कानपुर की रात का तापमान शुक्रवार को 14°C तक गिर गया, जबकि हवा की गुणवत्ता कानपुर में हवा की गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 284 के स्तर पर पहुँच गया — जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह न केवल बुखार और सांस लेने में तकलीफ का कारण बन रहा है, बल्कि स्कूल, अस्पताल और नियमित जीवन के लिए भी एक गहरी चिंता का विषय बन गया है। यह स्थिति दिसंबर 2025 के पहले हफ्ते में उत्तर प्रदेश के इस बड़े शहर में शीतकाल की गहराई को दर्शाती है, जहाँ लगभग 3.5 करोड़ लोग रहते हैं।
तापमान और आर्द्रता में अंतर: कौन सा डेटा सही है?
मौसम विभागों के बीच डेटा में अंतर देखकर नागरिक भ्रमित हो रहे हैं। इंडिया टुडे के अनुसार, शुक्रवार को दोपहर 4:41 बजे तापमान 21°C था, जबकि AQI.in ने उसी दिन रात 10:15 बजे 13°C का रिकॉर्ड दिया — जिसे 'ठंडा' कहा गया। आर्द्रता का अंतर और भी बड़ा है: एक रिपोर्ट में 18% और दूसरी में 82%। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मौसम सेंसर शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगे हैं। शहर के पश्चिमी हिस्से में जहाँ उद्योग और यातायात अधिक है, वहाँ आर्द्रता अधिक है और तापमान कम।
हवा की गुणवत्ता: PM2.5 का खतरनाक स्तर
कानपुर में PM2.5 का स्तर 205 माइक्रोग्राम/मीटर क्यूब तक पहुँच गया है — जो WHO के दिशानिर्देशों के चार गुना से अधिक है। PM10 का स्तर 256 है, जो लंबे समय तक सांस लेने के लिए खतरनाक है। यह स्थिति न केवल बुढ़ापे और बच्चों के लिए खतरा है, बल्कि दिल के रोगियों के लिए भी जानलेवा हो सकती है। यह स्तर दिल्ली के बाद उत्तरी भारत में दूसरा सबसे खराब है। यहाँ तक कि शहर के बाहरी इलाकों में भी धुएँ की एक पतली परत दिखाई दे रही है, जो अक्सर जलाए गए खेतों और उद्योगों के धुएँ के कारण होती है।
सात दिनों का तापमान अनुमान: शीतकाल गहरा हो रहा है
अगले सात दिनों में न्यूनतम तापमान 13°C से 16°C के बीच रहेगा। इंडिया टुडे के अनुसार, शुक्रवार को 14°C, शनिवार और रविवार को 13°C तक गिर सकता है। यह अनुमान Climate-data.org के डेटा से मेल खाता है, जो दिसंबर के अंत तक तापमान 8.5°C तक गिरने की भविष्यवाणी करता है। यह दिसंबर 2025 का सबसे ठंडा दिन हो सकता है। अगर यह सच हुआ, तो यह 2021 के बाद सबसे ठंडा दिसंबर होगा।
क्यों बढ़ रही है हवा की गुणवत्ता की खराबी?
इस बार शहर की हवा की गुणवत्ता के लिए कई कारण हैं। पहला — उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में फसलों के बाद खेतों को जलाने की प्रथा जारी है। दूसरा — कानपुर में बढ़ती वाहन संख्या और अनियंत्रित निर्माण धूल उड़ा रही है। तीसरा — शहर के आसपास के उद्योगों से निकलने वाले धुएँ का कोई अच्छा नियंत्रण नहीं है। इसके अलावा, शीतकाल में हवा का वेग कम हो जाता है, जिससे धुएँ का अवशोषण नहीं हो पाता। यही कारण है कि दिल्ली के बाद कानपुर भी वायु प्रदूषण के शीर्ष शहरों में शामिल हो गया है।
लोगों की प्रतिक्रिया: बच्चे घरों में, बुजुर्ग बीमार
स्थानीय डॉक्टरों के अनुसार, पिछले दो हफ्तों में सांस संबंधी बीमारियों के मामले 40% बढ़ गए हैं। एक स्थानीय बच्चों के अस्पताल के डॉक्टर ने कहा, "हम अब दिन में 15-20 बच्चों को एस्थमा के लिए भर्ती कर रहे हैं — जो पिछले साल इस समय 5-6 थे।" एक 68 साल के बुजुर्ग ने कहा, "मैं हर दिन घर से बाहर निकलने से डरता हूँ। बाहर जाते ही सांस लेने में तकलीफ होती है।" शहर के कई स्कूलों ने बाहरी गतिविधियाँ रद्द कर दी हैं।
आगे क्या होगा? नीति और लोगों का जवाब
राज्य सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन वायु गुणवत्ता संबंधी समिति ने एक त्वरित योजना बनाने का आह्वान किया है। इसमें शामिल हैं: उद्योगों के लिए अस्थायी बंद, वाहनों के लिए अल्टरनेट नंबर प्लेट प्रणाली, और बड़े निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण। लेकिन नागरिकों के बीच विश्वास कम है — क्योंकि पिछले तीन सालों में ऐसी ही घोषणाएँ हुईं, लेकिन कुछ नहीं बदला। अब लोग अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए घर पर एयर प्यूरीफायर लगा रहे हैं, और बच्चों के लिए N95 मास्क खरीद रहे हैं।
दिसंबर 2025 के लिए अंतिम अनुमान
दिसंबर 2025 के लिए मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि शहर में 21 दिन धूप रहेगी, 10 दिन बारिश होगी, और केवल एक दिन बादल छाए रहेंगे। लेकिन यह बारिश भी बहुत कम है — केवल 4 मिलीमीटर। इसका मतलब है कि धूल और धुएँ का निकास नहीं होगा। तापमान धीरे-धीरे गिरता रहेगा, और दिसंबर के अंत तक रात का तापमान 9°C तक जा सकता है। यह वह समय है जब लोग गर्म कपड़े पहनने के साथ-साथ हवा की गुणवत्ता के लिए भी तैयार होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कानपुर में हवा की गुणवत्ता क्यों इतनी खराब है?
कानपुर में हवा की गुणवत्ता खराब है क्योंकि शहर के आसपास के ग्रामीण इलाकों में फसलों के बाद खेतों को जलाया जाता है, वाहनों की संख्या बढ़ रही है, और उद्योगों से निकलने वाले धुएँ का कोई अच्छा नियंत्रण नहीं है। शीतकाल में हवा का वेग कम हो जाने से धुएँ बादल की तरह जमा हो जाता है।
PM2.5 का स्तर 205 क्यों खतरनाक है?
WHO के अनुसार, PM2.5 का सुरक्षित स्तर 25 माइक्रोग्राम/मीटर क्यूब है। 205 का स्तर इसका चार गुना है — जो फेफड़ों के लिए विषैला है। यह छोटे कण हैं जो रक्तधारा में घुल सकते हैं और हृदय रोग, सांस की बीमारियाँ और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकते हैं।
क्या बच्चों के लिए घर पर एयर प्यूरीफायर जरूरी है?
हाँ, बच्चों के लिए एयर प्यूरीफायर अत्यंत जरूरी है। उनके फेफड़े अभी विकसित हो रहे होते हैं और वे हवा के अधिक मात्रा में लेते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, जहाँ एयर प्यूरीफायर लगे हैं, वहाँ बच्चों में एस्थमा के मामले 35% तक कम हो गए।
क्या सरकार ने कोई योजना बनाई है?
अभी तक कोई आधिकारिक योजना नहीं घोषित की गई है, लेकिन वायु गुणवत्ता समिति ने उद्योगों को अस्थायी बंद करने, वाहनों पर अल्टरनेट नंबर प्लेट लागू करने और धूल नियंत्रण के लिए आह्वान किया है। लेकिन पिछले तीन सालों में ऐसी घोषणाएँ हुईं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
क्या दिसंबर 2025 में बारिश से हवा साफ होगी?
नहीं, दिसंबर 2025 में केवल 4 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान है — जो धूल और धुएँ को धोने के लिए बहुत कम है। इसलिए, बारिश से हवा साफ नहीं होगी। इस समय बारिश का अर्थ है बर्फ नहीं, बल्कि बहुत हल्की बूंदें।
कानपुर में सबसे ठंडा दिन कब होगा?
Climate-data.org के अनुसार, दिसंबर 2025 में सबसे ठंडा दिन 30 दिसंबर हो सकता है, जब न्यूनतम तापमान 8.5°C तक गिर सकता है। यह दिन बुखार, श्वास संक्रमण और बुजुर्गों के लिए सबसे खतरनाक होगा।