आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025: भारत की पहली हार, दक्षिण अफ्रीका ने 84* से जीत दर्ज की

आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025: भारत की पहली हार, दक्षिण अफ्रीका ने 84* से जीत दर्ज की

जब स्मृति मंदाना, भारत महिला क्रिकेट टीम की कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनली, तब ही कोई नहीं जानता था कि यह फैसला टीम को पहले मैच में ही दक्षिण अफ्रीका की कड़ी टोपी के पीछे धकेल देगा। आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025 के इस दौर में भारत की अब तक की अपराजित क्रम समाप्त हुआ, और दक्षिण अफ्रीका ने तीन विकेट बचते हुए सात गेंदों में लक्ष्य 252 हासिल कर ली।

मैच का सारांश

अभिनव टीमों के बीच इस मुकाबले को अज्ञात स्थल पर खेला गया, जहाँ दोनों तरफ़ों ने अपने‑अपने बल दिखाने की कोशिश की। भारत ने 50 ओवर में 251 रन बनाकर अपनी पारी पूरी की, जबकि दक्षिण अफ्रीका ने 47.3 ओवर में वही लक्ष्य हासिल किया। भारत की पारी में बीच में 102/6 का झटका लगा, पर रिचा घोष (22) ने 94 रन की दमदार पारी खेली और साथ ही अमनजोत कौर के साथ 51‑रन का साझेदार बनाया। उसके बाद स्नेह राणा के साथ 88‑रन का सुसंगत साझेदारी बना, जिसने टीम को 251 तक पहुंचा दिया।

भारत के स्कोरकार्ड की जाँच

भारत की शुरुआती जोड़ी स्मृति मंदाना और प्रतीका रावल ने मीठा प्रारम्भ किया, परन्तु बीच में बारी‑बारी से विकेट गिरते गये और स्कोरबोर्ड पर 102/6 का घातक निशान रह गया। इस घातक दौर में रिचा घोष ने धीमी गति से धावा बोला, क्रमशः 94 रन बनाकर टीम को बचाया। साथ‑साथ क्रांती गौड़, 21‑वर्षीय रोमांचक गेंदबाज़, ने 47वें ओवर में 18 रन दिए, जिससे दक्षिण अफ्रीका को बुनियादी फ़ायदा प्राप्त हुआ।

दक्षिण अफ्रीका की जीत की कहानी

दक्षिण अफ्रीका की शुरुआती जोड़ी लोरा वोल्वार्ड (24) और ख्लोई ट्रायन (30) ने 61 रन की ठोस साझेदारी की। वोल्वार्ड ने अपना अर्धशतक पूरा किया, परन्तु जल्द ही गिर गई। फिर ट्रायन ने तेज़ गति से नाडिन डे क्लेर् (23) के साथ 69‑रन का नया गठजोड़ किया। ट्रायन को कैल्फ़ी दर्द का सामना करना पड़ा, फिर भी उसने 49 रन बनाए; 41 रन बाकी होते हुए 25 गेंद में वह आउट हो गई। अब दबाव नाडिन के कंधों पर आया। उन्होंने 47वें ओवर में 18 रन (तीन चौके और एक छक्का) दिए, जिससे लक्ष्य नजदीक आया और अंततः 84* अनबिटन पर जीत का शिकार बन गईं।

खिलाड़ियों के अहम योगदान

खिलाड़ियों के अहम योगदान

  • रिचा घोष – 94 रन, 1 विकेट, टीम को 102/6 से पुनर्जीवित किया।
  • स्नेह राणा – 33 रन, आठवां विकेट, मध्य‑क्रम को स्थिर किया।
  • नाडिन डे क्लेर् – 84* रन, दबाव में अडिग, 47वें ओवर में 18 रन देकर मैच बदल दिया।
  • ख्लोई ट्रायन – 49 रन (कैल्फ़ी चोट के बावजूद), दो महत्वपूर्ण साझेदारियों का नेतृत्व किया।
  • लोरा वोल्वार्ड – 55 रन, टीम को शुरुआती स्थिरता दी।

आगे के प्रभाव और भविष्य की राह

इस हार ने भारत के समूह‑स्तर के फेज़ में दबाव बढ़ा दिया है। अब अगले दो मैचों में जीत पाकर भारत को क्वार्टर‑फ़ाइनल में जगह बनानी होगी। वहीं दक्षिण अफ्रीका की इस जीत ने उन्हें समूह तालिका में तीसरे स्थान पर ले जाया है, जिससे आगे के दौर में अधिक आसान प्रतिद्वंद्वी मिलने की संभावना है। कोचेज़ ने कहा है कि भारत का बरपाई‑बॉलिंग प्लान अब मजबूत होना चाहिए, जबकि दक्षिण अफ्रीका ने अपनी मध्य‑क्रम की ताकत को अब और निखारने का वादा किया है।

पिछला इतिहास और तुलनात्मक दृष्टिकोण

पिछला इतिहास और तुलनात्मक दृष्टिकोण

आईसीसी महिला वर्ल्ड कप के पिछले संस्करणों में भारत ने 2017 में फाइनल तक पहुंच कर चमक दिखाई थी, पर 2022 में उन्होंने समूह चरण में ही बाहर हो गए थे। इस बार की पहली हार, 2013 के मुकाबले की तरह, टीम को नई रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है। दक्षिण अफ्रीका ने 2022 में भी समूह चरण में असफलता देखी थी, पर इस बार उनका दबाव संभालने का तरीका सुधार दिखा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारत की हार का मुख्य कारण क्या था?

मुख्य कारण मध्य‑क्रम का ढहना था। 102/6 पर पहुँचने पर टीम ने तेजी से दो अतिरिक्त साझेदारियाँ बनाई, पर कुल मिलाकर राणियों का समर्थन न होने से लक्ष्य 251 बना। विशेष रूप से 47वें ओवर में क्रांती गौड़ को दिया गया 18 रन, दक्षिण अफ्रीका को जीत के करीब ले गया।

नाडिन डे क्लेर् की जीत में भूमिका कितनी महत्वपूर्ण थी?

बहुत महत्वपूर्ण। 84* अनबिटन के साथ उन्होंने दबावभरे अंतिम ओवर में 18 रन मारे, जिससे लक्ष्य 252 के करीब आया और अंततः केवल तीन विकेट बचते हुए जीत पक्की हुई। उनका ठंडा दिमाग और तेज़ चलन टीम को आखिर तक संगठित रखता है।

समूह तालिका में भारत की वर्तमान स्थिति क्या है?

इस हार के बाद भारत दो जीतों की आवश्यकता में है। अगर अगले दो मैचों में जीतता है तो वह क्वार्टर‑फ़ाइनल में जगह बना लेगा, अन्यथा टॉप‑फोर में रहने का झटका मिल सकता है।

भविष्य के मैचों में कौन से खिलाड़ी मुख्य भूमिका निभा सकते हैं?

भारत के लिए रिचा घोष और स्मृति मंदाना की बल्लेबाज़ी अहम रहेगी, जबकि स्पिनर पायलट बंधन और डेसि वैन मैस की गेंदबाज़ी को ठीक करना पड़ेगा। दक्षिण अफ्रीका के लिए नाडिन डे क्लेर्, लोरा वोल्वार्ड और ख्लोई ट्रायन की मध्यम क्रम की स्थिरता निर्णायक होगी।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Meera Kamat

वाह! टीम ने आख़िरी ओवर में जो धक्का दिया, उससे दिल धड़कने लगा 😃
अब हमें अगले खेल में वही जज़्बा दिखाना है!

Abhinav Chauhan

देख बेटा, टॉस पे बैटिंग चुनना तो बकवास था, हमें सॉरिंग बॉल की जरूरत थी। बैटिंग पे फोकस करके हारने का बहाना मत बनाओ।

Shailendra Thakur

बिलकुल सही कहता है तुम, पर असली मसला तो क्रीज़र गैप था, जजेज़ को तो पता ही नहीं कि कब बॉल डाली गई। हमारी तरफ से भी कुछ खामियां ही रही।

Roushan Verma

सच्ची बात तो ये है कि दोनों टीमों ने शानदार खेल दिखाया, और दर्शकों ने शानदार अनुभव लिया। आगे की मैचों में टीम को थोड़ा और संतुलन चाहिए।

kajal chawla

अरे यार, ये सब जो दिख रहा है वो सब फिक्स्ड है!!! रिजल्ट पहले से तय हो चुका है... !! इस तरह की हार कभी नहीं होनी चाहिए!!