बजट दिवस पर निफ्टी 50 में 2020 के बाद सबसे बड़ा इंट्राडे गिरावट

बजट दिवस पर निफ्टी 50 में 2020 के बाद सबसे बड़ा इंट्राडे गिरावट

निफ्टी 50 में 2020 के बाद सबसे बड़ा इंट्राडे गिरावट

बजट दिवस पर भारतीय शेयर बाजार में घटित घटनाओं ने निवेशकों को चौंका दिया। निफ्टी 50 सूचकांक में 2020 के बाद सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट देखी गई, जिसमें इसका स्तर 1.6% गिरकर 17,357.50 अंक पर पहुंच गया। यह गिरावट पिछले सत्र के द्वारा प्राप्त लाभ को मिटा दिया। इस अचानक गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों की उम्मीदों पर खरा न उतरना बताया जा रहा है। बजट 2023-24 के प्रस्तुत किए जाने के बाद, जिनमें खास तौर पर आयकर और प्रमुख सुधारों की कमी रही, बाजार ने इसे नकारात्मक रूप में लिया।

सेंसेक्स ने भी झेला कड़ा झटका

निफ्टी 50 के साथ-साथ, सेंसेक्स भी इस गिरावट के शिकार हुआ। 1.5% की गिरावट के साथ, सेंसेक्स का स्तर 59,331.35 अंक पर आ गया। बजट का मुख्य ध्यान पूंजी व्यय और बुनियादी ढांचे के विकास पर था, लेकिन निवेशकों द्वारा यह पुनर्गठन पर्याप्त नहीं माना गया। इस गहरी निराशा के कारण सभी सेक्टरों में व्यापक बिकवाली की गई।

कौनसे सेक्टर रहे सबसे ज्यादा प्रभावित?

इस बिकवाली की प्रक्रिया में सभी सेक्टरों को झटका लगा, परन्तु धातु, रियल्टी और आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। इन सेक्टरों में निवेशकों ने बड़े स्तर पर हिस्सेदारी बेची, जिससे सूचकांक में यह भारी गिरावट देखने को मिली।

विश्लेषकों की राय

बाजार के इस तीव्र प्रतिक्रिया के बावजूद, कई विश्लेषक इसे तात्कालिक मानते हैं। उनका मानना है कि बाजार की बुनियादी स्थिति अब भी मजबूत है और बजट के दीर्घकालिक प्रभाव सकारात्मक हो सकते हैं। उनका तर्क है कि पूंजी व्यय और आधारभूत संरचना पर जोर देने से दीर्घकाल में विकास की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

संजीवनी की तलाश में निवेशक

अल्पकालिक निराशा के बावजूद, कई निवेशक अब भी बाजार में अवसर ढूंढ रहे हैं। वे इस गिरावट को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं और उन क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं जिनमें पुनर्जागरण की संभावना है। धातु, रियल्टी और आईटी सेक्टर बड़ी गिरावट के बाद अब दोगुनी तेजी से वापसbounce कर सकते हैं।

कुल मिलाकर, निफ्टी 50 और सेंसेक्स की इस गिरावट को बाजार ने अल्पावधि में तो नकारात्मक माना, परंतु इसके दीर्घावधि प्रभावों पर अभी भी विश्लेषकों की नजर है। उद्देश्यपूर्ण बजट और बुनियादी ढांचे पर जोर देने के कारण आने वाले समय में बाजार फिर से गति पकड़ सकता है।

दीर्घकालिक दृष्टिकोण

बाजार के देखने के लंबे समय की दृष्टि से, निवेशकों को संयम बनाए रखने की जरूरत है। बजट के सकारात्मक पहलुओं जैसे पूंजी व्यय और बुनियादी ढांचे में निवेश को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इन पहलों के माध्यम से सरकार ने सनातन विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की कोशिश की है, जिसका प्रभाव भविष्य में दिखेगा।

nifty 50 index का यह अस्थाई गुलाब फिर से स्थिरता की ओर बढ़ सकता है, यदि बाजार नई नीतियों और सुधारों को सही ढंग से समझता है और उन्हें अपनाता है।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

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Nath FORGEAU

निफ्टी ने बजट के बाद जो गिरावट देखी वो सच में चौंकाने वाली थी बहुत तेजी से नीचे आया ऐसा लग रहा था जैसे कोई बड़ा शॉक लगा
इंट्राडे में 1.6% गिरना थोड़ा ज़्यादा है लेकिन बाजार में कभी‑कभी ऐसी लहरें आती रहती हैं
लगता है निवेशकों को अभी भी बजट की कुछ चीज़ों पर भरोसा नहीं है
धातु और रियल्टी सेक्टर सबसे ज्यादा मार खा रहे हैं हालांकि आईटी में थोड़ा सुधार दिख रहा है
भविष्य में अगर सरकार का खर्चा सही दिशा में जाता रहा तो आकस्मिक गिरावट के बाद फिर से उछाल देख सकते हैं

Hrishikesh Kesarkar

बजट में आयकर छूट की कमी ही निफ्टी के डिप्रेशन का मूल कारण है

Manu Atelier

बजट प्रस्तुति के बाद निफ्टी 50 में आई गिरावट को सतही रूप में देखना उचित नहीं है
वास्तव में इस घटना के पीछे कई गहरी आर्थिक कारण निहित हैं
पहला, आयकर में अपेक्षित छूट की अनुपस्थिति ने निवेशकों की अपेक्षा को कमजोर किया
दूसरा, सार्वजनिक खर्च में वृद्धि की स्पष्ट रूपरेखा की कमी ने पूंजी प्रवाह को रोका
तीसरा, मौद्रिक नीति में संभावित सख्ती की आशंका ने जोखिम‑उद्यमी रणनीति को संकोचपूर्ण बना दिया
इन तत्वों का संयुक्त प्रभाव न केवल इक्विटी बाजार को दबाव में लाया बल्कि मौजूदा बाजार भावना को भी क्षय किया
विश्लेषकों ने इसे अस्थायी झटका कहा है परन्तु दीर्घकालिक प्रभावों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
यदि सरकार बजट के बाद निवेश अनुकूल नीतियों को साकार नहीं कर पाती तो बाजार की पुनरुत्थान गति धीमी रह सकती है
इसी प्रकार, धातु एवं रियल एस्टेट सेक्टरों में मौजूदा गिरावट के कारण बुनियादी मांग की गिरावट का संकेत भी मिलता है
आईटी सेक्टर में अपेक्षाकृत स्थिरता दर्शाती है कि तकनीकी निवेश अभी भी आकर्षक बना हुआ है
कुशल पूंजी आवंटन एवं बुनियादी ढांचा विकास की रणनीति ही बाजार के पुनरुद्धार की कुंजी होगी
आगे चलकर, यदि बजट में स्पष्ट सुधारात्मक उपाय प्रस्तुत नहीं होते हैं तो निवेशकों का विश्वास पुनः प्राप्त करना कठिन हो सकता है
इसलिए, वर्तमान गिरावट को केवल बाजार की अकारण प्रतिक्रिया नहीं लिखना चाहिए बल्कि नीति‑निर्माताओं की जवाबदेही के रूप में देखना चाहिए
सारांश में, निफ्टी की गिरावट एक चेतावनी स्वर है जो आर्थिक दिशा‑निर्देशों की पुनः समीक्षा की आवश्यकता को उजागर करती है
भविष्य में स्थिरता हासिल करने के लिए नीतियों में स्पष्टता और निरंतरता आवश्यक होगी

Anu Deep

बजट के बाद बाजार में झटका आया लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि भारतीय शेयर बाजार ने कई बार ऐसे दौर देखे हैं
धातु, रियल एस्टेट और आईटी सेक्टरों में गिरावट का मतलब हमेशा दीर्घकालिक मंदी नहीं होता
हमारे पास ऐसी कई कंपनियां हैं जो इस चरण में भी मजबूत बुनियादी ढांचा रखती हैं
विचार करना चाहिए कि कौन‑से सेक्टर भविष्य की वृद्धि में योगदान देंगे जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल इंफ्रा
सभी को सलाह है कि जानकारी के आधार पर चयन करें और डर के कारण हड़बड़ी में निर्णय न लें

Preeti Panwar

सभी को नमस्कार 😊 बजट में कुछ बदलाव देखकर डर लगना स्वाभाविक है लेकिन हम एक साथ इस बाजार को समझ सकते हैं 🤝
आज की गिरावट को एक एंट्री प्वाइंट के रूप में देख सकते हैं
धातु और रियल एस्टेट सेक्टरों में अभी भी अच्छे अवसर हैं अगर हम सही कंपनियों की चुनते हैं
आईटी सेक्टर में निरंतर फंडिंग और नवाचार जारी है इसलिए यहाँ थोड़ा आशावादी रहना सही रहेगा 📈
सब मिलकर आगे बढ़ें, ज्ञान और धैर्य से ही हमें बेहतर रिटर्न मिलेंगे 🙏

MANOJ SINGH

ये बजट का शोर-शराबा जितना दिखता है उतना नहीं है बकवास गुप्टी फैली है
निफ्टी का गिरना दिखाता है कि निवेशक अभी भी बाज़ार की हकीकत देख रहे हैं
धातु और रियल्टि में घाटा तो है पर सच्चाई तो ये है कि कई प्रोजेक्ट देर से बदल रहे हैं
आईटी में सेक्टर तो ठीक है पर पुरानी कंपनियों के साथ भी एहतियात बरतनी चाहिए
बजट में सुधार चाहिए वरना फालतू की उलझन से बचो
समझदारी से पोर्टफोलियो बनाओ और बिना सोचे‑समझे पैनिक मत करो