आवृत्त सिर की चोटों के चलते 26 साल की उम्र में विल पुकोवस्की ने क्रिकेट से सन्यास लिया

विल पुकोवस्की का क्रिकेट करियर और घटनाक्रम
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर विल पुकोवस्की की खेल यात्रा में शानदार प्रतिभा और वादा झलकता है, लेकिन दुर्भाग्य से उनके करियर का अंत जल्दी ही हो गया। 26 वर्षीय इस खिलाड़ी ने सिर पर बार-बार लगने वाली चोटों के कारण पेशेवर क्रिकेट से सन्यास लेने का निर्णय लिया है। यह निर्णय एक पैनल की सिफारिश के बाद आया, जिसमें मेडिकल विशेषज्ञ शामिल थे।
पुकोवस्की की क्रिकेट यात्रा में सिर की चोटों का सिलसिला कई बार पुनरावृत्त हुआ। उनका अंतिम ज्ञात सिर की चोट मार्च 2024 में शील्ड मैच के दौरान हुई, जब उन्हें राइली मेरिडिथ की गेंद हेलमेट पर लगी। इसके बाद वह शेष ऑस्ट्रेलियाई गर्मी के सीजन से बाहर हो गए और इंग्लैंड के लेसेस्टरशायर के साथ अनुबंध से भी बाहर हो गए।

कथिनाइयाँ और मानसिक स्वास्थ्य
पुकोवस्की का करियर सिर की चोटों के कारण बाधित रहा, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा। करियर के दौरान उन्हें कुल 13 ज्ञात सिर की चोटें लगीं। इससे पहले, 2018-19 की घरेलू गर्मियों में उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों को संभालने के लिए छह सप्ताह का ब्रेक लिया था।
टैस्ट करियर में योगदान
भले ही पुकोवस्की को बड़े स्तर पर खेलने का ज्यादा मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपनी छोटे करियर में भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए मात्र एक टेस्ट मैच खेला, जो सिडनी में 2020-21 में भारत के खिलाफ हुआ था। वहां उन्होंने 62 और 10 रन बनाए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में, उन्होंने 36 मैचों में 2,350 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 45.19 था और इसमें सात शतक शामिल थे।
पुकोवस्की की स्थिति कुछ हद तक फिलिप ह्यूजेस की दुखद स्थिति से मेल खाती है, जिनकी 2014 में सिर की चोट के कारण मृत्यु हो गई थी। सिर की चोटें क्रिकेट के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा जोखिम बनी रहती हैं, और पुकोवस्की का मामला इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सत्र है।

अगले कदम और क्रिकेट विक्टोरिया की प्रतिक्रिया
क्रिकेट विक्टोरिया ने पुकोवस्की को 2024-25 सीजन के लिए एक अनुबंध की पेशकश की थी, बशर्ते चिकित्सा स्वीकृति मिल जाए। लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों की पैनल की सिफारिश के आधार पर उनके पेशेवर क्रिकेट करियर का अंत हो गया। पुराने मैचों में किए गए योगदान और उनकी युवावस्था को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लेना उनके लिए बेहद कठिन था।
उनकी तरह अन्य खिलाड़ियों के लिए भी यह एक गंभीर चेतावनी है कि सिर की चोटों को कभी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। पेशेवर खेलों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों का ही ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। पुकोवस्की का यह निर्णय, उनके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए एक सही कदम है, और उनके करियर की चमक उनके आगामी जीवन में भी असर डालेगी।
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