जब अनंत मुकेश अंबानी, कार्यकारी निदेशक of रिलेयंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 1 मई 2025 से पाँच साल के लिए नियुक्त किया गया, तो उनका वार्षिक वेतन ₹10 करोड़ से ₹20 करोड़ के बीच तय हुआ। यह घोषणा 29 जून 2025 को शेयरधारकों को भेजे गए नोटिस में की गई, जिसमें लाभ‑आधारित अतिरिक्त पारिश्रमिक की भी बात कही गई।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और रिलेयंस का इतिहास
रिलेयंस का संस्थापक धीरूभाई अंबानी ने 1966 में एक छोटा ट्रेडिंग फर्म शुरू किया था, जिसे आज दुनिया की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय समूहों में गिना जाता है। उनका बड़ा बेटा, मुकेश हिराचंद अंबानी, वर्तमान में कंपनी के चेयरमैन और Managing Director हैं और एशिया के सबसे धनी व्यक्ति के रूप में भी पहचाने जाते हैं।
2023 में, मुकेश अंबानी ने अपने तीन बच्चों—अनंत (30 वर्ष), इशा (36 वर्ष) और अकश (36 वर्ष)—को गैर‑कार्यकारी निदेशक के तौर पर बोर्ड में बैठाया। उस दौर में उन्हें केवल बैठकों की उपस्थिति के लिए ₹4 लाख की शुल्क और ₹97 लाख का कमीशन मिलता था। अनंत ही पहला है जो इस परिधि से बाहर निकल कर कार्यकारी पद पर पहुंचा है।
वेतन‑संरचना का विस्तृत विवरण
शेयरधारकों द्वारा मंज़ूर किए गए पैकेज में तीन प्रमुख घटक शामिल हैं:
- बेसिक वेतन: ₹10 कोर से ₹20 कोर वार्षिक, बोर्ड की स्वीकृति पर अंतरण।
- परकीय भत्ते: फर्नीचर‑सहित आवास या HRA, गृह रख‑रखाव, गैस‑विद्युत‑जल खर्चों का पुनर्भुगतान, तथा स्वयं और परिवार के लिए यात्रा भत्ता।
- लाभ‑आधारित पारिश्रमिक: कंपनी के नेट प्रॉफिट के आधार पर HRNR कमिटी द्वारा निर्धारित अतिरिक्त भुगतान, साथ ही वार्षिक वृद्धि भी इसी कमिटी द्वारा तय होगी।
यह पैकेज 1 मई 2025 से प्रभावी है, जबकि अनुमोदन बोर्ड बैठक 15 अप्रैल 2025नवी मुंबई में हुआ था।
अभी अनंत की नई ज़िम्मेदारियाँ
कार्यकारी निदेशक के पद पर अनंत का प्रमुख क्षेत्र ‘एनर्जी’ है। इसमें पारंपरिक तेल‑रिफाइनिंग से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा, सॉलिड‑बायो‑गैस (CBG) प्लांट और गीगा‑फैक्टरी तक का विस्तार शामिल है। वे तेल‑से‑केमिकल्स प्रोजेक्ट, नई ऊर्जा गीगा‑फ़ैक्टरी, तथा रिलायंस के रियल एस्टेट पोर्टफोलियो की देख‑रेख भी संभालेंगे।
अंत में, अनंत ने ‘वंतारा’ नामक वन्य‑जीव संरक्षण परियोजना पर काम किया है, जो जामनगर में 3,000 एकड़ भूमि पर स्थित है; इसे वह ‘जंगल का सितारा’ कहना पसंद करते हैं। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य विश्व‑स्तरीय ज़ू और पुनरुद्धार केंद्र बनना है। इस पहल को जामनगर, गुजरात में स्थित रिलायंस रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के भीतर विकसित किया जा रहा है।

बाजार और विश्लेषकों की प्रतिक्रियाएँ
शेयरधारकों की मतदान प्रक्रिया के बाद, बाजार ने इस खबर पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। कुछ निवेशक ने कहा कि 10‑20 कोर का वेतन एक बड़े समूह में सामान्य है, जबकि अन्य ने बताया कि लाभ‑आधारित संरचना कंपनी के प्रदर्शन को सुदृढ़ करने में मदद करेगी। इक्विटी विश्लेषक राजेश प्रताप (कैल्कुलेट रिसर्च) ने नोट किया, “अनंत का कार्यकारी पद रिलेयंस की पीढ़ी‑परिवर्तन रणनीति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है, और यह निवेशकों को दीर्घकालिक स्थिरता का भरोसा देता है।”
वहीं, कॉर्पोरेट गवर्नेंस संस्थान ने इस पैकेज को ‘पारदर्शी’ बताया, लेकिन यह भी कहा कि निरंतर निगरानी आवश्यक है, खासकर जब दोनों ही ‘वेतन’ और ‘लाभ‑आधारित बोनस’ का अनुपात बड़ा हो।
आगे का रास्ता और संभावित चुनौतियाँ
भविष्य की दृष्टि में, अनंत को री‑एनर्जी सेक्टर में रिलायंस को वैश्विक नेता बनाना है। भारत में CBG प्लांट की तेज़ गति से स्थापना, साथ ही ग्रीनहाउस‑गैस कम करने के लक्ष्य को लेकर कंपनी ने बड़े निवेश की घोषणा की है। यदि ये परियोजनाएँ सफल रहती हैं, तो अनंत की भूमिका कंपनी के वाणिज्यिक मॉडल को पुनः परिभाषित कर सकती है।
दूसरी ओर, वैश्विक ऊर्जा कीमतों में उतार‑चढ़ाव और नियामक नीतियों में परिवर्तन जोखिम बना रहता है। इस परिदृश्य में अनंत के निर्णयों की दिशा एवं HRNR कमिटी की निकटता से निगरानी महत्वपूर्ण होगी।

मुख्य तथ्य
- अनंत अंबानी को 1 मई 2025 से 5‑साल की कार्यकाल के लिए कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया।
- वार्षिक मूल वेतन ₹10 कोर‑₹20 कोर के बीच तय।
- परकीय भत्ते में आवास, रख‑रखाव, यूटिलिटी और पारिवारिक यात्रा शामिल।
- लाभ‑आधारित बोनस HRNR कमिटी द्वारा कंपनी के नेट प्रॉफिट पर आधारित।
- मुख्य जिम्मेदारियों में ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट और ‘वंतरा’ वन्य‑जीव परियोजना शामिल।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अनंत अंबानी के वेतन में बदलाव का कंपनी की लाभप्रदता पर क्या असर पड़ेगा?
बेसिक वेतन निश्चित है, पर लाभ‑आधारित बोनस कंपनी के नेट प्रॉफिट पर निर्भर करता है। इस प्रकार, यदि रिलेयंस के ऊर्जा प्रोजेक्ट्स सफल होते हैं, तो अतिरिक्त पारिश्रमिक बढ़ेगा, जिससे शेयरधारकों के लिए भी सकारात्मक संकेत मिलेगा।
कौन-कौन से मुख्य जिम्मेदारियों को अनंत अंबानी संभालेंगे?
ऊर्जा व्यवसाय का विस्तार, सॉलिड‑बायो‑गैस प्लांट, नई नवीकरणीय ऊर्जा गीगा‑फ़ैक्टरी, रियल एस्टेट पोर्टफोलियो की देख‑रेख, और ‘वंतरा’ वन्य‑जीव संरक्षण परियोजना।
क्या इस नियुक्ति से रिलेयंस की पीढ़ी‑परिवर्तन रणनीति स्पष्ट होती है?
हां। अनंत की कार्यकारी पदस्थापना दर्शाती है कि समूह अपने भविष्य के नेतृत्व को युवा वर्ग में सशक्त कर रहा है, विशेषकर ऊर्जा और डिजिटल अनुकूलन में।
शेयरधारकों ने इस वेतन पैकेज को कैसे मंजूरी दी?
वित्तीय वर्ष 2025‑2026 के दौरान, शेयरधारकों को पोस्टल मतदान के माध्यम से पैकेज पर सद्भावना व्यक्त करनी पड़ी, जैसा कि SEBI के नियमन में निर्धारित है। अधिकांश बड़े संस्थागत निवेशकों ने समर्थन दिया।
‘वंतरा’ परियोजना का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
3000 एकड़ में वन्य‑जीव पुनरुद्धार केंद्र और विश्व‑स्तरीय ज़ू बनाकर जैवविविधता को संरक्षित करना, साथ ही स्थानीय रोजगार सृजन करना। यह जामनगर के रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स में स्थित है।
Anand mishra
अनंत अंबानी का नया पद रिलेयंस के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
पाँच साल का कार्यकाल उन्हें ऊर्जा सेक्टर में गहराई से जुड़ने का अवसर देता है।
उनके वेतन की श्रेणी ₹10‑20 करोड़ भी इस बात को दर्शाती है कि बोर्ड उन्हें कितना महत्व देता है।
लेकिन सिर्फ वेतन नहीं, बल्कि लाभ‑आधारित बोनस संरचना दी गई है जो कंपनी की लाभप्रदता से जुड़ी होगी।
इस प्रकार उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन सीधे कंपनी के शेयरधारकों को भी लाभ पहुंचा सकता है।
अनंत की ज़िम्मेदारियों में नवीकरणीय ऊर्जा, सॉलिड‑बायो‑गैस और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट शामिल हैं, जो समूह की विविधीकरण रणनीति को सुदृढ़ करेंगे।
ऊर्जा परिवर्तन में भारत को आगे ले जाने के लिए यह कदम आवश्यक है, क्योंकि पारंपरिक तेल‑रिफाइनिंग की सीमाएँ स्पष्ट हैं।
‘वंतरा’ परियोजना का उल्लेख भी दिलचस्प है, क्योंकि यह पर्यावरण संरक्षण में कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारी को दिखाता है।
इस परियोजना का लक्ष्य केवल वन्य‑जीव संरक्षण नहीं, बल्कि स्थानीय रोजगार सृजन भी है।
अगर अनंत इस दिशा में सफल होते हैं, तो यह रिलेयंस की ब्रांड इमेज को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि इस तरह की उच्च वेतन संरचना युवा नेतृत्व को आकर्षित करने के लिए ज़रूरी है।
दूसरी ओर, शेयरधारकों को यह देखना होगा कि बोनस वास्तविक लाभ के आधार पर ही दिया जाता है या नहीं।
पारदर्शिता की बात को मजबूती देने के लिए कंपनी को HRNR कमिटी की कार्यप्रणाली सार्वजनिक करनी चाहिए।
कुल मिलाकर, यह कदम रिलेयंस को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में सकारात्मक संकेत देता है।
समय ही बताएगा कि यह रणनीति कंपनी के दीर्घकालिक विकास में कितना योगदान देती है।