जब आप कक्षा 10 दो टर्म, सिक्स्थ क्लास के दो‑टर्म फॉर्मेट में पढ़ाई और परीक्षा का तरीका, भी कहा जाता है10वीं दो टर्म की बात करते हैं, तो तुरंत दो चीज़ें दिमाग में आती हैं: NCERT पुस्तकें, सरकारी पाठ्यक्रम की आधिकारिक सामग्री और CBSE परीक्षा, सेंट्रल बोर्ड द्वारा आयोजित दो‑टर्म टेस्ट. ये दोनों ही इस फॉर्मेट को चलाते हैं, इसलिए इनके बारे में साफ़ समझ होना ज़रूरी है.
पहला सिधा संबंध: कक्षा 10 दो टर्म में हर विषय दो भागों में बाँटा जाता है – पहला टर्म (जनवरी‑जून) और दूसरा टर्म (जुलाई‑दिसंबर). इस विभाजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को समय‑समीकरण करके सीखने का मौका देना है. दूसरा संबंध: विषय सामग्री, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, हिन्दी, सामाजिक विज्ञान आदि इस दो‑टर्म में बराबर हिस्से में आती है, इसलिए हर टर्म में अलग‑अलग रहस्य खुले होते हैं. तीसरा संबंध: परीक्षा पैटर्न, प्रत्येक टर्म में लिखित और MCQ फॉर्मेट तय करता है कि आप कैसे अंक जुटा सकते हैं. इन तीनों तत्वों को जोड़कर आप अपनी पढ़ाई का रोडमैप बना सकते हैं.
मुख्य घटक और तैयारी टिप्स
पहले देखें कि NCERT पुस्तकें क्यों महत्वपूर्ण हैं। इनके अंदर वही प्रश्न और अवधारणाएँ हैं जो बोर्ड परीक्षा में पूछी जाती हैं. हर अध्याय के अंत में दिया गया अभ्यास प्रश्न, समाधान एवं चित्र, आपके समझ को गहरा बनाते हैं. इसलिए पढ़ते समय यह सुनिश्चित करें कि आप इन पुस्तकों को पूरा पढ़ें, नोट बनाएं और स्वयं हल करें.
दूसरा, CBSE परीक्षा का पैटर्न याद रखें. प्रत्येक टर्म में एक निश्चित संख्या में प्रश्न होते हैं: 100 अंक का लिखित, 50 अंक का MCQ, तथा कभी‑कभी प्रोजेक्ट या लैब असाइनमेंट. इस जानकारी के साथ आप टाइम‑टेबल बनाकर प्रत्येक सप्ताह में कितना पढ़ना है, तय कर सकते हैं. टाइम‑टेबल बनाते समय कठिन विषय को पहले रखें, क्योंकि दो‑टर्म में समय कम होता है.
तीसरा, अपने विषय सामग्री को छोटे‑छोटे खंडों में बाँटें. उदाहरण के तौर पर, गणित में ‘बीजगणित’ को ‘रैखिक समीकरण’, ‘घातांक’, ‘फलन’ में बाँटें; फिर प्रत्येक भाग के लिए 2‑3 दिनों में अभ्यास करें. इतिहास में प्रमुख घटनाओं को तिथियों के साथ नहीं, बल्कि कारण‑परिणाम के रूप में याद रखें. इस तरह से आप सामग्री को याद रखने में आसानी पाते हैं और दो‑टर्म की गति भी बनती है.
अंत में, दो‑टर्म में निरंतर परीक्षण (मॉक टेस्ट) का महत्व बताना जरूरी है. हर टर्म की समाप्ति से पहले कम से कम दो मॉक टेस्ट दें. इससे आपका टाइमिंग, प्रश्न‑व्याख्या और तनाव प्रबंधन सुधरता है. मॉक टेस्ट के बाद अपने गलतियों को लिखें, समझें और फिर से हल करें. यही लूप आपके अंक बढ़ाने का सबसे प्रभावी तरीका है.
इन सभी बातों को समझते हुए, नीचे आपको विभिन्न लेख मिलेंगे – कुछ NCERT के खास अध्यायों की विस्तृत गाइड, कुछ परीक्षा पैटर्न की विस्तृत जानकारी, और कुछ प्रभावी स्टडी प्लान के उदाहरण. आप अपनी जरूरत के हिसाब से पढ़ सकते हैं और दो‑टर्म की तैयारी को सहज बना सकते हैं. तो चलिए, आगे के लेखों में गहराई से देखते हैं कि कैसे आप अपनी कक्षा 10 दो टर्म को आराम से पास कर सकते हैं.
CBSE ने 2026 की कक्षा 10 और 12 बोर्ड परीक्षाओं का समय‑निर्धारण प्रकाशित किया। परीक्षा 17 फ़रवरी से शुरू होगी, कक्षा 10 में दो टर्म लागू होंगी और कक्षा 12 की परीक्षा 4 अप्रैल तक चलेगी। नया नियम दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति देता है, परिणाम 20 जून तक घोषित होंगे।