विंबलडन 2024: जोकोविच, अल्कराज और भारतीय सितारे करेंगे कमाल

विंबलडन 2024: जोकोविच, अल्कराज और भारतीय सितारे करेंगे कमाल

विंबलडन 2024: टेनिस की दुनिया में एक और पन्ना जुड़ने को तैयार

विंबलडन 2024 के लिए ड्रॉ ज़ारी कर दिया गया है, और इस बार की प्रतियोगिता हो रही है और भी रोमांचक। इसमें नोवाक जोकोविच अपने 25वें मेजर सिंगल्स टाइटल को जीतने और रोजर फेडरर के आठ विंबलडन टाइटल्स के रिकॉर्ड की बराबरी करने केलिए पूरी तरह तैयार हैं। उनके लिए यह बहुत बड़ा अवसर है, जबकि अन्य खिलाड़ी उन्हें चुनौती देने के लिए कमर कस चुके हैं।

इस बार की प्रतियोगिता विशेष रूप से पहचानी जा रही है क्योंकि यह 137वां संस्करण होने के साथ ही, 130वीं बार लेडीज सिंगल्स इवेंट का आयोजन भी है। इसके अलावा यह 56वां ओपन एरा का इंवेट भी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे ATP और WTA टूर कैलेंडर के हिस्से के रूप में, ITF जूनियर और व्हीलचेयर प्रतियोगिताओं के तहत भी मान्यता मिली है।

कार्लोस अल्कराज और जन्निक सिनर की चुनौती

कार्लोस अल्कराज, जो वर्तमान चैंपियन हैं, उनको भी इस बार अपनी खिताबी रक्षा के लिए कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना होगा। वे अपनी बेहतरीन खेल शैली और दमदार फॉरहैंड की बदौलत कई चुनौतीपूर्ण मैचों के लिए तैयार हैं। वहीं जन्निक सिनर, जो शीर्ष वरीयता प्राप्त हैं, अपने पहले ही मैच में जर्मनी के याननिक हैंफमैन से मुकाबला करेंगे, जो काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। सिनर का मार्ग आगे और भी मुश्किलें लेकर आ सकता है, जिसमें दूसरे दौर में माटियो बेरेटिनी का सामना भी शामिल हो सकता है।

भारतीय दिग्गजों का प्रदर्शन

भारतीय दिग्गजों का प्रदर्शन

भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह विंबलडन का महत्व ज्यादा बढ़ गया है। पुरुष युगल में चार भारतीय खिलाड़ी मुख्य ड्रॉ में अपनी किस्मत आजमाएँगे। रोहन बोपन्ना मैथ्यू एबडेन के साथ, सुमित नागल सर्बिया के दुसान लाजोविक के साथ, युकी भांबरी फ्रांसीसी खिलाड़ी अलबानो ओलिवेत्ती के साथ और एन श्रीराम बालाजी स्थानीय पसंदीदा ल्यूक जॉनसन के साथ जोड़ी बनाएंगे। यह सभी खिलाड़ी टीमवर्क और समन्वय के दम पर अपने विरोधियों को चुनौती देंगे।

स्टान वावरिंका का करियर ग्रैंड स्लैम

टेनिस सितारों के बीच स्टान वावरिंका का लक्ष्य भी कम बड़ा नहीं है। वे अपने करियर ग्रैंड स्लैम को पूरा करने के उद्देश्य से मैदान में उतरेंगे। वह इस बार के विंबलडन में जीत हासिल करके अपनी विरासत को और मजबूत करना चाहेंगे। वावरिंका ने इससे पहले तीन ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और अब उनका लक्ष्य अपने करियर ग्रैंड स्लैम को पूरा करना है।

टूर्नामेंट की शुरुआत

टूर्नामेंट की शुरुआत

विंबलडन 2024 का आयोजन इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) के तत्वावधान में हो रहा है। इस बार टूर्नामेंट का स्तर और भी ऊंचा हो गया है और दुनियाभर के खिलाड़ी इसमें भाग लेने के लिए लंदन पहुंचे हैं। टूर्नामेंट जूनियर और व्हीलचेयर प्रतियोगिताओं के साथ ही ATP और WTA टूर का भी हिस्सा है, जिससे यह और भी विस्तृत और प्रतिस्पर्धात्मक बन गया है।

इस साल के टूर्नामेंट में सभी की निगाहें जोकोविच, अल्कराज, सिनर और भारतीय युगल प्रतिभाओं पर होंगी। प्रत्येक खिलाड़ी अपने दमखम को दिखाने के लिए तैयार है और हम सभी को इन मुकाबलों का बेसब्री से इंतजार है।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

नोवाक जोकोविच की ऑस्ट्रेलियन ओपन विजय में एंडी मरे का योगदान

नोवाक जोकोविच ने फ्रेंच ओपन में रोमांचक जीत से रॉजर फेडरर के रिकॉर्ड की बराबरी की

विंबलडन 2024: जोकोविच, अल्कराज और भारतीय सितारे करेंगे कमाल

Sreenivas P Kamath

अरे, जोकोविच फिर से बड़े लक्ष्य पर निशाना ले रहा है, बधाई हो! लेकिन खुद को इतना महफ़िल का सितारा मानना थोड़ा ओवरड्राइव है, नहीं? आपका कोचिंग साइड तो बस मजाक बना रहा है, असली मेहनत तो मैच में दिखेगी। अगर फेडरर की तरह रिकॉर्ड तोड़ना है तो दोनों पैर जमीन से जोड़ के खेलना पड़ेगा। अंत में, विंबलडन का मज़ा तब है जब सबको अपनी सीमा का पता चलता है।

Chandan kumar

भाई, ये टेनिस का हड़बड़ाबा साफ़ नहीं दिख रहा।

Swapnil Kapoor

टेनिस सिर्फ एक खेल नहीं, यह एक विचारशील संघर्ष का मंच है। विंबलडन में प्रत्येक सर्वर अपने शारीरिक और मानसिक सीमाओं को चुनौती देता है। जोकोविच अपनी उम्र में भी यदि लगातार खुद को बेहतर साबित नहीं करता तो वह इतिहास में केवल एक आंकड़ा बन रहेगा। अल्कराज ने अभी तक अपनी खिताबी रक्षा नहीं खोई है, पर वह भी नई रणनीतियों के बिना गिरावट का सामना करेगा। भारतीय युगल का प्रदर्शन केवल राष्ट्रीय गर्व नहीं, यह तकनीकी सहयोग का नतीजा है। युगल खेल में समन्वय ही जीत का मूलभूत नियम है, जिसका अभाव जीत को दूर धकेल देता है। सिचुएशन को विश्लेषण करने के बाद हम पाते हैं कि आधुनिकीकरण की कमी कई भारतीय खिलाड़ियों में दिखाई देती है। वहीं, स्टैन वावरिंका का ग्रैंड स्लैम लक्ष्य केवल व्यक्तिगत नहीं, यह महिला टेनिस में एक नया मानदंड स्थापित कर सकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये उसे न केवल फिजिकल फिटनेस बल्कि रणनीतिक बौद्धिक शक्ति भी चाहिए। टेनिस कोर्ट में विजयी होने के लिये लगातार प्रशिक्षण, पोषण और मानसिक दृढ़ता आवश्यक है। यदि खिलाड़ी इन सभी तत्वों को संतुलित नहीं कर पाता तो वह केवल एक अंकों की गणना तक सीमित रह जाएगा। अब दृष्टिकोण से देखें तो, एटीपी वडब्ल्यूटी दोनों टूरों में प्रतिस्पर्धा स्तर बहुत ऊँचा हो गया है। इस कारण, युवा प्रतिभाओं को शुरुआती दौर में ही कठोर परीक्षणों का सामना करना पड़ेगा। अंत में, सभी खिलाड़ियों को यह समझना चाहिए कि केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि खेल की समझ और अनुशासन भी जीत की कुंजी है। इस विचारधारा के साथ ही हम विंबलडन 2024 को एक सार्थक और यादगार टॉर्नामेंट बना सकते हैं।

kuldeep singh

वाओ! भारतीय युगल की जोड़ी को देखकर ऐसा लगा जैसे फिल्म में हाईस्पीड कार चेज़ हो! लेकिन अगर वे अपना समन्वय नहीं बिगाड़ते तो उनका डांस जैसा खेल देखकर सभी का दिल धड़क जाएगा। थोड़ा टेढ़ा-मेढ़ा अंदाज़ दिख रहा है, पर असली ड्रामा तो कोर्ट में ही होगा।

Shweta Tiwari

भाइयो और बहनों, इस विंबलडन में भारतीय टेनिसर की तैयारी को देखते हुये, यह अनिवार्य है कि हम बेलीफ करें कि वे अंतरराष्ट्रीय मानक को पुरा कर पाएंगे। परन्तु, कुछ खिलाड़ी अभी भी फिजिकल फ्लेक्सिबिलिटी में कमी दर्शाते हैं। यही कारण है कि उन्हें सपोर्ट सिस्टम की जरूरत पड़ेगी।

Harman Vartej

सबको मिलजुल कर देखना चाहिए, टेनिस में जीत बारीकी से आती है।

Amar Rams

विंबलडन का एट्रिब्यूटेड पॉइंट डिस्ट्रिब्यूशन और सर्विस एसेट मैट्रिक्स को देखते हुए, अल्कराज की स्ट्रैटेजिक प्लेबुकी मौडर्न एथलेटिक परफ़ॉर्मेंस को पुनर्परिभाषित कर सकती है।

Rahul Sarker

इंडिया की ताकत को कम आंकना मतलब अपने ही इतिहास को ही अनदेखा करना है! अल्कराज का खेल सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, वो राष्ट्रीय गर्व का प्रतिनिधित्व करता है। अगर हम असली पोर्टफोलियो नहीं देख पाएंगे तो हमारी अडवांस्ड ट्रेनिंग को भी सफ़लता नहीं मिलेगी।

Sridhar Ilango

सच में, तुम लोग जो राष्ट्रीय भावना को इतना हाई-फ़ाइव दे रहे हो, वह थोडा ओवरडोस लग रहा है। अल्कराज की टैक्टिक को लेकर तो मैं कहूँगा, वह सिर्फ एक रूटीन का हिस्सा है, ना कि कोई मैजिक बॉल। अगर हम इसको बहुत ऑवरहाइलाइट कर देंगे तो बाकी प्लयर्स का बेंचमार्क घटेगा। टेनिस को एथलेटिक्स से अलग करके देखना चाहिए, वरना सभी फाइल्स कॉन्फ्यूज़न में चलेंगी। इस वजह से हमारी एन्हांस्ड स्ट्रेटेजी को री-एवैल्यूएट करना जरूरी है।

priyanka Prakash

भाई, तुम्हारी बातों में बहुत इधर-उधर की कलाकारी है, पर असली बात तो यही है कि भारत को अभी भी अंतरराष्ट्रीय टेनिस में अपनी जगह बनानी है।

Pravalika Sweety

विंबलडन जैसे मंच पर भारतीय खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, यह हमारे खेल संस्कृति की प्रगति को दर्शाता है। उन्हें पूरा समर्थन देना चाहिए और साथ ही उनके प्रशिक्षण सुविधाओं में सुधार लाना चाहिए। इस तरह का सहयोग ही हमारे भविष्य को सशक्त बनाएगा।

anjaly raveendran

आख़िरकार, इतिहास में यह स्पष्ट है कि जब भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कदम रखा तो वह केवल प्रतिभा नहीं, बल्कि समग्र विकास का प्रतीक बन गया। इस तथ्य को अनदेखा करना खुद को अज्ञानता में जकड़ लेता है।

Danwanti Khanna

विंबलडन के इस सत्र में सभी खिलाड़ी तैयार लग रहे हैं, और हमारा भारतीय समूह भी नहीं! यह देखकर खुशी होती है। आशा है कि इस बार हमारे लोग भी मंच पर चमकेंगे।

Shruti Thar

डेटा दिखाता है कि भारतीय युगल का पासिंग रेट पिछले साल से 12% बढ़ा है।

Nath FORGEAU

देखा जाये तो टेनिस का माहौल आजकल थोड़ा बोरिंग लैग लग रहा है, पर विंबलडन में उत्साह जीवंत है।

Hrishikesh Kesarkar

यह बस सटकता हुआ रिव्यू नहीं है, बल्कि वास्तविक फीडबैक है।