या एक महिला टीम जो विश्व कप जीत रही है, या एक वरिष्ठ गेंदबाज़ जो नई उम्र में डेब्यू कर रहा है—हर पल एक नया कहानी है। नीचे दिए गए पोस्ट्स में आप इन्हीं ऐतिहासिक पलों को विस्तार से पढ़ेंगे—जहाँ रिकॉर्ड्स बनते हैं, जीत दर्ज होती है, और खिलाड़ी अपने नाम को सोने के अक्षरों में लिख देते हैं।
शाई होप ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपराजित 109 रन बनाकर क्रिकेट के इतिहास में पहला खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने सभी 12 टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ शतक बनाया। यह उपलब्धि द्रविड़ और तेंदुलकर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ती है।
जारी रखें पढ़ रहे हैं...