ट्रोलिंग: क्या है और आपको इससे कैसे बचना चाहिए

ट्रोलिंग सिर्फ तीन-चार कटु कमेंट नहीं—यह लगातार मानसिक परेशानियों, प्र reputational नुकसान और गलत जानकारी फैलाने जैसा हो सकता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि ट्रोलिंग का सामना करना आसान है, पर असल में इससे निपटना सोचने जैसी बात नहीं होती। यहाँ आसान भाषा में कारण, असर और काम के तरीके दिए जा रहे हैं जो आप तुरंत अपना सकते हैं।

ट्रोलिंग के कारण और असर

कई बार लोग ध्यान पाने के लिए जानबूझ कर उकसाते हैं। उदाहरण के लिए, किसी टीवी शो की लीक हुई शादी या सेलिब्रिटी तस्वीरें देखें—कमेंट्स में तुरंत ट्रोलिंग शुरू हो जाती है। कभी-कभी गलत खबरें या स्टॉक पर अफवाहें (जैसे अचानक गिरावट वाले शेयरों पर सोशल मीडिया चर्चाएँ) भी ट्रोलिंग का बहाना बन जाती हैं।

असर सीधे से होते हैं: भावनात्मक दबाव, नींद में कमी, काम पर ध्यान न लगना और सोशल प्रेजेंस का नुकसान। छोटे बिजनेस या क्रिएटर्स के लिए ट्रोलिंग से ग्राहक और ब्रांड इमेज भी खराब हो सकती है।

कदम: ट्रोलिंग से बचें और निपटें

सबसे पहले—हर कमेंट का जवाब देना जरूरी नहीं। ट्रोलिंग अक्सर प्रतिक्रिया चाहती है; जब आप प्रतिक्रिया नहीं देते, उनका मजा चला जाता है।

ब्लॉक और रिपोर्ट कर दें। सभी प्लेटफार्मों पर रिपोर्टिंग विकल्प होते हैं—उन्हें इस्तेमाल करें। साथ ही स्क्रीनशॉट लें और तारीख-समय नोट कर लें, जरूरत पड़ी तो कानूनी मदद में काम आएगा।

प्राइवेसी सेटिंग्स मजबूत रखें। प्रोफाइल निजी करें, अनजान लोगों से दोस्ती स्वीकार न करें और कमेंट फिल्टर ऑन रखें। अगर आप पब्लिक पेज चलाते हैं तो मॉडरेटर रखें जो समय पर नकारात्मक कमेंट हटा दे।

संतुलित जवाब दें—अगर सच में जवाब देना जरूरी है तो ठंडे दिमाग से, तथ्य के साथ और संयम से जवाब दें। उकसाने वाले शब्दों में न उलझें। उदाहरण: ‘‘विवरण गलत है, स्रोत देखना चाहेंगे?’’ यह गुस्से भरे जवाब से बेहतर काम करता है।

मानसिक सेहत को प्राथमिकता दें। लगातार ट्रोलिंग हो रही हो तो सोशल मीडिया से ब्रेक लें, दोस्तों से बात करें या प्रोफेशनल काउंसलर से संपर्क करें।

कानूनी रास्ता भी है—नाज़ुक या हिंसक धमकियों के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। साइबर क्राइम विंग ऐसे मामलों में मदद करता है और डिजिटल सबूत काम आते हैं।

अंत में, समुदाय बनाएं। अपने पाठकों या फॉलोअर्स को स्पष्ट नियम बताएं और गाइडलाइन्स बनाएँ। सकारात्मक कमेंट्स को प्रमोट करें—इससे ट्रोलिंग का प्रभाव कम होता है।

ट्रोलिंग से पूरी तरह बचना मुश्किल है, लेकिन सही कदम और तैयारी से आप इसका असर कम कर सकते हैं। अगर कोई खास मामला है और आप चाहें तो मैं उपयोगी कदमों की लिस्ट या रिपोर्ट टेम्पलेट भी बना कर दे सकता हूँ।

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प्रिय भवानी शंकर ने 'इंडियन 2' फिल्म की असफलता के बाद उन्हें मिलने वाले आलोचनाओं और ट्रोलिंग को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। सोशल मीडिया पर हुई आलोचना और सुकन्या की जगह कास्ट किए जाने को लेकर हुए विवाद पर भी उन्होंने खुलकर बात की। उन्होंने अपनी दृढ़ता और फिल्म इंडस्ट्री में आगे बढ़ने की अपनी इच्छा को भी व्यक्त किया।

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