तमिलनाडु होच त्रासदी: तत्काल चर्चा की मांग पर विधानसभा से निकाले गए एआईएडीएमके विधायक

तमिलनाडु होच त्रासदी: तत्काल चर्चा की मांग पर विधानसभा से निकाले गए एआईएडीएमके विधायक

तमिलनाडु होच त्रासदी पर विधानसभा में हंगामा

तमिलनाडु विधानसभा शुक्रवार को उस समय नाटकीय मोड़ पर आ गई जब विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके के विधायकों ने काले शर्ट और साड़ियों में हाउस में प्रवेश किया। उनकी यह वेशभूषा कल्लकुरिची होच त्रासदी पर तत्काल चर्चा की मांग का प्रतीक थी। इस त्रासदी में अब तक लगभग 50 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। विधायकों का नेतृत्व विपक्ष के नेता और पार्टी के महासचिव एडापड्डी के. पलानीस्वामी कर रहे थे, जो मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

मांगों को लेकर हंगामा

जब एडापड्डी के. पलानीस्वामी ने विधानसभा में बोलने की इच्छा जाहिर की, तो स्पीकर एम. अप्पावू ने उनसे प्रश्नकाल के बाद अपनी बात रखने को कहा। लेकिन, एआईएडीएमके विधायकों ने तत्काल चर्चा की मांग पर जोर दिया, जिससे उन्हें हाउस से निकाल दिया गया। इसके बाद विधानसभा परिसर के बाहर पुलिस और विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। बाद में स्पीकर ने एआईएडीएमके विधायकों को सत्र में शामिल होने की अनुमति दी, लेकिन पार्टी ने सत्र में भाग न लेने का फैसला किया।

कल्लकुरिची होच त्रासदी का विवाद

कल्लकुरिची होच त्रासदी ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। इस त्रासदी में गैरकानूनी शराब का सेवन करने से लगभग 48 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इस मामले में शराब विक्रेता कन्नुकुट्टी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभ में जिला प्रशासन ने गैरकानूनी शराब की बिक्री से इनकार किया, लेकिन बाद में इसे स्वीकार किया गया।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर

इस मुद्दे पर एआईएडीएमके ने सरकार पर बिना तैयारी के पकड़े जाने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि उनके विधायक ने इस विषय को निलंबित एसपी समाय सिंह मीणा के सामने उठाया था, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। आरोप है कि मौतों का कारण शराब के साथ इथेनॉल का मिश्रण था। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है और मृतकों के रक्त के नमूने फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं।

सवालों के घेरे में प्रशासन

सवालों के घेरे में प्रशासन

इस त्रासदी ने जिला प्रशासन और सरकार पर कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। कैसे गैरकानूनी शराब बिना किसी रोक-टोक के बेची जा रही थी? क्या स्थानीय प्रशासन इस खतरे से अवगत था या उन्होंने इसे नजरअंदाज किया? त्रासदी के बाद उठे ये सवाल सरकार की कार्यवाही और स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर संदेह उठा रहे हैं।

सीएम पर इस्तीफे का दबाव

विपक्षी दल की मुख्य मांग मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के इस्तीफे को लेकर है। उनका तर्क है कि ऐसी घटनाओं को रोकने में सरकार नाकाम रही है और अब उसे अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। एआईएडीएमके का आरोप है कि सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लिया और परिणामस्वरूप इतने बड़े पैमाने पर लोगों की जान चली गई।

संगठनों और जनता का रुख

संगठनों और जनता का रुख

इस मुद्दे पर समाजिक संगठनों और जनता का भी तीखा रुख देखने को मिल रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर उनके परिवार के सदस्य कैसे गैरकानूनी शराब का शिकार हुए और प्रशासन इस पर किस हद तक जवाबदेह है।

सरकार का जवाब

सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद संवेदनशीलता दिखाते हुए जांच कमेटी बैठा दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पूर्णविराम

पूर्णविराम

कल्लकुरिची होच त्रासदी ने एक बार फिर से तमिलनाडु सरकार के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इसे कैसे सुलझाया जाएगा और सरकार किस तरह से इस मुद्दे का निपटारा करेगी, यह देखने वाली बात होगी। यह घटना राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से गंभीर चर्चा का विषय बन चुकी है और राज्य की जनता एवं विधायकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

द्वारा लिखित राजीव कदम

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।