रिकॉर्ड का विस्तृत विवरण
13 जुलाई 2024 को शाम 7:03 बजे इंदौर ने वन्यजीव संरक्षण के नया अध्याय लिखा। इंदौर ने मात्र 24 घंटे में 11,00,000 से ऊपर पौधे लगाकर गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। यह आंकड़ा असम के वन विभाग के 2023 के रिकॉर्ड (9,26,000 पौधे) को 5 बजे शाम तक ही पार कर गया। रिकॉर्ड‑सेट करने वाली टीम ने यह काम रेवाती रेंज में किया, जहाँ जमीन को 9 बड़े ज़ोन और 100 सब‑ज़ोन में बाँटा गया था। प्रत्येक जाँच‑बिंदु पर 100 कैमरे लगे थे, जिससे कार्य की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई।
कार्य के आरम्भ से पहले 46 दिन की बारीकी से योजना बनाई गई। सरकारी अधिकारी, नगर निगम, भारतीय आवाससंघ (IHA) और कई सामाजिक संगठन एक साथ आए। IHA के अध्यक्ष सुमित सुरी की अगुवाई में 700 से अधिक होटल व्यवसायियों ने इस मुहिम में योगदान दिया। साथ ही, रोटरैक्ट क्लब के 250 सदस्य बीएसएफ परिसर में पौधे लगाए। इस व्यापक भागीदारी ने केवल संख्या नहीं बढ़ाई, बल्कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी जगा दी।
भविष्य की योजना और पर्यावरणीय असर
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के उपलक्ष्य में शुरू किया, पूरे देश में 1.4 अरब पेड़ लगाने की खासी योजना रखता है। मध्य प्रदेश में इस लक्ष्य के लिए 5.5 करोड़ पेड़ निर्धारित हैं, जिनमें से 5.1 करोड़ विशेष रूप से इंदौर में लगाए जाने वाले हैं। पिछले एक हफ्ते में ही इंदौर ने 5.1 मिलियन पौधे लगाकर इस लक्ष्य की दिशा में मजबूती दिखाई।
इन पौधों का कार्बन सैंक्शन पर सकारात्मक प्रभाव होगा। अनुमान है कि एक साल में प्रत्येक पौधा औसत 20 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करेगा। इस प्रकार, 11 लाख पौधों से सालाना लगभग 22,000 टन CO₂ का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, वृक्षों के होने से स्थानीय जैव विविधता में सुधार होगा – पक्षियों, कीड़ों और छोटे स्तनधारियों को नया आवास मिलेगा।
वृक्षों की देखभाल में रोतारैक्ट क्लब, बीएसएफ और इंदौर नगर निगम की साझेदारी प्रमुख होगी। नियमित पानी देना, कीट नियंत्रण और पौधों की उम्र बढ़ने के साथ आवेगित छंटाई जैसी गतिविधियों को व्यवस्थित किया जाएगा। इस तरह के सामुदायिक रख‑रखाव मॉडल को अन्य शहरों में दोहराने की संभावना भी बन रही है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से जोड़ते हुए कहा, “इंदौर ने न केवल स्वच्छता में अपनी पहचान बनायी है, अब पर्यावरण संरक्षण में भी अग्रणी बन गया है। यह जीत माँ पृथ्वी के प्रति हमारी कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाती है।” यूनियन गृह मंत्री अमित शाह, जो इस कार्यक्रम में उपस्थित थे, ने इसे “भारत की हरियाली के लिए एक नया मानदंड” कहा।
इस रिकॉर्ड के बाद इंदौर के शहर प्रबंधन ने आगे के कदम भी तय किए हैं। अगले दो साल में गायब पौधों की पुनर्स्थापना, जल संचयन प्रणाली की स्थापना और नागरिकों को वृक्ष रोपण में शामिल करने के लिए नई शैक्षिक कार्यशालाएँ चलाने का प्रस्ताव है। इस तरह के सतत प्रयासों से इंदौर की ‘सबसे साफ़ शहर’ की खिताब़ और भी मजबूती से कायम रह सकता है।