छत्तीसगढ़ की ताज़ा ख़बरें – सब कुछ यहाँ
क्या आप छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है, इसकी खबरों का इंतज़ार कर रहे हैं? आप सही जगह पर आए हैं। इस पेज पर हम आपको रोज़ाना अपडेटेड समाचार देते हैं‑ राजनैतिक बदलाव से लेकर खेल, व्यापार और सामाजिक घटनाओं तक सब कुछ सीधे आपके सामने लाते हैं।
राजनीति और प्रशासन के मुख्य बिंदु
छत्तीसगढ़ में हाल ही में मुख्यमंत्री ने नई स्वास्थ्य योजना की घोषणा की है जो ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त दवा पहुँचाएगी। साथ ही, राज्य सरकार ने कृषि ऋण पर ब्याज दर घटाने का प्रस्ताव रखा है ताकि किसान आसानी से फसल बो सकें। इन बदलावों के बारे में विस्तृत जानकारी और विशेषज्ञों की राय यहाँ मिलती है।
स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट और स्थानीय घटनाएँ
छत्तीसगढ़ी क्रिकेट टीम ने अंतरराष्ट्रीय टूर में शानदार जीत दर्ज की, जिससे राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चमका। साथ ही, बिलासपुर में आयोजित एक सांस्कृतिक महोत्सव में लोक कलाकारों ने भरपूर प्रदर्शन किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इन सभी घटनाओं के वीडियो और फोटो गैलरी भी यहाँ उपलब्ध हैं।
अगर आप व्यापार की बात करें तो रायपुर की नई औद्योगिक नीति ने स्टार्ट‑अप्स को 30% टैक्स रिबेट दिया है, जिससे युवा उद्यमियों का उत्साह बढ़ा है। इस पहल से जुड़े फंडिंग अवसर और आवेदन प्रक्रिया हम आपको सरल भाषा में समझाते हैं।
छत्तीसगढ़ की शिक्षा प्रणाली भी चर्चा में है—नवीनतम बोर्ड परिणाम जारी हुए, जिसमें राज्य के कई स्कूलों ने राष्ट्रीय स्तर पर टॉप रैंक हासिल की। छात्रों के लिए स्कॉलरशिप जानकारी और कैरियर गाइडेंस यहाँ उपलब्ध है।
समाज से जुड़ी खबरों में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम और जल संरक्षण पहल का उल्लेख है, जो ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने में मददगार साबित हो रहा है। इन योजनाओं की सफलता कहां तक पहुंची, इसके आँकड़े भी हम आपको दिखाते हैं।
आपके लिए सबसे उपयोगी जानकारी—अगर आप छत्तीसगढ़ में रहने वाले हों या बस यहाँ के बारे में जिज्ञासु हों, तो इस पेज को बुकमार्क करें और रोज़ाना अपडेटेड ख़बरें पढ़ते रहें। हम हर दिन नई कहानियों, इंटरव्यूज़ और विश्लेषण लाते हैं ताकि आप हमेशा एक कदम आगे रहें।
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को बैन कर दिया है। अब CBSE स्कूलों में सिर्फ NCERT किताबें और राज्य बोर्ड स्कूलों में सिर्फ राज्य पाठ्यपुस्तक निगम की किताबें चलेंगी। माता-पिता पर पहले ही किताबें खरीदने का बोझ पड़ चुका है, जिससे परेशानियां बढ़ गई हैं।
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