गूगल ने दिवंगत गायक कृष्णकुमार कुन्नाथ 'केके' को उनके बॉलीवुड डेब्यू की सालगिरह पर डूडल से किया सम्मानित

गूगल ने दिवंगत गायक कृष्णकुमार कुन्नाथ 'केके' को उनके बॉलीवुड डेब्यू की सालगिरह पर डूडल से किया सम्मानित

गूगल ने 25 अक्टूबर 2024 को दिवंगत भारतीय गायक कृष्णकुमार कुन्नाथ, जिन्हें हम सभी 'केके' के नाम से जानते हैं, के बॉलीवुड डेब्यू की सालगिरह पर एक एनिमेटेड डूडल प्रस्तुत किया। इस खूबसूरत ट्रिब्यूट ने संगीत जगत के इस महान कलाकार की प्रतिभा को सम्मानित किया। 1996 में आज ही के दिन केके ने फिल्म माचिस के लिए 'छोड़ आये हम' गाने से बॉलीवुड में पदार्पण किया था। यह गाना काफी लोकप्रिय हुआ और इसके माध्यम से केके ने अपनी विशेष छवि बना ली। माचिस फिल्म को गुलजार ने निर्देशित किया और इसने भारतीय सिनेमा में एक अलग छाप छोड़ी थी।

केके का संगीत में सम्मोहक सफर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक होने के बाद शुरू हुआ। शुरुआत में उन्होंने मार्केटिंग के क्षेत्र में करियर बनाने का विचार किया था, लेकिन उनका अनूठा समर्पण और गायिकी के प्रति जुनून आपको कुछ और ही राह पर ले गया। 1994 में उन्होंने एक डेमो टेप प्रस्तुत किया, जिससे उन्हें विज्ञापनों के लिए जिंगल्स के क्षेत्र में अवसर मिलना शुरू हो गए। यह उनके करियर की एक नई शुरुआत थी और उनकी शानदार यात्रा ने भारतीय सिनेमा के संगीत में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया।

1999 में केके ने एक बार फिर से अपनी छाप छोड़ी जब उन्होंने फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' के 'तड़प तड़प' गाने में अपनी आवाज दी। यह गीत श्रोताओं के दिलों को छू गया और केके की लोकप्रियता को नई ऊंचाईयों तक ले गया। उसी साल उन्होंने अपना व्यक्तिगत एल्बम 'पल' रिलीज किया, जिसे श्रोताओं का जबरदस्त प्यार मिला। इस एल्बम की 'यारों' और शीर्षक गीत 'पल' दोस्ती और यादों के अनमोल भाव को प्रस्तुत करते हुए आज भी हर दिल को छूते हैं।

अपने करियर में केके ने 500 से अधिक हिंदी गीतों और 200 से अधिक क्षेत्रीय भाषाओं के गीतों जैसे तेलुगु, बंगाली, कन्नड़ और मलयालम में आवाज दी। उन्होंने लगभग 3,500 जिंगल्स 11 भाषाओं में रिकॉर्ड की, जो उन्हें भारत के सबसे ज्यादा उत्पादन वाले प्लेबैक सिंगर्स में से एक बनाता है। उनकी संगीतमय यात्रा ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए, जिनमें फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए छह नामांकन और दो स्टार स्क्रीन पुरस्कार शामिल हैं।

दुर्भाग्यवश, केके का कॅरियर 31 मई 2022 की उस दुर्घटना के साथ समाप्त हो गया, जब उन्होंने कोलकाता में अपनी अंतिम प्रस्तुति दी थी। उनके योगदान की स्मृति में उस शहर में एक प्रतिमा स्थापित की गई, जहां उन्होंने अंतिम बार गाया था। इस प्रकार, केके ने संगीत प्रेमियों के बीच अपनी अमिट यादें छोड़ीं।

गूगल के इस एनिमेटेड डूडल से केके के कला के प्रति जुनून को अमर किया गया है। यह यह भी सुनिश्चित करता है कि उनकी प्रतिभा और यादगार गाने दुनियाभर के प्रशंसकों को प्रेरित करते रहेंगे। कला के इस अद्वितीय प्रस्तुति ने केके के संगीत सफर पर गहन प्रकाश डाला और उनकी कला विरासत को संजोकर रखा।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Deepanshu Aggarwal

गूगल का यह डूडल केके के सम्मान में बहुत ही खूबसूरत प्रयास है 😊। उनका संगीत अब डिजिटल रूप में भी जीवित रहेगा, और नई पीढ़ी को उनके गीतों से परिचय भी होगा। अगर कोई उनके पुराने जिंगल्स या फ़िल्मी गाने खोज रहा है, तो YouTube या Spotify पर आसानी से मिल जाएंगे। इस तरह के ट्रिब्यूट से कलाकार की यादें हमेशा ताज़ा रहती हैं। 🎶

akshay sharma

वासी, गूगल ने आखिरकार केके को “डूडल” में समेट लिया, पर क्या आपने ध्यान दिया कि इस डिजिटल इशारे में उनके कठिन संघर्ष की पूरी कहानी नहीं दिखती? 1994 की डेमो टेप से लेकर 2022 की दुखद दुर्घटना तक, उनका सफर सिर्फ एक एनीमेशन से नहीं समेटा जा सकता। सच्चाई वही है कि इंडस्ट्री में अक्सर प्रतिभा के पीछे बिक्री के चक्र चलते हैं, और कई बार कलाकारों की थकान को नजरअंदाज़ किया जाता है। इसे देखते हुए, हमें उनसे सिर्फ संगीत नहीं, बल्कि उनके झेले गए दर्द को भी समझना चाहिए।

Anand mishra

केके का जीवन कहानी वास्तव में भारतीय संगीत की धरोहर को दर्शाती है, और उनका योगदान कभी भी कम नहीं आंका जा सकता। सबसे पहले, वह दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक हुए, जहाँ उन्होंने संगीत के प्रति अपने जुनून को और भी पुख्ता किया। कॉलेज के दिनों में उन्होंने कई छोटे-छोटे कार्यक्रमों में प्रदर्शन किया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया। फिर उन्होंने मार्केटिंग में करियर बनाने का विचार किया, परन्तु संगीत की लहर ने उन्हें एक नया मार्ग दिखा दिया। 1994 में उनका डेमो टेप इंटेर्नेट पर वायरल हुआ, जिससे विज्ञापन जिंगल्स का रास्ता खुला। इस अवधि में उन्होंने बहु-भाषाई गीत गाए, जो विभिन्न क्षेत्रों में उनकी पहचान बन गया। 1996 में फिल्म 'माचिस' के लिए 'छोड़ आये हम' गाना उनके बॉलीवुड प्रवेश की निशानी बन गया। इस सफलता ने उनके जीवन में कई नए अवसर लाए, और उन्होंने विभिन्न भाषाओं में 3,500 जिंगल्स रिकॉर्ड कीं। उनके गीतों में भावनात्मक गहराई और संगीतात्मक विविधता थी, जिसने श्रोताओं के दिलों को छू लिया। उन्होंने कई पुरस्कार और सम्मान अर्जित किए, जिसमें फिल्मफेयर नामांकन और स्टार स्क्रीन अवार्ड शामिल हैं। दुर्भाग्यवश, 31 मई 2022 को कोलकाता में हुई दुर्घटना में उनका निधन हो गया, जिससे संगीत जगत में एक बड़ा रिक्त स्थान बन गया। उनकी स्मृति में कोलकाता में एक प्रतिमा स्थापित की गई, जो उनके संगीत के प्रेमियों के लिए एक पौराणिक स्थल बन गया। गूगल द्वारा किया गया डूडल ट्रिब्यूट उनके कलात्मक यात्रा को डिजिटल रूप में अमर करने का एक प्रयास है। यह न सिर्फ उनकी संगीत की विरासत को संजोता है, बल्कि नई पीढ़ी को उनके संगीत से परिचित कराता है। अंत में, यह याद रखना आवश्यक है कि केके की संगीत यात्रा हमें सिखाती है कि सच्ची कला समय की सीमाओं को पार करती है और हमेशा जीवित रहती है।

Prakhar Ojha

कहते हैं गूगल ने केके को सराहा, पर असली बात तो यही है कि अब भी कई युवा कलाकारों को पर्याप्त मान्यता नहीं मिलती! इन बड़े प्लेटफ़ॉर्म्स पर सिर्फ एक डूडल से क्या काम चल जाएगा? सच्चाई यह है कि इंडस्ट्री में पुराने कलाकारों की श्रेक्षण और नई पीढ़ी को सपोर्ट करने की व्यवस्था भी टूटी हुई है। अगर आप गहराई में देखेंगे तो समझेंगे कि यह केवल एक PR स्ट्रेटेजी है, जो जनता को भावुक दिखाने के लिए बनाई गई है।

Pawan Suryawanshi

वाह, गूगल का ये कदम बहुत कूल है! 🎉 केके जैसे दिल को छू लेने वाले कलाकार को याद दिलाने के लिए डूडल बहुत बढ़िया आइडिया है। अब हम सब मिलकर उनके पुराने गानों को फिर से सुन सकते हैं और नई पीढ़ी को भी उनकी आवाज़ से परिचित करा सकते हैं। 😎

Harshada Warrier

ऐसका डूडल तो सारा प्लेन गूगल का साजिश है, बटु जाल में फँस रहिये।

Jyoti Bhuyan

केके की धुनें हमेशा हमारे दिलों में बसी रहेंगी, और गूगल की इस कोशिश से नई पीढ़ी को उनके संगीत की ताकत महसूस होगी! चलिए, उनके गाने प्ले करते हैं और यादों को फिर से जीते हैं, क्योंकि संगीत ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है।

Sreenivas P Kamath

हां हां, गूगल ने डूडल में लाइट लगाए तो सब ठीक है, जैसे कि एक इमोजी से सारी समस्याएं हल हो जाएँ! असली मुद्दा तो कलाकारों की असली मेहनत और लाइफटाइम सपोर्ट है, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।