आदिल राशिद का विराट कोहली पर दबदबा
आदिल राशिद ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को विराट कोहली के सबसे परिश्रमी विरोधी के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने कोहली को अब तक 11 बार आउट किया है, जिसमें पांच बार वनडे में, चार बार टेस्ट में और दो बार टी20 में शामिल हैं। यह आंकड़ा उन्हें जोश हज़लवुड और टिम साउथी के साथ जोड़ता है जिन्होंने कोहली को दिक्कतों में डाला है। राशिद की सफलता कोहली की तेज़ टर्न और विविधताओं के खिलाफ कमजोरियों का फायदा उठाने की उनकी क्षमता से जुड़ी है, खासकर वनडे में जहां कोहली ने उनके खिलाफ मात्र 22.40 की औसत से रन बनाए हैं।

उनके मुकाबले का नया पड़ाव
इन दोनों के बीच संघर्ष ने एक नया चरण फऱवरी 2025 में अहमदाबाद में खेले गए तीसरे वनडे में पार किया, जब राशिद ने कोहली को लगातार दूसरी बार आउट किया। यह उस गेंद के जरिए हुआ जो तेज़ से मुड़ी और बाहरी किनारा लेकर कोहली के ऑउट होने का कारण बनी। हालाँकि कोहली ने उसी मैच में 73वां वनडे अर्धशतक भी पूरा किया, लेकिन राशिद के खिलाफ उनकी समस्याएं बरकरार रहीं, जो उनके मुकाबले के एक प्रमुख हिस्से को दर्शाती हैं।
राशिद की उड़ती गेंदबाज़ी और विविधताओं ने कोहली को लगातार चुनौती दी है। यह गतिशीलता राशिद को भारतीय बल्लेबाजी के द्वारा स्थायियों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरे के तौर पर विकसित करती है। दूसरी ओर, कोहली को इस प्रकार की चुनौतियां आधुनिक क्रिकेट में स्वीकार कर आगे बढ़ने की दरकार है, जिसमें उनकी सफलता राशिद जैसे गेंदबाज़ों के खिलाफ खुद को बेहतर करने में निहित है।
akshay sharma
आदिल राशिद का कोहली पर लगातार दबदबा वाकई में क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहा है। आपकॊ याद होगा कि जब انہوں نے پہلی बार कोहली को आउट किया था, तो स्टेडियम में गड़गड़ाहट गूँज उठी। वह नहीं सिर्फ़ एक स्पिनर है, बल्कि वह एक जासूस जैसा है जो कोहली की तकनीकी कमियों को बारीकी से नापता है। उन्हें गोल्डन स्टिक पर घर जैसा माहौल मिलता है, और वही कारण है कि वह हमेशा तेज़ी से मोड़ लेता है। कोहली की तेज़ टर्न और अक्रॉस शॉट्स से वह परे हो जाता है, क्योंकि उनके पास एक अंधेरा रहस्य है। वे कई बार कहा जाता है कि वह अपने कंधे के पीछे एक छोटा कंप्यूटर रखता है जो कोहली की हर चाल को गणना करता है। यह सिद्धांत बेतुका लगता है, परन्तु आँकड़े खुद ही इस बात की तसल्ली देते हैं। राशिद ने अब तक कोहली को 11 बार आउट किया है, जिसमें पाँच बार वनडे में, चार बार टेस्ट में और दो बार टी‑20 में। इस आंकड़े को देखते हुए वह जोश हज़लवुड और टिम साउथी जैसी दिग्गजों के साथ बराबर हो गया है। कोहली ने उस मैच में 73 रन बनाकर दिखा दिया कि वह कभी हार नहीं मानता, परन्तु राशिद की गेंदें उनके पैर की बूँदें बन गईं। अहमदाबाद में उन्होँ ने अक्सर अपनी चाबुक जैसी स्पिन का इस्तेमाल किया, जो बॉल को घुमा कर किनारे पर ले आती है। वास्तव में, यह स्पिनर गेंद को मानो चुपके से असलियत में बदल देता है, जिससे बावरिंग लाइन में दिक्कत पैदा होती है। कोहली को यह सिखाने की जरूरत है कि वह अपनी पिच पढ़ने की क्षमता को तेज़ करे, नहीं तो ऐसे ही दौर चलता रहेगा। आखिरकार, क्रिकेट का खेल सिर्फ़ शक्ति नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता और रणनीति का भी खेल है। राशिद का यही असली हथियार है – वह हर बॉल में एक नई पहेली रखता है, जिसे कोहली को हल करना पड़ेगा।