केरल में भारी बारिश के कारण कई जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद

केरल में भारी बारिश की स्थिति
केरल में इन दिनों भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। कई जिलों में लगातार बारिश के कारण नदियों और जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है। कोझीकोड, पलक्कड़, इडुक्की, अलाप्पुझा, कन्नूर, त्रिशूर, कोट्टायम और वायनाड जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
जिलाधिकारी ने शैक्षणिक संस्थानों, जिनमें व्यावसायिक कॉलेज और आंगनवाड़ी शामिल हैं, को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि, पूर्व निर्धारित परीक्षाएं अपने समय पर कराई जाएंगी। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मुताबिक, बारिश का सिलसिला शुक्रवार तक चलने की संभावना है। इसके चलते प्रशासन ने विभिन्न सावधानियाँ बरतने के निर्देश दिए हैं।
बाढ़ की चेतावनी और अलर्ट
मौसम विभाग ने केरल के कई जिलों के लिए नारंगी और पीला अलर्ट जारी किया है। नारंगी अलर्ट उन इलाकों के लिए जारी होता है जहाँ भारी बारिश की संभावना होती है और सावधानी बरतने की जरूरत होती है। वहीं, पीला अलर्ट भी गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है और संभावित खतरे की चेतावनी देता है।
बंगाल की खाड़ी में नीचले दवाब का क्षेत्र बना हुआ है, जिसने इस बारिश को और बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, मौसम विभाग का मानना है कि 19 तारीख को एक और दवाब का क्षेत्र बनने की संभावना है जिससे बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है।
मत्स्य पालन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसे 19 तारीख तक प्रभावी रखा गया है।

बूथंकट्टू डैम की स्थिति
भारी बारिश और जलस्तर बढ़ने के कारण बूथंकट्टू डैम के सभी गेट खोल दिए गए हैं ताकि जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
समस्त विभाग अपने स्तर पर लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को संभावित बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी है।

प्रशासन की ओर से आग्रह
स्थानीय निवासियों से आग्रह है कि वे सावधानी बरतें और अनावश्यक यात्रा से बचें। पानी के ऊँचे स्तर वाले और बाढ़ संभावित क्षेत्रों से दूर रहें।
शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से छात्रों की परेशानी बढ़ सकती है, परंतु उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाना आवश्यक है। उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी और राहत कार्य तेजी से हो सकेंगे।
इन सारी परिस्थितियों में प्रशासन और आम जनता को मिलकर काम करना होगा ताकि इस आपदा से सुरक्षित निकला जा सके। हमें उम्मीद है कि सभी के सहयोग से इस प्राकृतिक आपदा का सामना आसान हो सकेगा।
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