जब हम Nifty, NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) का 50 प्रमुख शेयरों पर आधारित प्रमुख बाजार सूचकांक है. अक्सर इसे NSE Nifty 50 कहा जाता है, यह भारतीय इक्विटी मार्केट की समग्र गति को दिखाता है। Sensex, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 मुख्य शेयरों का इंडेक्स है के साथ मिलकर यह निवेशकों के मनोभाव को दिशा देता है। साथ ही, IT सेक्टर, टेक कंपनियों का समूह जो डिजिटल सेवाओं और सॉफ्टवेयर में विशेषज्ञता रखता है Nifty के प्रदर्शन को काफी प्रभावित करता है, क्योंकि इस सेक्टर की कंपनियां अक्सर सूची में शीर्ष पर रहती हैं। इस तरह Nifty को समझना सीधे इंडेक्स = 50 प्रमुख कंपनियों का समूह जैसी समीकरण से जुड़ा है, और यह Nifty encompasses प्रमुख शेयरों के औसत मूल्य को दर्शाता है।
व्यापक बाजार विश्लेषण में हम देख सकते हैं कि IT सेक्टर strengthens Nifty performance जैसे संबंध अक्सर दिखाई देते हैं, खासकर जब वैश्विक तकनीकी मांग बढ़ती है। मार्केट ट्रेंड, किसी विशेष अवधि में शेयर बाजार की दिशा और गति को दर्शाने वाले पैटर्न भी Nifty की गति को तय करते हैं; उदाहरण के तौर पर, विदेशी पूँजी प्रवाह या मौद्रिक नीति में बदलाव सीधे Nifty को उठाते या गिराते हैं। शेयर बाजार, स्टॉक की खरीद बिक्री के माध्यम से पूँजी का आवंटन करने वाला वित्तीय मंच Sensex के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, इसलिए Sensex influences investor sentiment on Nifty यह वाक्य प्रमाणित करता है कि दोनों इंडेक्स एक-दूसरे को पूरक होते हैं। इस संदर्भ में, आर्थिक आँकड़े, रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीतियां और वैश्विक बाजार की अस्थिरता भी Nifty को आकार देती हैं, जिससे यह एक जटिल लेकिन समझने योग्य सिस्टम बन जाता है।
अब आप इस पृष्ठ पर Nifty से संबंधित कई लेख देखेंगे: आज की कीमत, प्रमुख आय के आंकड़े, IT कंपनियों की क़्वार्टरली रिपोर्ट, Sensex के साथ तुलना, और बाजार के ट्रेंड्स की विस्तृत चर्चा। प्रत्येक लेख में हम सरल भाषा में समझाते हैं कि किन कारकों ने Nifty को ऊपर‑नीचे किया, कौन से सेक्टर आगे बढ़ रहे हैं, और अगले कदम क्या हो सकते हैं। इस जानकारी से आप अपने निवेश निर्णय में तेज़ी से और सही तौर पर काम ले सकेंगे। आगे के लेखों में निफ्टी के तकनीकी विश्लेषण, मौसमी पैटर्न, और विशेषज्ञों की राय भी शामिल है—तो चलिए, नीचे देखें और आज के बाजार की पूरी तस्वीर बनाएं।
26 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में दो प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई। Sensex 733 अंक गिरकर 80,426 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 236 अंक गिरा। गिरावट का मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारी बिक्री, यू.एस. H‑1B वीज़ा शुल्क में बढ़ोतरी, और वैश्विक बाजार की नकारात्मक प्रवृत्ति बताई गई। बाजार में केवल 8 Nifty शेयर ऊपर रहे, बाकी 42 नीचे गिरे। मारुति सुजुकी 52‑सप्ताह का उच्च स्तर छूता रहा, वहीं सन् फार्मा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने 52‑सप्ताह का निम्न दर्ज किया।