अक्षय कुमार की 'Khel Khel Mein' बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत, स्वतंत्रता दिवस पर सबसे कम कमाई अंकित की

अक्षय कुमार की 'Khel Khel Mein' बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत, स्वतंत्रता दिवस पर सबसे कम कमाई अंकित की

अक्षय कुमार की 'Khel Khel Mein' की धीमी शुरुआत

अक्षय कुमार की नई कॉमेडी फिल्म 'Khel Khel Mein' का बॉक्स ऑफिस पर पहला दिन उम्मीदों के विपरीत काफी निराशाजनक रहा। फिल्म ने केवल 5 करोड़ रुपये की कमाई की, जो स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज की गई फिल्मों में सबसे कम रही। निर्देशन मुदस्सर अज़ीज़ के इस फिल्म में कई जाने-माने कलाकारों ने अभिनय किया है, जिनमें अक्षय कुमार, तापसी पन्नू, वाणी कपूर, अम्मी विर्क, फरदीन खान, आदित्य सील और प्रज्ञा जायसवाल शामिल हैं।

प्रति फ़िल्म की प्रतिस्पर्धा

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'Khel Khel Mein' के साथ 'Stree 2' और 'Vedaa' भी रिलीज हुईं, जिनसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। जबकि 'Stree 2' ने धमाकेदार शुरुआत करते हुए 40 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, 'Vedaa' ने भी 'Khel Khel Mein' से बेहतर प्रदर्शन किया।

फिल्म की धीमी शुरुआत के पीछे एक मुख्य कारण इसका शहरी केद्रित होना और बड़े सिनेमा चेन के बाहर सीमित रिलीज होना माना जा रहा है, जिससे सिंगल-स्क्रीन थिएटर्स में फिल्म का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। हालांकि, दोपहर और शाम के शोज़ में फिल्म का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन फिर भी इसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

फिल्म का प्लॉट और बजट

फिल्म का प्लॉट और बजट

'Khel Khel Mein' 2016 की इटालियन कॉमेडी थ्रिलर 'Perfect Strangers' का रूपांतरण है और 7 दोस्तों की कहानी है जो एक अनोखा गेम खेलते हैं, जो उनके जीवन में अप्रत्याशित मोड़ों का कारण बनता है। फिल्म का बजट करीब 100 करोड़ रुपये है, जिसमें निर्माण और विज्ञापन लागत शामिल हैं। वर्तमान में यह फिल्म भारत के लगभग 2000 स्क्रीन पर दिखाई जा रही है।

हालांकि, अक्षय कुमार की हाल ही के फिल्मों का प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर अच्छा नहीं रहा है। 'Khel Khel Mein' उनके इस साल का तीसरा फ्लॉप फिल्म साबित हो रही है। अभिनेता को अब अपनी आगामी परियोजनाओं, जैसे 'Jolly LLB' के सीक्वल और मैडॉक की यूनिवर्स से एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म से काफी उम्मीदें हैं।

फिल्म की धीमी शुरुआत के बावजूद, प्रोडक्शन हाउस और अधिकतम संग्रहित करने की सारी कोशिशें कर रहे हैं। आने वाले दिनों में फिल्म का ग्राफ केवल तब ही ऊपर जा सकता है जब यह दर्शकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया हासिल करे। 'Khel Khel Mein' की कहानी और कॉमेडी का जादू अगले कुछ दिनों में दर्शकों को लुभा पाता है या नहीं, यह देखना होगा।

स्टार कास्ट और निर्देशन की बात

स्टार कास्ट और निर्देशन की बात

इस फिल्म की स्टार कास्ट काफी प्रभावशाली है। अक्षय कुमार और तापसी पन्नू जैसे बड़े नामों के साथ फिल्म को लेकर उम्मीदें थीं कि यह बॉक्स ऑफिस पर धमाका करेगी। निर्देशक मुदस्सर अज़ीज़ का पिछले फिल्मों में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, इसलिए उनसे भी काफी अपेक्षाएं थीं।

फिल्म की जानदार और रोचक कहानी के बावजूद इसमें वह आकर्षण और पकड़ नहीं दिखाई देता जिसकी वजह से दर्शक संख्याओं में सिनेमाघरों की ओर रुख करें।

कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स हैं लेकिन ऐसा लगता है कि कॉमेडी का प्रभाव वहीं तक सीमित रह जाता है जहां तक इसे बढ़ावा दिया गया है।

इन सब बातों के बीच, 'Khel Khel Mein' को अगले कुछ दिनों में ट्वीस्ट और बदलते समीक्षाओं के साथ देखा जा सकता है। अक्षय कुमार की इस फिल्म के पक्ष में कुछ दिहाड़ी और कुछ किस्मत का खेल भी हो सकता है। 'Khel Khel Mein' बॉक्स ऑफिस पर एक शानदार वापसी कर पाती है या नहीं, यह समय ही बताएगा।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Anand mishra

भाई लोग, देखो तो सही कि 'Khel Khel Mein' का बॉक्स ऑफिस पर इतना धीमा चलना हमारे सिनेमा के बदलते परिदृश्य की एक लकीर दिखाता है। पहले तो कैमरा त्वरित चलाने वाले निर्देशक मंडल को सलाम है, पर फिर भी दर्शकों की उत्सुकता में कमी आना आश्चर्यजनक नहीं है। फिल्म का बजट बड़ा है, लेकिन रिलीज़ वही बड़े चेन सिनेमा में नहीं हो पाई, इस वजह से छोटी गैलरी में कम दर्शक आए। शहरी केन्द्रित कहानी का असर ग्रामीण इलाकों में कम पड़ता है, जहाँ लोग पहलू के साथ जुड़ना चाहते हैं। दोपहर के शोज़ में थोड़ा सुधार दिखा, पर शाम को जब भीड़ खींची जाती है तो वह भी सिर्फ आधी होती है। कॉमेडी का जादू तभी काम करता है जब वह रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा हो, पर यहाँ बहुत अधिक विदेशी लोकेशन का प्रयोग किया गया। मुख्य कलाकारों की लोकप्रियता तो है, लेकिन कहानी में गहराई नहीं है, इसलिए फैंस का भरोसा टूटता है। पोस्टर और ट्रेलर में जो हँसी का वादा किया गया, वह वास्तविकता में नहीं दिखा। रिलीज़ का दिन स्वतंत्रता दिवस था, पर सार्वजनिक मनोबल का अंदाज़ा नहीं लगाया गया था। सिनेमा थिएटर में जगह की कमी और टिकट की कीमत भी दर्शकों को पीछे धकेलती है। जैसा कि हम सब जानते हैं, फिल्म की सफलता सिर्फ स्टार पावर पर नहीं, बल्कि शब्द और विचारों की गहराई पर निर्भर करती है। इस फिल्म में वह गहराई नहीं है, इसलिए बॉक्स ऑफिस की कमाई भी कम रही। अब प्रोडक्शन हाउस को चाहिए कि वे अगले दिन में प्रचार को दोबारा सशक्त बनाएं, शायद कुछ रिव्यूज़ को सुधारने की कोशिश करें। अगर दर्शकों की प्रतिक्रिया सकारात्मक होगी तो ग्राफ़ ऊपर जा सकता है, नहीं तो यह फिल्म धुंध में खो जाएगी। अंत में, हम सभी को उम्मीद करनी चाहिए कि अक्षय साहब की अगली परियोजना में बेहतर परिणाम मिलेगा।

Prakhar Ojha

ये क्या बकवास है, फिल्म का प्रचार इतना घटिया कि लोग तकलीफ़ में हैं! बजट तो 100 करोड़ का था, पर नटखट स्टोरी लाइन से कोई नहीं जुड़ पा रहा। पूरी फिल्म में हँसी का झटका नहीं, सिर्फ उबाऊ मोमेंट्स का बेकार कलेक्शन। बॉक्स ऑफिस की कमाई देख के तो दिल ही नहीं पड़ता, असली दर्द दिख रहा है।

Pawan Suryawanshi

यार, मैं तो बस देख रहा था कि कैसे फिल्म की शुरुआत में सब कुछ उल्टा पुल्टा हो गया। 🎬 पहली बार देख रहा हूँ कि एग्ज़िट पर भी दर्शकों की भीड़ नहीं है। फिर भी दोपहर के शोज़ में थोड़ा सुधार दिखाई दिया, जैसे कभी‑कभी पेड़ पर पत्ते गिरते हैं। पर शाम को जब सिनेमा में लोग नहीं आते, तो हमें सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या सच्ची कॉमेडी का मतलब सिर्फ गंदे चुटकुले है? 🎭 फिल्म का प्लॉट इटालियन फिल्मों से आया है, पर भारतीय दर्शक को समझाना आसान नहीं होता। कई लोग सोचते हैं कि सिर्फ बड़े स्टार्स ही फ़िल्म को बचा सकते हैं, पर कहानी की पकड़ नहीं हुई तो सब फॉल्टेड हो जाता है। हमारे लोकल थियेटर में स्क्रीन थोड़ा छोटा था, और साउंड सिस्टम भी धुंधला, इसलिए हँसी का असर कम हो गया। दर्शकों की प्रतिक्रिया में भी मिश्रित भावनाएँ देखी गईं, कुछ लोग हँसे तो कुछ बोर हो गए। इसलिए मैं मानता हूँ कि भविष्य में ऐसे प्रोजेक्ट्स को अधिक स्थानीय सेंस में लाना चाहिए, ताकि सबको समझ में आए। अंत में, अब देखना है कि असली कॉमेडी कब आती है, और क्या यह फिल्म उस मुकाम तक पहुँचेगी? 🙃

Harshada Warrier

yeh sab to secret agenda lag raha hai, sarkar ki deep state film ko niche lane ki planning kar rahi h. aise release date chestar se choose ki gayi ki audience ko confuse kar sake. koi bhi real numbers nahi dikh rahe, sab fake heh.

Jyoti Bhuyan

चलो, इस में हम सबको थोड़ा मोटिवेशन देना चाहिए। चाहे बॉक्स ऑफिस कितनी भी धीमी क्यों न हो, अक्षय जी की ऊर्जा और प्रयास सराहनीय है। अगली फिल्म में नई कोशिशों और सकारात्मक बदलावों की उम्मीद रखे। हमें साथ मिलकर समर्थन देना चाहिए, क्योंकि हर फेल्योर के पीछे सीख छुपी होती है।

Sreenivas P Kamath

ओह, ये बॉक्स ऑफिस की लड़ाई तो फिर से वही पुरानी कहानी है।

Madhav Kumthekar

अभी तक देखी गई रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म का प्रदर्शन कई कारणों से सीमित रहा है। कुछ प्रमुख बिंदु जैसे सीमित स्क्रीन शेयर और शहर‑केन्द्रीकृत कहानी को सुधारने से आगे का ग्रोथ सम्भव हो सकता है। यदि प्रोडक्शन हाउस ने डिजिटल मार्केटिंग में और निवेश किया तो दर्शकों के बीच जागरूकता बढ़ेगी। साथ ही, टार्गेटेड प्रमोशन स्थानीय स्तर पर भी मददगार हो सकता है। भविष्य में अगर कहानी में स्थानीय रंग जोड़ दिया जाये तो फीडबैक बेहतर हो सकता है।