शीतकाल: भारत में मौसम, दुर्घटनाएँ और खेल की दुनिया
जब शीतकाल, भारत में सर्दियों का मौसम शुरू होता है, जिसमें तापमान गिरता है, घना कोहरा छाता है और सड़कें खतरनाक हो जाती हैं, तो जिंदगी के सभी पहलू बदल जाते हैं। ये मौसम न सिर्फ किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यातायात, स्वास्थ्य और खेलों के लिए भी एक नया चुनौतीपूर्ण दौर शुरू कर देता है। सड़क हादसे, विशेषकर कोहरे और बारिश के बाद बढ़ जाते हैं, जैसे हरमन सिद्धू और राजवीर जवंदा की दुर्घटनाएँ जिनमें पंजाबी संगीत के बड़े नाम चले गए। ये घटनाएँ बताती हैं कि शीतकाल सिर्फ ठंड का मौसम नहीं, बल्कि जानलेवा खतरों का भी समय है।
मौसम, IMD की लाल चेतावनियों के साथ, उत्तरी बिहार, पूर्वी यूपी और महाराष्ट्र में भारी बारिश और ओलावृष्टि का कारण बनता है, जिससे स्कूल बंद हो जाते हैं और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। दरजीली जैसे पहाड़ी इलाकों में बवंडर ने 23 लोगों की जान ले ली, जबकि दिल्ली और गुवाहाटी में क्रिकेट के मैच शुरू हो गए। क्रिकेट, शीतकाल में भारत के लिए एक बड़ा खेल बन जाता है, जहाँ भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच होते हैं, और महिला टीमें विश्व कप में जीत के रिकॉर्ड बनाती हैं। शाई होप जैसे खिलाड़ी सभी टेस्ट देशों के खिलाफ शतक बनाते हैं, जबकि इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज रन चेज का रिकॉर्ड तोड़ दिया। ये सब शीतकाल के दौरान ही हुआ।
शीतकाल सिर्फ ठंड और बारिश का समय नहीं, बल्कि ऐसे बदलावों का समय है जो जिंदगी को बदल देते हैं। शीतल देवी जैसी महिलाएँ पैरालिंपिक में कांस्य पदक जीतती हैं, जबकि बिटकॉइन जैसे बाजार यूएस शटडाउन के दौरान उछलते हैं। यहाँ आपको इसी मौसम के ताज़ा अपडेट मिलेंगे—जहाँ दुर्घटनाएँ, खेल और मौसम एक साथ घटित होते हैं। ये सभी कहानियाँ शीतकाल के एक ही नक्शे पर लिखी गई हैं।
कानपुर में रात का तापमान 14°C तक गिर गया और हवा की गुणवत्ता AQI 284 पर पहुँच गई, जो 'गंभीर' श्रेणी में आती है। PM2.5 का स्तर खतरनाक स्तर पर है, जिससे सांस संबंधी बीमारियाँ बढ़ रही हैं।
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