IPO क्या है और अभी किसे देखना चाहिए — सरल भाषा में
IPO यानी किसी प्राइवेट कंपनी का पहली बार पब्लिक को शेयर बेचकर स्टॉक एक्सचेंज पर आना। जब भी बड़ा IPO खुलता है, मीडिया, ब्रोकर्स और सोशल मीडिया पर शोर मच जाता है। पर क्या आप सिर्फ खबर देखकर पैसे लगा रहे हैं? पहले कुछ आसान चीज़ें चेक कर लें — कंपनी का बिजनेस, कमाई का ट्रेंड, कर्ज और प्रमोटर का रिकॉर्ड।
IPO पर निर्णय लेने से पहले सिर्फ ‘लिस्टिंग गेन’ की चाह में नहीं होना चाहिए। पैसो को फैलाना और रिस्क समझना जरूरी है। आप निवेशक हैं तो पूछिए: क्या यह कंपनी 2-3 साल में टिकेगी? क्या मुनाफा बढ़ रहा है? इन सवालों के जवाब ढूँढकर आप बेहतर फैसला ले पाएंगे।
इम्पोर्टेन्ट चेकलिस्ट — आवेदन से पहले
सबसे पहले रेड-हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) पढ़ें। उसमें कंपनी की आय, घाटा, कर्ज, प्रमोटर के लेन-देन और जोखिम लिखे होते हैं। प्राइस बैंड और लॉट साइज पर ध्यान दें; लॉट साइज छोटे निवेशकों के लिए जरूरी होता है।
सब्सक्रिप्शन कैसा जा रहा है? अगर रिटेल या क्वालिफाइड इन्वेस्टर्स में भारी ओवरसब्सक्राइब है तो अलॉटमेंट कम मिल सकता है। ऐंकर निवेशक और उनकी हिस्सेदारी देखने से भी भरोसेमंद संकेत मिलते हैं।
कंपनी के पिछले 3 साल के रेवेन्यू और प्रॉफिट का ग्राफ देखिए। रेगुलेटर विवाद, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस या अचानक प्रमोटर की शेयर बिक्री बड़े रेड फ्लैग हैं।
आईपीओ में आवेदन और लिस्टिंग के टिप्स
आवेदन ASBA या UPI से करें ताकि पैसा बैंक में ब्लॉक रहे और रिफंड प्रोसेस तेज हो। लॉट साइज को ध्यान में रखकर ही एप्लीकेशन दें — छोटी रकम में कई लॉट लेना फायदेमंद नहीं होता अगर अलॉटमेंट नहीं मिलता।
लिस्टिंग के दिन भाव उछले तो त्वरित फैसला लें — क्या शॉर्ट टर्म मुनाफा लेना है या होल्ड करना है? अगर कंपनी की फंडामेंटल मजबूत है तो होल्ड करना बेहतर मान्य हो सकता है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) देखकर तुरन्त निवेश न करिए; यह गैर-आधिकारिक और स्पेक्युलेटिव सिग्नल होता है।
हमारी साइट "भारतीय समाचार प्रतिदिन" पर IPO टैग के तहत आपको ताज़ा IPO अपडेट, रिव्यू और अलर्ट मिलेंगे। हर पोस्ट में हम आसान भाषा में बताएँगे कि कौन सा IPO किस तरह का है और किस निवेशक के लिए सूट करेगा। सवाल हैं? नीचे कमेंट करके पूछिए — मैं आपको सीधा और व्यवहारिक जवाब दूँगा।
याद रखें: IPO में जल्दबाज़ी से नुकसान हो सकता है। सूचना पर ध्यान दें, छोटी चेकलिस्ट फॉलो करें और अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करें। अच्छे रिस्क-मैनेजमेंट से ही लंबे समय में फायदा मिलता है।
सॉफ्टबैंक समर्थित SaaS प्लेटफॉर्म यूनिकॉमर्स ईसॉल्यूशंस के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। इसके निर्गम के कुछ ही घंटों में इसे 2.43 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। शेयरों का मूल्य ₹102 से ₹108 प्रति शेयर के बीच रखा गया है। कंपनी ने एंकर निवेशकों से ₹124 करोड़ जुटाए हैं।
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