Mahindra कीमत बढ़ोतरी अप्रैल 2025: SUV और कमर्शियल वाहनों पर 3% तक असर

Mahindra कीमत बढ़ोतरी अप्रैल 2025: SUV और कमर्शियल वाहनों पर 3% तक असर

अप्रैल से महंगी होंगी Mahindra की गाड़ियां: खरीदारों पर कितना असर?

नए वित्त वर्ष की शुरुआत से ठीक पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा ने साफ कर दिया है—अप्रैल 2025 से उसकी SUVs और कमर्शियल वाहनों की कीमतें 3% तक बढ़ेंगी। 21 मार्च 2025 को आई इस घोषणा का सीधा असर थार, स्कॉर्पियो-एन, XUV700 और कंपनी के पिक-अप व लाइट कमर्शियल वाहन पोर्टफोलियो पर पड़ेगा। उद्योग के अनुमान के हिसाब से अलग-अलग मॉडल और वेरिएंट पर 15,000 से 45,000 रुपये तक बढ़ोतरी दिख सकती है।

कंपनी ने कहा है कि स्टील, एल्युमिनियम, रबर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स जैसी कच्चे माल की लागत बढ़ी है। सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स खर्च भी ऊपर गए हैं। इन्हीं वजहों से कीमतें समायोजित की जा रही हैं। यही ट्रेंड बाकी ऑटो कंपनियों में भी दिख रहा है—मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और ह्युंडई ने भी इसी समय के आसपास प्राइस रिवीजन की तैयारी या घोषणा की है।

अब खरीदार क्या मानें? कंपनी ने “3% तक” कहा है, यानी हर वेरिएंट पर एक बराबर बढ़ोतरी नहीं होगी। एंट्री वेरिएंट पर असर कम हो सकता है, टॉप वेरिएंट्स पर ज्यादा। एक मोटा अनुमान समझें तो—18 लाख रुपये एक्स-शोरूम वाले वेरिएंट पर 1.5–2% बढ़ोतरी करीब 27,000–36,000 रुपये बनती है। 12–14 लाख की रेंज में यह 15,000–25,000 रुपये तक हो सकता है। ऑन-रोड पर असर थोड़ा और बढ़ जाता है क्योंकि इंश्योरेंस प्रीमियम और रोड टैक्स एक्स-शोरूम कीमत से जुड़े होते हैं।

लंबी वेटिंग वाले मॉडलों—जैसे स्कॉर्पियो-एन या कुछ लोकप्रिय XUV700 ट्रिम्स—में सबसे अहम सवाल होता है: बुकिंग करने पर पुरानी कीमत मिलेगी क्या? जवाब डीलर की ‘प्राइस प्रोटेक्शन’ पॉलिसी पर निर्भर करता है। कई बार कंपनी इनवॉइस की तारीख देखकर कीमत तय करती है, सिर्फ बुकिंग डेट से नहीं। यानी अगर आप मार्च में बुकिंग करते हैं पर बिलिंग अप्रैल में हुई, तो नई कीमत लग सकती है। डीलर से लिखित में पॉलिसी clear कर लें।

कमर्शियल खेमे—जैसे बोलेरो पिक-अप और सुप्रो/जीतो जैसे LCVs—में यह बढ़ोतरी छोटे कारोबारियों के कैश-फ्लो पर असर डाल सकती है। ट्रांसपोर्टर आमतौर पर साल के इस समय खरीद को आगे खिसका देते हैं या मार्च एंड डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं ताकि पुरानी कीमत लॉक हो जाए। अगर आप फ्लीट बढ़ा रहे हैं, तो टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप (TCO) के हिसाब से डाउन पेमेंट, चलन खर्च और मेंटेनेंस को जोड़कर देखें—कई बार मार्च में मिलने वाले एक्सचेंज बोनस या कॉर्पोरेट स्कीम कुल असर को काफी हद तक बैलेंस कर देते हैं।

खरीदारों के लिए चेकलिस्ट और EMI पर प्रभाव

खरीदारों के लिए चेकलिस्ट और EMI पर प्रभाव

एक आम सवाल: EMI कितना बढ़ेगा? मान लें किसी वेरिएंट की कीमत बढ़कर 40,000 रुपये ज्यादा हो गई। अगर आप 80% फाइनेंस लेते हैं, तो करीब 32,000 रुपये लोन में जुड़ेंगे। पांच साल की अवधि और आसपास 10–11% ब्याज पर प्रति लाख लगभग 2,100–2,200 रुपये EMI बनती है। यानी 32,000 रुपये पर आपकी मासिक किस्त लगभग 650–700 रुपये तक बढ़ सकती है।

  • प्राइस प्रोटेक्शन: बुकिंग या इनवॉइस—किस तारीख से कीमत तय होगी, यह डीलर से लिखित में लें।
  • मार्च ऑफर्स: वित्त वर्ष के अंत में अक्सर स्टॉक-क्लियरेंस ऑफर्स आते हैं। देखें कि क्या पुराने स्टॉक पर डिस्काउंट से बढ़ी कीमत का असर कम हो सकता है।
  • वेरिएंट मिक्स: कभी-कभी टॉप वेरिएंट के बजाय मिड ट्रिम बेहतर वैल्यू देता है, खासकर जब दाम बढ़ें।
  • डिलीवरी टाइमलाइन: वेटिंग वाले मॉडलों में डिलीवरी डेट की पुष्टि लें; नई कीमतें डिले होने पर लागू हो सकती हैं।
  • कुल ऑन-रोड तुलना: केवल एक्स-शोरूम नहीं, इंश्योरेंस, आरटीओ और एक्सेसरीज़ जोड़कर ऑन-रोड को तुलना बेस बनाएं।

उद्योग के हिसाब से यह बढ़ोतरी ‘सिंक्रोनाइज़्ड’ लगती है। जब कई ब्रैंड एक साथ कीमतें बढ़ाते हैं, तो कॉम्पिटीशन-लेवल पर बड़ा असंतुलन नहीं बनता और डिमांड पर झटका सीमित रहता है। महिंद्रा के मामले में थार, स्कॉर्पियो-एन और XUV700 सबसे ज्यादा मांग वाले उत्पाद हैं, इसलिए कंपनी के लिए मार्जिन और सप्लाई का बैलेंस बनाए रखना भी जरूरी है।

एक छोटी-सी सकारात्मक बात मौजूदा ग्राहकों के लिए यह है कि रीसैल वैल्यू अक्सर नई कीमतों के हिसाब से थोड़ा ऊपर समायोजित हो जाती है। हालांकि, यह मॉडल, कंडीशन और लोकल डिमांड पर निर्भर करता है।

अगर आप महिंद्रा की SUV या कमर्शियल वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अगले कुछ दिनों में डीलर विजिट करें, टेस्ट ड्राइव लें और फाइनेंस व डिलीवरी टाइमलाइन की पूरी तस्वीर साफ कर लें। महिंद्रा कीमत बढ़ोतरी लागू होने से पहले सही वेरिएंट और सही डील लॉक करना आपके कुल खर्च को काबू में रख सकता है।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।