उत्तर कोरिया ने भेजे कूड़ा भरे गुब्बारे, किम की बहन ने दी नई कार्रवाई की चेतावनी

उत्तर कोरिया ने भेजे कूड़ा भरे गुब्बारे, किम की बहन ने दी नई कार्रवाई की चेतावनी

उत्तर कोरिया द्वारा नई कूड़ा भरी गुब्बारों की लहर

रविवार रात को उत्तर कोरिया ने एक बार फिर कूड़ा भरे गुब्बारों की एक नई लहर दक्षिण कोरिया की ओर भेजी। यह कदम दक्षिण कोरिया के उस निर्णय के जवाब में उठाया गया है जिसमें उन्होंने सीमा क्षेत्रों में उत्तर कोरिया विरोधी प्रचार प्रसारण फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।

किम यो जोंग की चेतावनी

किम जोंग उन की बहन, किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है कि यदि दक्षिण कोरिया इस 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' को जारी रखता है तो उत्तर कोरिया नई और अनिर्धारित कार्रवाई कर सकता है। किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया पर एक 'खतरनाक स्थिति' उत्पन्न करने का आरोप लगाया है और यह स्पष्ट किया है कि यदि प्रचार प्रसारण बंद नहीं हुआ और उत्तर कोरिया विरोधी प्रचार पत्रक सीमा पार भेजे गए तो उत्तर कोरिया जवाब में नई कार्रवाई करेगा।

दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया

दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (JCS) ने उत्तर कोरिया को वर्तमान परिस्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है और इस तरह के उकसाने वाले कृत्यों को रोकने का आग्रह किया है, जैसे कि कूड़ा भरे गुब्बारे भेजना। दक्षिण कोरियाई सेना ने पहले प्रचार प्रसारण को मनोवैज्ञानिक युद्ध के हिस्से के रूप में प्रचारित किया था, लेकिन 2018 के शिखर सम्मेलन के बाद से उपकरण को हटा लिया गया था।

गुब्बारे और उनके परिणाम

पिछले कुछ हफ्तों में, उत्तर कोरिया ने सीमा पार हजारों कूड़ा भरे गुब्बारे भेजे हैं, जिसका दावा है कि यह दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ता समूहों द्वारा भेजे गए उत्तर कोरिया विरोधी पत्रकों का जवाब है। दक्षिण कोरियाई सेना ने सोमवार सुबह तक लगभग 50 गुब्बारों की खोज की थी जो उनके क्षेत्र में उतरे थे। बाकी गुब्बारों के हवा के कारण उत्तर कोरिया वापस लौट आए होने की संभावना है।

तनाव का बढ़ता स्तर

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच यह तनाव से भरी स्थिति संभावित सैन्य जवाबी कार्रवाई के खतरे को बढ़ा रही है। दक्षिण कोरियाई सरकार ने 2018 के समझौते को निलंबित कर दिया है, जिससे सैनिक तनाव को कम करने और सीमा पर प्रचार प्रसारण और सैन्य अभ्यास को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं की भूमिका

दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं ने पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया की ओर सैकड़ों हजारों निंदा पत्रक और 5000 यूएसबी स्टिक जिसमें केपॉप और के-ड्रामा थे, भेजे थे। यह सामग्री उत्तर कोरियाई जनता को उनके राज्य के वास्तविकता और दक्षिण कोरिया की प्रगति के बारे में जागरूक करने के लिए भेजी जा रही है।

इस प्रकार, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और यह स्थिति एक गंभीर मोड़ ले सकती है यदि दोनों पक्षों ने इस 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' को समाप्त करने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Chandra Soni

उत्तरी कोरिया की कूड़ा भरी गुब्बारा रणनीति को हम एक हाई-टेक सायबर‑प्रोपेगेंडा फ़्लाइट के रूप में देख सकते हैं। यह कार्रवाई डिफेन्सियल इकोसिस्टम में एक रैडिकल सिग्नल है, जो सेकेंडरी इन्फॉर्मेशन वारफेयर को एस्केलेट करने की कोशिश करती है। सेल्फ‑ऑफ़सेटेड थ्रेट मॉडल में ये गुब्बारे एक स्टोपर टोकन की तरह काम करते हैं, जिससे दक्षिण कोरिया को अपनी डिटेक्शन कैपेबिलिटी री‑कैलिब्रेट करनी पड़ती है। साथ ही, तनाव‑एस्केलेशन मैट्रिक्स में इस इवेंट की पोज़ीशन दिखाती है कि दोनों पक्षों का स्ट्रेटेजिक लीड अब एक हॉट-फ़ायर बेसिस पर है। अगर हम पाइपलाइन प्रॉपरिटी इंटेग्रेट करें, तो हम देखेंगे कि ये गुब्बारे एआर‑सिम्युलेशन में भी प्लेस्ड हो चुके हैं। इंटेलिजेंस एजेंसियों को अब डाटा‑ऑप्टिमाइज़्ड मॉडलों से इन एंट्रीज को फ़िल्टर करना पड़ेगा, नहीं तो सिविल पॉपुलेशन में पैनिक मोमेंट उत्पन्न हो सकता है। असली प्रश्न यह है कि क्या यह एक सिग्नल‑जैमर यानी सिग्नल को डिस्टर्ब करने का प्रयास है या फिर इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन का एक हिस्सा है। इस दिशा में हमें थॉट लीडरशिप के तहत एक काउंटर‑ऑपरेशन डिजाइन करना चाहिए, जिसमें एआई‑ड्रिवेन इमेज रेकग्निशन और रीयल‑टाइम गैस एनालिसिस शामिल हो। मैं मानता हूँ कि इस तनाव को ठीक से मैनेज करने के लिए एक मल्टी‑डायमेंशनल फ्रेमवर्क लागू होना ज़रूरी है। इसके अलावा, हम देखते हैं कि क्यूबर्नेटिक टैक्टिक्स का उपयोग किया जा रहा है, जिससे बायो‑मैट्रिक मॉनिटरिंग सिस्टम पर भी असर पड़ सकता है। इस स्थिति को स्थिर करने के लिए, संयुक्त राज्य और जापान को भी अपनी डिस्पोज़ल पॉलिसी रिव्यू करनी चाहिए। अंत में, हमें इस सन्निकट एस्केलेशन को एक कंटिन्जेन्सी प्लान के साथ एडेप्ट करना होगा, वरना यह प्रॉस्पेक्टिव खतरा एक ओपन‑फ़ायर में बदल सकता है।

anil antony

जनता की आँखों के सामने यह बेकार की उड़ती कचरे की बिंदुबारी एकदम बकवास है। दक्षिण कोरिया ने क्या किया है, बस इतना ही कि अपने टॉपिक को पॉलिटिकली सही दिखाने के लिए इस तरह के घृणित ट्रिक अपनाया है। इस तरह की गंदगी कोई मानवीय मानदंड नहीं समझती, बल्कि यह एक कृत्रिम बवाल है जो केवल उकसाने के लिए किया जाता है। आपको पता ही नहीं कि अंतरराष्ट्रीय कानून में ऐसे काम को कैसे माना जाता है-एकदम निरर्थक और अपमानजनक।

Aditi Jain

इस तरह के कूड़े के गुब्बारों के पीछे की नीतियों को देखो तो स्पष्ट है कि ये उत्तर कोरिया अपनी खुद की असुरक्षा को छुपाने के लिए नेशनलिस्म का हथियार बना रहा है। हमारा देश हमेशा इस प्रकार के प्रोपेगैंडा के विरुद्ध खड़ा रहा है, हमारे पास सच्ची स्वतंत्रता और संस्कृति है। ऐसे गंदे ट्रीटमेंट को हम स्वीकार नहीं करेंगे, हम अपना गौरव बनाए रखेंगे।

arun great

सभी को नमस्ते 😊
इन घटनाओं को देखते हुए मैं सुझाव देता हूँ कि दोनों तरफ़ के सैन्य और सिविल अधिकारियों को एक ठोस डायलॉग फ्रेमवर्क स्थापित करना चाहिए। इससे न केवल तनाव घटेगा बल्कि लोगों के बीच में भरोसा भी बना रहेगा। इस समय बहुत जरूरी है कि हम सब मिलकर समाधान की ओर कदम बढ़ाएँ।

Anirban Chakraborty

एक बार फिर दिखा दिया उत्तर कोरिया ने कितना कचरा बिखेर रहा है।