रतन टाटा ने स्वास्थ्य अफवाहों का किया तीव्र खंडन
भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति और समाजसेवी रतन टाटा ने हाल ही में उनके स्वास्थ्य को लेकर फैल रही अफवाहों का खंडन किया है। टाटा ने कहा कि उनके अस्पताल में भर्ती होने की खबरें पूरी तरह गलत हैं। 86 वर्षीय टाटा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, "मुझे मेरे स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर अफवाहों की जानकारी मिली है और मैं सभी को यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं अपनी उम्र और संबंधित चिकित्सीय परिस्थितियों के कारण मेडिकल चेक-अप करवा रहा हूं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। मैं अच्छे मनोबल में हूं और जनता एवं मीडिया से आग्रह करता हूं कि कृपया गलत सूचनाओं का प्रसार न करें।"
मीडिया में फैली गलत खबरों की चपेट
इस बयान के पहले, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रतन टाटा मुंबई स्थित ब्रेच कैंडी अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती कराए गए थे। इस खबर ने लोगों में हलचल मचा दी, जिसके बाद टाटा को स्वयं आगे आकर स्पष्ट करना पड़ा। टाटा का बिजनेस और समाज के प्रति समर्पण किसी से छिपा नहीं है, और इसी के चलते वो न केवल व्यापारिक समुदाय में बल्कि आम जनता के बीच भी काफी सम्मानजनक दृष्टि से देखे जाते हैं।
टाटा ग्रुप के साथ लंबा सफर
रतन टाटा का टाटा ग्रुप के साथ रिश्ता 1962 से है। वे 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने और उनके नेतृत्व में कंपनी ने वैश्विक बिजनेस साम्राज्य का रूप धारण कर लिया। टाटा ग्रुप की कुल संपत्ति 100 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई। 2012 में रतन टाटा ने चेयरमैन का पद छोड़ा और सायरस मिस्त्री को सौंपा, जो 2022 में एक कार दुर्घटना में गुजर गए।
सेवानिवृत्ति के बाद रतन टाटा ने टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, और टाटा केमिकल्स के चेयरमैन एमेरिटस का पदभार संभाला। वे अब भी समूह की चैरिटेबल ट्रस्ट्स का नेतृत्व कर रहे हैं। भारत सरकार ने 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
टाटा परिवार की धरोहर
जमशेतजी टाटा द्वारा 1800 के उत्तरार्ध में स्थापित टाटा समूह की कहानी काफी पुरानी है। जमशेतजी के दो बेटे थे, दोराबजी टाटा और रतनजी टाटा। रतनजी टाटा ने नवाजबाई सेट्ट से विवाह किया और दोनों ने 13 वर्षीय नवल टाटा को गोद लिया। नवल टाटा की पहली पत्नी से रतन टाटा और जिमी टाटा नामक दो बेटे थे। उनके दूसरे विवाह से नोएल टाटा नामक पुत्र हैं, जो रतन टाटा के सौतेले भाई हैं।
Sridhar Ilango
अरे भाई, फिर से वही पुरानी कहानियां फिरने लगी हैं! रतन टाटा की सेहत के बारे में अफवाहें उड़े‑उड़े नहीं, लेकिन लोग फिर भी बोर नहीं होते। मैं तो कहूँगा यह सब मीडिया का नया ताश झटका है, जो जनता को झकझोरने के लिए तैयार किया गया है। 86 साल की उम्र में उनका दिल धड़कता है, पर वो नहीं सोचना चाहिए कि वही बीमारियों का शिकार है। उनका इंस्टाग्राम जिक्र मोहभंग जैसा है, बस कुछ शब्द लिख कर सारा संसार को संतुष्ट करने की कोशिश। हर बार जब कोई खबर आती है, तो मैं देखता हूँ कि कैसे प्रिंट‑पेपर्स में झूठी चीज़ें अपने‑अपने परछाइयों में फैलती हैं। आधिकारिक तौर पर उन्होंने कहा "मैं ठीक हूँ", पर असली सच्चाई क्या है? मेरे ख्याल में उन्हें इस उम्र में खुद का ख्याल रखना चाहिए, लेकिन यह कहना भी जरूरी नहीं कि वे कोई शिकायत कर रहे हैं। यह किस्सा फिर से दोहराया जा रहा है जैसे कभी पुराने गाने फिर से गुनगुना दे। मैं इस बात की ओर इशारा करना चाहता हूँ कि एसी अफवाहें बनते ही ना सिर्फ़ टाटा जी को, बल्कि देश की इमेज़ को भी धूमिल करती हैं। मैं देशभक्त हूँ और चाहता हूँ कि हम ऐसे झूठे समाचारों को नहीं फोलो करें। मीडिया को चाहिए कि वे अंशावार्त को थोड़ा सजग बनायें, और जनता को सच्चाई दिखायें। आखिरकार, टाटा परिवार का योगदान हमारे देश के विकास में उल्लेखनीय रहा है, इसलिए मैं इस नयी किलकारी को दमन करने की पुकार करता हूँ।
आप सबको मेरा यही संदेश है-ध्यान से पढ़ें, सही जानकारी को ही अपनाएँ, और झूठी अफवाहों को न जलाएँ।
मैं यह भी कहूँगा कि अगर हमें सच्चाई चाहिए तो हमें खुद भी थोड़ा रिसर्च करना चाहिए। चलो, मिलके सच को आगे लाएँ।