रेल दुर्घटना कभी भी हो सकती है। अगर आप हादसे के पास हों या किसी परिचित का नाम सुनें, तो सबसे पहले ठंडा दिमाग रखें। पैनिक करने से हालात बिगड़ते हैं। नीचे दिए कदम तुरंत काम आएंगे और आपको समझाने में मदद करेंगे कि现场 पर क्या करना चाहिए और आगे क्या उम्मीद रखें।
आपातकाल में तुरंत करने योग्य काम
1) अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें: ट्रैक से दूर रहें और अगर ट्रेन पर आग या रिसाव है तो दूरी बनाए रखें। जोखिम वाले हिस्से (बिजली के तार, ज्वलनशील सामग्री) के पास न जाएं।
2) मदद बुलाएं: भारत में आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल करें। रेलवे से जुड़ी जानकारी और तत्काल सहायता के लिए 139 पर भी संपर्क कर सकते हैं। स्थानीय पुलिस और नजदीकी सरकारी अस्पताल को तुरंत सूचित करें।
3) घायलों की प्राथमिक चिकित्सा: अगर आप प्राथमिक चिकित्सा जानते हैं तो खून रोकें, वायुमार्ग साफ रखें और घातक चोट वालों को स्थिर स्थिति में रखें। गंभीर घायलों को अपने आप हिलाएं मत — तब तक प्रतीक्षा करें जब तक ट्रेन या ट्रैक सुरक्षित न हो।
4) जानकारी इकट्ठा करें: घटना का समय, ट्रेन नंबर, समीपस्थ स्टेशन और देखा गया नुकसान लिख लें। यह जानकारी अधिकारियों और परिवार वालों को तुरंत देने के काम आएगी।
हादसे के कारण और जांच प्रक्रिया
रेल हादसों के कई सामान्य कारण होते हैं: सिग्नल फेलियर, मानवीय भूल, ट्रैक की खराबी, लेवल क्रॉसिंग पर गलती, मौसम की मार या जानबूझ कर की गई तोड़फोड़। हादसा होने पर रेलवे और राज्य सरकार तफ्तीश शुरू करती हैं।
जांच में अक्सर Commissioner of Railway Safety (CRS) या संबंधित प्राधिकरण शामिल होते हैं। वे वर्तिकरणों, वीडियो फुटेज, सिग्नल लॉग और इंजीनियरिंग ऑडिट की समीक्षा करते हैं। परिवारों के लिए यह जानना जरूरी है कि जांच में समय लग सकता है, लेकिन उनकी रिपोर्ट आगे की कार्रवाई और मुआवजे की नींव बनती है।
क्या आप गवाह हैं? अपने मोबाइल में तस्वीरें और वीडियो सुरक्षित रखें और उन्हें अनावश्यक रूप से सोशल मीडिया पर फैलाने से बचें। गलत जानकारी फैलने पर परिवारों के लिए दर्द और अफवाहें बढ़ सकती हैं। अधिकारी जब चाहें तो आपसे बयान लेंगे — सच्चा और संक्षिप्त बयान दें।
रेल दुर्घटना की खबरें पढ़ते समय विश्वसनीय स्रोत चुनें— आधिकारिक रेलवे बयान, स्थानीय प्रशासन और भरोसेमंद न्यूज चैनल। अफवाहों पर भरोसा करने से निर्णय प्रभावित हो सकते हैं। अगर आपके पास कोई व्यक्ति हादसे में है, तो रेलवे हेल्पलाइन 139, स्थानीय स्टेशन मास्टर और 112 से संपर्क करें।
अंत में, रेल सुरक्षा हम सबकी ज़िम्मेदारी भी है। लेवल क्रॉसिंग पर सावधानी बरतें, यात्रियों को ट्रेन के बाहर खड़े होकर फोन करने से रोकेँ, और खराब सिग्नल या ट्रैक देखते ही संबंधित अधिकारी को बताएं। ये छोटे कदम बड़े हादसे रोकने में मदद कर सकते हैं।
चेन्नई के पास कवराइपेट्टई रेलवे स्टेशन के निकट मैसूरू-दरभंगा एक्सप्रेस का एक वस्त्रगाड़ी से टकरा जाने का हादसा हुआ। दुर्घटना के परिणामस्वरूप 12-13 डिब्बे पटरी से उतर गए और दो डिब्बों में आग लग गई। बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और कई अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कार्यभार संभाला। प्रारंभिक जाँच में यह पता चला है कि सम्भवत: ट्रेन लूप लाइन पर चली गई थी। कोई हताहत की सूचना नहीं मिली है लेकिन कई लोग घायल हैं।