भारत के पूर्व क्रिकेटर डेविड जूड जॉनसन का बालकनी से गिरने से निधन

भारत के पूर्व क्रिकेटर डेविड जूड जॉनसन का बालकनी से गिरकर निधन
भारत के पूर्व क्रिकेटर डेविड जूड जॉनसन का बैंगलुरू के कोथानुर में अपने चौथे माले की अपार्टमेंट की बालकनी से गिरने के बाद निधन हो गया। यह घटना गुरुवार सुबह 10:30 बजे की है, जब डेविड ताजी हवा लेने के लिए बालकनी में गए थे। इस मामले में पुलिस ने इसे आत्महत्या के संदेह के रूप में देखते हुए जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक किसी अन्य कोण को पूरी तरह से खत्म नहीं किया गया है।
जॉनसन की निजी समस्याओं का इतिहास
डेविड जूड जॉनसन, जो केवल 52 वर्ष के थे, पिछले कुछ समय से अपनी निजी समस्याओं से जूझ रहे थे। छह महीने पहले ही वे बैंगलुरू के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हुए थे, जहाँ उनका शराब की लत के लिए इलाज चल रहा था। पिछले सप्ताह उन्हें पेट दर्द, दस्त और गंभीर गाऊट की समस्या के चलते सेंट फिलोमेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ से वे तीन दिन पहले ही छुट्टी पाए थे।
डिप्रेशन और मानसिक तनाव
खबरों के अनुसार, जॉनसन डिप्रेशन से भी पीड़ित थे। क्रिकेट लेखक जोसेफ हूवर, जो परिवार के करीबी हैं, ने बताया कि जॉनसन ने अपनी पत्नी से घटना के दो दिन पहले कहा था कि उन्हें दरवाजे और खिड़कियों पर लोग बुलाते हुए दिख रहे हैं, जो उनके लिए किसी पूर्वाभास जैसा था। उनकी पत्नी का मानना है कि जॉनसन का संतुलन बिगड़ गया और वे बालकनी से गिर गए।
परिवार की आर्थिक स्थिति और समर्थन
जॉनसन का परिवार इस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहा है, और उन्होंने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) से आर्थिक सहायता की मांग की है। KSCA के मानद उपाध्यक्ष बी के संपत कुमार ने परिवार को वित्तीय सहयोग का आश्वासन दिया है।
क्रिकेट करियर का संक्षिप्त विवरण
डेविड जूड जॉनसन का जन्म कर्नाटक के हासन जिले के अरसिकेरे में हुआ था। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट में डेब्यू 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। उनके खेल जीवन में उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की लेकिन व्यक्तिगत समस्याओं ने शायद उन्हें पूरी तरह से खिलने नहीं दिया।
घर और क्रिकेट के मैदान पर संघर्ष
जॉनसन ने अपने जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना किया, चाहे वो क्रिकेट के मैदान पर हों या बाहरी दुनिया में। शराब की लत और लगातार स्वास्थ्य समस्याओं ने उनकी जिंदगी को और कठिन बना दिया। इस बीच, डिप्रेशन ने उनकी मानसिक स्थिति को और जटिल बना दिया, जिससे अंततः इस दुखद घटना की संभावना बनी।
समाज और क्रिकेट समुदाय की प्रतिक्रिया
जॉनसन की मौत से क्रिकेट समुदाय और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। कई पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा को एक बार फिर बढ़ावा दिया है।
समापन
डेविड जूड जॉनसन का असमय निधन न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह हमारे समाज के कई मौजूदा मसलों की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि किसी की बाहरी सफलता और संघर्ष के बावजूद, भीतर कैसी चुनौतीपूर्ण जंग चल रही हो सकती है। डेविड जूड जॉनसन की यादें हमेशा उनके खेल और व्यक्तिगत संघर्षों के साथ जुड़ी रहेंगी।
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