2024 पेरिस पैरालंपिक्स: तीसरे दिन की लाइव अपडेट और भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की महत्वपूर्ण बातें

2024 पेरिस पैरालंपिक्स: तीसरे दिन की लाइव अपडेट और भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की महत्वपूर्ण बातें

2024 पेरिस पैरालंपिक्स: तीसरे दिन की मुख्य बातें

2024 के पेरिस पैरालंपिक्स के तीसरे दिन भारतीय पैरालंपिक्स टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। देश की उम्मीदें इस बार रिकार्ड 25 पदक जीतने की हैं, जबकि टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत ने 19 पदक जीते थे। इस बार के खेलों में भारत ने अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा है, जिसमें 84 पैराथलीट्स शामिल हैं।

तीसरे दिन की शुरुआत रुबिना फ्रांसिस के शानदार प्रदर्शन से हुई, जिन्होंने महिलाओं की P2 10 मीटर एयर पिस्तोल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। उनका यह पदक भारत के लिए गर्व का क्षण था और उन्होंने अपनी शूटिंग स्किल्स से सभी को प्रभावित किया।

शीतल देवी: बिना बांहों की तीरंदाज

शीतल देवी, जो दुनिया की एकमात्र बिना बांहों की तीरंदाज और पेरिस पैरालंपिक्स की सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी हैं, ने भी अपने प्रतिभा का प्रदर्शन किया। शीतल ने पैरा-आर्चरी के नॉकआउट राउंड्स में सहभागिता की। उनकी यह कोशिश बिना बांहों के तीरंदाजी में नए आयाम स्थापित करती है।

दूसरे महत्वपूर्ण इवेंट्स

तीसरे दिन के अन्य महत्वपूर्ण इवेंट्स में सरिता का महिलाओं की इंडिविजुअल कंपाउंड ओपन 1/8 इलिमिनेशन, स्वारूप उनहालकर का पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल क्वालिफिकेशन्स, और ज्योति गादेरिया का महिलाओं के C1-3 500 मीटर पैरा साइक्लिंग टाइम ट्रायल क्वालिफाइंग्स शामिल थे। प्रदर्शन में किसी की भी पूरी मेहनत साफ दिखती है।

ज्यादा उत्सुकता भरा इवेंट प्रवीण कुमार की पुरुषों के जेवलिन थ्रो F57 फाइनल में भागीदारी थी। उम्मीदें थीं कि वे एक और पदक हासिल करेंगे।

आगामी इवेंट्स का शेड्यूल

आगामी दिनों में पैरा-बैडमिंटन के मैच भी बहुत महत्वपूर्ण रहेंगे। इनमें सोलैमलै सिवाराजन, कृष्णा नगर, और निथ्या स्रे सुमथी सिवान शामिल हैं। ये खिलाड़ी अपनी स्पर्धाओं में जीत हासिल करने और पदक जीतने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

पिछले इवेंट्स का लेखा-जोखा

तीसरे दिन के कुछ विशेष प्रदर्शन भी थे, जैसे कि मनदीप कौर का महिलाओं की सिंगल्स SL3 में नॉकआउट्स के लिए क्वालिफाई करना, नितेश कुमार का पुरुषों की सिंगल्स SL3 में सेमीफाइनल तक पहुंचना और ज्योति गादेरिया का महिलाओं के C1-3 500 मीटर टाइम ट्रायल फाइनल में 11वें स्थान पर रहना।

चमकते प्रदर्शन में मनोज सरकार का पुरुषों की सिंगल्स SL3 में जीत और सुंकांत कदाम का पुरुषों की सिंगल्स SL4 में सेमीफाइनल में क्वालिफाई करना भी शामिल हैं। वहीं, मनीषा रमदास भी महिलाओं की सिंगल्स SU5 में क्वार्टरफाइनल में पहुँच गई हैं।

उत्साहित करने वाले पल

कुल मिलाकर, भारतीय पैरालंपिक्स टीम के प्रदर्शन के ये शानदार पल थे, जिनसे पूरे देश को गर्व महसूस हो रहा है। खिलाडियों की मेहनत और लगन शीर्ष पर रही और उनकी कहानियाँ आने वाले दिनों में और नई ऊँचाइयाँ छूएंगी।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Deepanshu Aggarwal

वाह! भारतीय पैरालंपिक्स टीम ने तीसरे दिन शानदार प्रर्दशन किया है 😊. रुबिना फ्रांसिस की कांस्य पदक तो दिल खुशी से भर देती है. शीतल देवी की बिना बाँहों की तीरंदाज़ी की कहानी अचा इन्स्पायर करती है. आने वाले इवेंट्स में भी हमें इसी जोश से देखना चाहिए.
बाद में अगर कोई सवाल हो तो बताओ!

akshay sharma

देखो, इस साल का 25 पदक का लक्ष्य सिर्फ़ एक PR स्टंट नहीं, बल्कि पूरी तैयारी में फंकी-फंक्शनल गड़बड़ की सच्चाई को छुपाने की कोशिश है! टोक्यो की 19 पदक वाले ट्रैक रिकार्ड को आज़ाद कर दिया गया है जैसे कोई फेक स्कोर। और क्या आपने सुना कि कुछ कोचेज़ ने स्पोर्ट्स ड्रग्स की टॉप-सीक्रेट सप्लाई चैन में गुप्त रूप से सहायता की? 😡

Anand mishra

पेरिस पैरालंपिक्स की तीसरी शाम भारत की चैंपियन शिप की नई दास्तान लिख रही है, और इसका हर पन्ना गौरव से भरा है। पहले तो रुबिना फ्रांसिस ने 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य लेकर एक झलक दी उस मेहनत की, जो सालों की ट्रेनिंग में लगी थी। शीतल देवी का बिना बाँहों की तीरंदाज़ी का कारनामा, न सिर्फ़ तकनीकी उत्कृष्टता दिखाता है, बल्कि यह सामाजिक बाधाओं को भी तोड़ता है। उनके नॉकआउट राउंड में दर्शकों की तालियों की गूँज ने सभी को चकित कर दिया। सरिता की इंडिविजुअल कंपाउंड ओपन में जीत का उत्सव, खेल के तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता को भी उजागर करता है। स्वारूप उनहालकर की 10 मीटर एयर राइफल क्वालिफिकेशन में दिखी शान, भविष्य में बड़े पडलें की आशा देती है। ज्योति गादेरिया की C1-3 500 मीटर टाइम ट्रायल क्वालिफाइंग में सीखी गई तेज़ी, भारतीय साइक्लिस्ट्स की नई रणनीति का संकेत देती है। प्रवीण कुमार की जेवलिन थ्रो में दिखी कोशिश, दर्शाती है कि जजों का भरोसा तभी बनता है जब खिलाड़ी निरंतर अभ्यास करते हैं। आगे के पैरा‑बैडमिंटन मैचों में, सोलैमलै सिवाराजन और कृष्णा नगर की संभावनाएँ हमें उत्साहित करती हैं। जबकि निथ्या स्रे सुमथी सिवान का लक्ष्य सिर्फ़ भाग लेना नहीं, बल्कि बँक को तोड़ना है। मनदीप कौर का SL3 में क्वालिफ़ाई होना, टीम की गहराई को दर्शाता है, जैसे एक मजबूत बुनियाद। नितेश कुमार की सेमीफाइनल यात्रा, युवा ऊर्जा और अनुभव का मिश्रण है। मनोज सरकार का SL3 में जीत, टीम की आत्मविश्वास को और भी ऊँचा करता है। सुंकांत कदाम के सेमीफाइनल क्वालिफ़ाई होने से भारतीय पैरालंपिक्स की विविधता और प्रतिस्पर्धी माहौल स्पष्ट होता है। और अंत में, मनीषा रमदास का क्वार्टरफाइनल तक पहुँचना, महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनता है। कुल मिलाकर, यह दर्शाता है कि भारतीय पैरालंपिक्स टीम के हर सदस्य ने अपने-अपने क्षेत्र में इतिहास लिखने की कोशिश की है और यह केवल शुरुआत है।

Prakhar Ojha

इस तरह की रिपोर्ट में हमेशा बढ़ावा देने के लिए फालतू चिए जाता है, पर असली बात तो यह है कि कई एथलीट्स को पर्याप्त सपोर्ट नहीं मिला। सरकार की फंडिंग में कटौती और ब्यूरोक्रेसी ने इन हीरोस को पीछे धकेला है! 🙅‍♂️

Pawan Suryawanshi

सच में, पूरे इंडिया को इस जीत पर गर्व है 😎. टीम का मनोबल आज के मैचों में दिख रहा है और हमें उम्मीद है कि अगले दिन और भी शानदार प्रदर्शन करेंगे. पैरालिंबिक खेलों में यह ऊर्जा देखकर दिल हल्का हो जाता है. बस, आराम से देखते रहो और सपोर्ट करो! 🎉

Harshada Warrier

yeh padak preey karane wali kyanpain ke pichhe koi badi sazish h. 🙄