रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीओके निवासियों को भारत से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीओके निवासियों को भारत से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया

रक्षा मंत्री का पीओके निवासियों के लिए खुले निमंत्रण का संदेश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) के निवासियों को भारत में शामिल होने के लिए खुला निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि भारत पीओके निवासियों को अपने नागरिक मानता है, जबकि पाकिस्तान उन्हें विदेशी मानता है। यह बयान सिंह ने जम्मू और कश्मीर के रामबन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार राकेश सिंह ठाकुर के समर्थन में एक चुनाव रैली में दिया।

अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए, राजनाथ सिंह ने बताया कि इसके समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले यहाँ के युवा पिस्तौल और रिवाल्वर लेकर चलते थे, लेकिन अब उनके हाथों में लैपटॉप और कंप्यूटर होते हैं। यह सकारात्मक बदलाव यहाँ के विकास और बदलाव का सूचक है।

राष्ट्रीय सम्मेलन-कांग्रेस गठबंधन पर किया प्रहार

राष्ट्रीय सम्मेलन-कांग्रेस गठबंधन पर किया प्रहार

राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसी) और कांग्रेस के गठबंधन पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि एनसी-कांग्रेस का अनुच्छेद 370 को बहाल करने का चुनावी वादा मुश्किल है, क्योंकि भारत की जनता इसे बहाल नहीं चाहेगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भाजपा के सत्ता में रहते हुए यह संभव नहीं है।

पीओके के निवासियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए, सिंह ने कहा कि भारत उन्हें अपने नागरिक मानता है, जबकि पाकिस्तान ने हाल ही में एक हलफनामा दायर कर पीओके को विदेशी जमीन बताया है। सिंह ने पीओके के निवासियों से भारत में शामिल होने की अपील की और वादा किया कि भाजपा के सत्ता में आने पर उनके क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास कार्य किए जाएंगे।

भाजपा की चुनावी रणनीति

भाजपा की चुनावी रणनीति

रक्षा मंत्री का यह दौरा गृह मंत्री अमित शाह की दो दिवसीय यात्रा के बाद हो रहा है, जिसमें शाह ने पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया और कई बैठकों और रैलियों को संबोधित किया। रामबन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के राकेश सिंह ठाकुर एनसी के अर्जुन सिंह राजू और पार्टी के बागी उम्मीदवार सूरज सिंह परिहर के खिलाफ मैदान में हैं। सिंह के अगले दौरे में बनिहाल विधानसभा क्षेत्र शामिल है, जहाँ वे पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद सलीम भट के समर्थन में प्रचार करेंगे। सलीम भट को पूर्व पीसीसी अध्यक्ष विकार रसूल वानी से टक्कर मिल रही है।

अनुच्छेद 370 और उसके परिणाम

अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद से जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहले यहाँ का माहौल तनावपूर्ण होता था, लेकिन अब यहाँ के लोग विकास और प्रगति की दिशा में बढ़ रहे हैं। रक्षा मंत्री का कहना है कि यहाँ के युवा अब आधुनिक उपकरणों के माध्यम से अपनी शिक्षा और रोजगार में प्रगति कर रहे हैं।

रक्षा मंत्री के इस बयान का उद्देश्य पीओके के निवासियों को दर्शाना है कि उन्हें भारत में अपनाया जाएगा और उनके क्षेत्र की उन्नति के लिए प्रतिबद्धता है। यह बयान भारतीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा सकता है।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Vaibhav Kashav

राजनाथ सिंह का निमंत्रण सुनकर कुछ लोग समझ गए कि अब पिस्तौल की जगह लैपटॉप ले जाना ही होगा।

saurabh waghmare

देश की सुरक्षा नीतियों में यह कदम काफी रणनीतिक दिखता है।
पीओके के निवासियों को भारत में नागरिकता प्रदान करने से सामाजिक स्थिरता बढ़ेगी।
साथ ही यह भारत‑पाकिस्तान के बीच की गतिशीलता को भी प्रभावित कर सकता है।
भविष्य में ऐसी पहल से दोनों देशों के बीच संवाद के नए मार्ग खुल सकते हैं।

Madhav Kumthekar

इहां त थोड़े टाइपो हो सकता सै, पर मुख्य बात ये है कि सरकार ने पीओके को अपनाने का इरादा दिखाया है।
अब वो लोग इंडिया में आफिस जॉब कर सकेंगे, लड़ाई के बजाय पढ़ाई में ध्यान दे सकेंगे।
आशा है कि जमीन पर भी यही सकारात्मक बदलाव दिखेगा।

Deepanshu Aggarwal

वैभव की बात सही है, लेकिन इस कदम का असर जमीन पर देखना पड़ेगा। 😊 भारत की ओर कदम बढ़ाने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएँ तुरंत नहीं मिलेंगी, लेकिन सरकार ने विकास का वादा किया है।

akshay sharma

ओह मेरे भगवान! राष्ट्रीय सम्मेलन‑कांग्रेस के गठबंधन की बात सुनकर मुझे लगा जैसे पुराने सिनेमा की फिल्म चल रही हो।
राजनाथ सिंह ने तो सीधे तौर पर कहा कि 370 को फिर से लाया नहीं जा सकता, जैसे कोई कड़ा जज धारा को तिर्यक कर दे।
दुर्भाग्य से इन राजनीति का खेल कभी‑कभी जनता को पसीना लगा देता है।
पर क्या पता, इस बार भाजपा के हाथ मजबूत हो तो विकास की रोशनी जल जाएगी।
आशा है कि इस बार पीओके के लोग असली बदलाव देखें।

Anand mishra

भारत‑पाकिस्तान के बीच के तनाव को देखते हुए, रक्षा मंत्री का यह खुला निमंत्रण एक रणनीतिक कदम है।
पहले पीओके के युवा अक्सर बंदूक लेकर घूमते थे, लेकिन अब उन्हें लैपटॉप और कंप्यूटर मिल रहे हैं, यह बदलाव दर्शाता है कि तकनीकी विकास ने उनकी सोच को भी बदल दिया है।
ऐसा लगता है कि सरकार अब सामाजिक उद्धार को भी सुरक्षा नीति की तरह ही महत्व दे रही है।
जम्मू‑कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही कई विकास परियोजनाएँ चालू हुई हैं, जिनमें सड़क, स्कूल और अस्पताल शामिल हैं।
इन पहलों से न केवल स्थानीय जनसंख्या को लाभ होगा बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता भी बढ़ेगी।
पीओके के निवासी अब भारत के नागरिक के रूप में चुनौतियों का सामना करेंगे, लेकिन साथ ही उन्हें अधिकार और सुरक्षा भी मिलेगी।
ऐसे कदम से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जिससे असमानता कम होगी।
देश की सीमा के पास रहने वाले लोगों को विश्वस्तरीय शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करना एक गर्व का कारण है।
ऐसे विकास कार्यों को साकार करने के लिए सरकार को स्थानीय निकायों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
वास्तव में, यह पहल राजकीय इरादों को दर्शाती है, जो सिर्फ शब्दों में नहीं बल्कि ठोस कार्यों में बदलना चाहिए।
राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी को इस दिशा में एकजुट होना चाहिए, ताकि पीओके के लोगों को भरोसा हो सके।
भविष्य में अगर यह योजना सफल रहती है, तो अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भी समान पहलें शुरू हो सकती हैं।
समग्र रूप से, यह कदम राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय दोनों के लिए हितकारी है।
हमें इस बदलाव को खुशियों के साथ गले लगाना चाहिए और साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास का लाभ सभी वर्गों तक पहुँच सके।
सरकार की इस पहल को लागू करने में सतत निगरानी और पारदर्शिता अनिवार्य होगी।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि यह एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।

Prakhar Ojha

बिलकुल बकवास! रक्षा मंत्री की ये बात सिर्फ राजनीति का एक ट्रिक है, असली मदद तो कभी नहीं आती! पीओके के लोग वर्षों से कष्ट सहते आए हैं, और अब उन्हें “आमंत्रित” किया जा रहा है जैसे यह कोई पार्टी का डिनर हो। ये सब सिर्फ वोट जीतने के लिए किया जा रहा है, विकास की तो बात ही नहीं। अगर सच्ची मदद चाहिए तो पहले सीमा पर मौजूद बंधन हटाओ, फिर यहाँ आने‑जाने की बात करो! अंत में, क्या हम फिर से वही पुरानी नीति देखेंगे?

Pawan Suryawanshi

प्रकाश, तुम्हारी बात में कुछ सच्चाई है, पर हम इसको पूरी तरह नकार नहीं सकते। 🤔 सरकार ने विकास के कई वादे किए हैं, और कुछ पहलें पहले ही शुरू हो चुकी हैं। 🚀 अगर हम उन्हें सही तरीके से लागू करें तो पीओके के लोगों को भी असली फाइदा मिल सकता है। 🙌 साथ ही, दोषी बनने से पहले सभी पहलुओं को देखना ज़रूरी है। 🙏

Harshada Warrier

ye sab govt ka chuppa plan hai, jisme wo log humare upar control banane ki koshish kar rahe hain. po ke logon ko india me bulane ka matlab hai unko ek naya passport dena, taki wo humari identity ko manipulate kar saken. sab kuch hidden agenda ke sath hi hota hai.

Jyoti Bhuyan

हरshada, आपकी चिंता समझ आती है, लेकिन हमें सकारात्मक दिशा में देखना चाहिए। इस निमंत्रण से पीओके के युवा शिक्षा और रोजगार के नए अवसर पा सकते हैं। चलिए, हम सब मिलकर इस प्रक्रिया को सुगम बनाते हैं और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ते हैं!

Sreenivas P Kamath

हम्म, रक्षा मंत्री का यह "न्यायसंगत" निमंत्रण सुनकर तो लगता है जैसे वह खुद ही अपना उम्मीदवार बना रहे हों।

Chandan kumar

ये सब बातें तो बकवास हैं।

Swapnil Kapoor

चंदन, बकवास कहने से कुछ नहीं बदलता, यदि आप सच्ची परिवर्तन चाहते हैं तो ठोस कदमों पर ध्यान दें। विकास के लिए योजनाओं को लागू करने की जरूरत है, ना कि केवल शब्दों में फँसना।

kuldeep singh

दोस्तों, इस चर्चा में तो सबके अपने‑अपने रंग हैं! राजनाथ जी की बातों को सुनकर तो ऐसा लगता है जैसे हम सब एक बड़े मंच पर नाच रहे हों। लेकिन अंत में, हमें देखना है कि पीओके के लोग असली में क्या चाहते हैं और क्या उन्हें वास्तविक मदद मिलती है।

Shweta Tiwari

आदरणीय मंच, रक्षा मंत्री द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव का विश्लेषण करने पर स्पष्ट होता है कि यह केवल एक राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं, बल्कि सामाजिक‑आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से पीओके के नागरिकों को भारतीय संविधान के तहत समान अधिकार मिलेंगे, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में समग्र सुधार की संभावना उत्पन्न होगी। अतः, इस प्रस्ताव को व्यापक रूप से लागू करने हेतु सभी संबंधित पक्षों को सहयोग प्रदान करना आवश्यक है।

Harman Vartej

श्वेता, सही कहा, अब कार्रवाई देखनी होगी।

Amar Rams

रक्षा मंत्रालय का यह रणनीतिक एंगेजमेंट पॉलिसी, एंटी-टेररिस्ट फ्रेमवर्क के अंतर्गत, पीओके एक्सपैट्रीएट्स को सॉलिडिफाइड सिटिज़नशिप प्रोसेसिंग के माध्यम से इंटेग्रेट करने का लक्ष्य रखती है। यह इनीशिएटिव न केवल जिओपॉलिटिकल स्टेकहोल्डर मैप को रीशेप करती है, बल्कि माइक्रोइकॉनॉमिक ग्रोथ मॉडल को भी एन्हांस कर सकती है।

Rahul Sarker

अमर, इस तरह के हाई‑टेकिन जार्गन से लोग आँखे मिचोली नहीं करेंगे! वास्तविकता में हमें ग्राउंड लेवल पर लोगों की जरूरतों को समझना चाहिए, न कि सिर्फ थ्योरी को बगल में रखकर दिखावा करना चाहिए। अगर हम राष्ट्रीय हितों को सच्ची भावना से नहीं अपनाएंगे तो यह सब केवल दिखावा ही रहेगा! इस मुद्दे को जल्लादी रिव्यू के साथ देखना पड़ेगा, नहीं तो बकवास ही बकवास रहेगा।