बहराइच हिंसा: राम गोपाल मिश्रा की पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट में कई गोली लगने की पुष्टि

बहराइच हिंसा: राम गोपाल मिश्रा की पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट में कई गोली लगने की पुष्टि

बहराइच में हुई दुर्दांत हत्या का सच

13 अक्टूबर 2024 को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा पूजा विसर्जन के समय साम्प्रदायिक हिंसा का भयावह रूप देखने को मिला। 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा को एक इस्लामी भीड़ ने निशाना बनाया, जिससे उनकी जान चली गई। पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट से यह बात साफ हो गई कि मिश्रा के शरीर पर 40 गोली लगने के और 2 गोली बाहर निकलने के निशान मिले। इस हिंसा की घटना ने पूरे जिले में खलबली मचा दी और सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए।

पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट का खुलासा

तीन डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा की गई पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट, जो वीडियो में रिकॉर्ड की गई थी, में राम गोपाल मिश्रा के शरीर पर 29 गोली लगने के निशान ऊपर छाती के हिस्से से गले तक फैले हुए मिले। इनके अतिरिक्त, दाहिने हाथ पर 2 और बाएं हाथ पर 3 निशान थे। उनके चेहरे पर 6 गोली लगने के निशान थे। सात पेलेट्स भी मिले, जिससे यह साबित हुआ कि गोलीबारी ही उनकी मौत की वजह बनी। डॉक्टरों के मुताबिक, गोलीबारी के चलते उनके शरीर में हुए हेमरेज और शॉक से उनकी मृत्यु हुई।

पुलिस और सोशल मीडिया की राय में अंतर

पुलिस ने इस हिंसा के संदर्भ में कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए दावों को खारिज किया, जिसमें बिजली के झटके, तलवार से हमले और नाखूनों को उखाड़ने जैसी बातें शामिल थीं। लेकिन चीफ मेडिकल ऑफिसर संजय कुमार के अनुसार, मिश्रा के बाएं आंख के चारों ओर चोट के निशान और नाखूनों के कुछ हिस्सों का गायब होना पाया गया। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि हिंसा से पहले इस प्रकार की यातना के कोई संकेत नहीं मिले।

कानूनी कार्रवाई और सुरक्षा कदम

हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए 11 अलग-अलग मामलों में 55 लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में इंटरनेट सेवाओं को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया। मुख्य आरोपी सरफराज और तालिब को यूपी पुलिस ने नेपाल भागने की कोशिश के दौरान मुठभेड़ में मार गिराया।

शांति की ओर बढ़ते कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाके में हालात सामान्य करने के लिए त्वरित फैसले लिए। महसी सीओ रूपेंद्र गौर को हटाकर रवि खोक्कर को उनकी जगह नियुक्त किया गया। इसके साथ ही उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे शीघ्र ही प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करें। वर्तमान में, स्थिति सामान्य होने की ओर है, पुलिस की भारी तैनाती और शशस्त्र सीमा बल के द्वारा नेपाल सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है। यह माना जा रहा है कि सरकार के कदमों से हिंसा की घटनाओं में कमी आएगी और इलाके में फिर से शांति स्थापित होगी।

द्वारा लिखित राजीव कदम

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।