मिर्जापुर 3 के बोनस एपिसोड ने फिर से किया फैंस को निराश

मिर्जापुर 3 के बोनस एपिसोड की समीक्षा
मनोरंजन की दुनिया में जब भी बात आती है तो 'मिर्जापुर' सीरीज़ का नाम सबसे पहले याद आता है। इसकी शुरुआत सबसे दमदार तरीके से हुई थी और दर्शकों में इसका क्रेज़ भी बहुत ज्यादा था। हालांकि, 'मिर्जापुर सीजन 3' का बोनस एपिसोड रिलीज़ होने के बाद से ही फैंस बेहद निराश और धोखे का एहसास किया है। यह ताजा एपिसोड, जो पहले से ही उच्च उम्मीदें और प्रत्याशा रखता था, किसी भी प्रकार से उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
मुख्य सीजन और इसकी खामियाँ
जैसा कि इस समीक्षा में बताया गया, मुख्य सीजन के आठ एपिसोड्स में किसी भी प्रकार की मजबूत कहानी की कमी दिखाई दी। हालांकि 'मिर्जापुर' के अन्य सीज़न में हमने कई क्रिएटिव और नाटकीय परिदृश्य देखे थे, परंतु इस बार चीज़ें कहीं बेहतर हो सकती थीं। खासकर जब बात करें मुख्य किरदारों जैसे मुन्ना भैया (दिव्येंदु शर्मा द्वारा निभाई गई भूमिका) की, जिन्होंने इस सीजन में महत्वपूर्ण वापसी नहीं की। उनके किरदार में उतना जज़बा और स्वैग नहीं दिखा जितना की दर्शकों को उम्मीद थी।
दूसरी तरफ, गुड्डू भैया के किरदार को देखकर भी दर्शकों में भ्रम की स्थिति बनी रही। मकानकृष्णा के गुलू और कालीन भैया के रिश्ते के इर्द-गिर्द घूमती हुई कहानी शायद दर्शकों को जाधा नहीं भायी। सलोनी भाभी ने अपने ग्लैमरस अंदाज से निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित किया, परंतु वह भी कुल मिलाकर कहानी को नहीं संभाल सकीं।
एक्शन और हिंसा का तत्व
इस सीजन के अंत में कुछ एक्शन और हिंसा को जगह दी गई, लेकिन यह कुछ हद तक ही थी। न तो इसे कहानी की मुख्य धारा में सही तरीके से रखा गया और न ही इसे असली मिर्जापुर की जोशीलेपन के जैसा बनाया गया। दर्शकों की आस को पूरा करने के लिए एक बेहतर प्लान और एक्सेक्यूशन की जरूरत थी, जो यहाँ स्पष्ट रूप से गायब था।
बोनस एपिसोड: क्या था खास?
बड़ा सवाल यहाँ यही है कि क्या बोनस एपिसोड ने सही मायनों में कोई संतोषजनक व्यापार किया है? इसका जवाब दुख की बात है कि नहीं है। इस बोनस एपिसोड में वह खास तत्व नहीं था जो दर्शकों को जोड़े रख सके। इसे देखकर भी फैंस का धोखा और निराशा बढ़ गई।
मिर्जापुर सीरीज ने जिस तरह दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया था, उसने सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा बटोरी थी। इतने सारे लोगों की अपेक्षाओं का भार होने के बावजूद भी, इसके निर्माताओं ने एक ऐसी स्टोरीलाइन पेश की जो कमजोर और गैरमामूली साबित हुई।
क्रमांक | किरदार का नाम | प्रमुखता |
---|---|---|
1 | मुन्ना भैया | कमजोर वापसी |
2 | गुड्डू भैया | भ्रमित |
3 | कालीन भैया | मुख्य किरदार |
4 | गुलू | केन्द्र में |
5 | सलोनी भाभी | ग्लैमरस |
अंत में, फैंस को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है, और सीरीज की कूची बड़ी उम्मीदों ने निरंतरता का तुलना नहीं की। 'मिर्जापुर' का यह सीजन और बोनस एपिसोड उन प्रतीक्षाओं को पूरा करने में असफल रहे हैं, जो दर्शकों ने अपने दिल में बसा रखी थी। यह कहना गलत नहीं होगा कि अगली किसी भी नई किस्त में इस सीरीज को साबित करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।
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