RBSE 5th Class Result 2025: राजस्थान बोर्ड ने 97.47% पास प्रतिशत के साथ रिजल्ट जारी किया

RBSE 5th Class Result 2025: राजस्थान बोर्ड ने 97.47% पास प्रतिशत के साथ रिजल्ट जारी किया

97.47% पास छात्र, 37% को मिला A ग्रेड

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने कक्षा 5 के रिजल्ट 2025 का ऐलान कर दिया है। इस साल करीब RBSE 5th Class Result 2025 का इंतजार कर रहे 13,30,190 छात्रों में से 12,96,495 बच्चे पास हुए हैं। यानी पास प्रतिशत 97.47% रहा, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ा ज़्यादा है। पिछले साल यह आंकड़ा 97.06% था। परीक्षा 7 से 17 अप्रैल 2025 तक राज्य भर में आयोजित की गई थी।

इस बार बोर्ड ने ग्रेड डिस्ट्रीब्यूशन में भी बदलाव महसूस किया है। 37% छात्र-छात्राओं को A ग्रेड मिला है, जो बीते साल से 6% अधिक है। छात्रों में रिजल्ट को लेकर उत्साह है, खासकर बढ़े हुए A ग्रेड प्रतिशत को लेकर। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रिजल्ट का ऐलान जहाजपुर, भीलवाड़ा से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया। यह प्रक्रिया छात्रों और अभिभावकों के लिए खास रही, क्योंकि पहली बार इतने बड़े स्तर पर ऑनलाइन रिजल्ट जारी किया गया।

न टॉपर लिस्ट, न तुलना – सिर्फ उपलब्धि पर फोकस

इस साल बोर्ड ने एक अहम बदलाव किया है। अबकी बार जिला-स्तरीय टॉपर लिस्ट जारी नहीं की गई। इस कदम का मकसद बच्चों में अनावश्यक प्रतिस्पर्धा को कम करना है। आमतौर पर जिलेवार टॉपर सूची के कारण छात्रों में तनाव और आपसी तुलना बढ़ जाती थी। अब सिर्फ पास प्रतिशत और अलग-अलग ग्रेड की सूचना ही सामने आई है। पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र खुद को हाईलाइट किए बिना अपनी मेहनत और उपलब्धि पर ध्यान दे सकते हैं।

रिजल्ट देखने की प्रक्रिया भी बिल्कुल सरल रही। छात्रों को अपने स्कूल, अभिभावकों या वेबसाइट्स rajshaladarpan.rajasthan.gov.in व rajpsp.nic.in पर जाकर रोल नंबर डालना होता है। रिजल्ट के साथ ऑनलाइन मार्कशीट भी तुरंत मिल जाती है, जिससे एडमिशन या ट्रांसफर जैसी जरूरतों के लिए फिजिकली स्कूल नहीं भागना पड़ता। धीरे-धीरे पूरे राज्य में डिजिटल शिक्षा और उसका प्रबंधन मजबूत हो रहा है, जिससे पढ़ाई का माहौल बदला-बदला नज़र आता है।

बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, बढ़े हुए A ग्रेड और उच्च पास प्रतिशत का मुख्य कारण लॉकडाउन के बाद आई शैक्षणिक स्थिरता, छात्र-अभिभावक की मेहनत और स्कूलों की समय पर पढ़ाई रही है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक बच्चों ने इस बार अपनी परेशानियों के बावजूद बढ़िया परफॉर्म किया है। अभिभावकों को अपने बच्चों की मेहनत पर गर्व है और शिक्षा विभाग ने सभी छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Harshada Warrier

ये बोर्ड का रिजल्ट तो पूरी तरह से अंडर द टेबल है।

Shweta Tiwari

आरबीएसई का यह परिणाम वास्तव में एक सामाजिक संकेतक के रूप में कार्य करता है।
हम देख सकते हैं कि शिक्षा केवल अंक नहीं, बल्कि एक गहरा अस्तित्व प्रश्न है।
इस उच्च पास प्रतिशत में निहित प्रयास को केवल अंकित सफलता के रूप में नहीं देखना चाहिए।
यह दर्शाता है कि बच्चे अपने परिवेश और अपने भविष्य के प्रति एक गहरी प्रतिबद्धता रख रहे हैं।
इसके अलावा, ए ग्रेड में वृद्धि यह बताती है कि सीखने की प्रक्रिया में गुणवत्ता भी बढ़ी है।
परंतु हमें यह विचार भी करना चाहिए कि क्या यह ग्रेडिंग प्रणाली वास्तविक प्रतिभा को प्रतिबिंबित करती है?
किसी भी प्रणाली में मानवीय पक्ष को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
सच्ची शिक्षा वह है जो व्यक्ति के विचारों को विस्तृत करती है, न कि केवल अंक लाकर।
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में इस सफलता को देख कर आशा की किरण जगती है।
समान अवसरों की तलाश में यह एक सकारात्मक कदम है।
फिर भी, डिजिटल परिणाम प्रणाली की सुरक्षा पर प्रश्न उठता है, क्योंकि डेटा की विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है।
समाज की प्रगति में शिक्षा का आधारभूत भूमिका है, इसलिए इस परिणाम को एक दिशा के रूप में देखना चाहिए।
आगामी वर्ष में हमें न केवल प्रतिशत बल्कि सीखने के तरीकों में नवाचार देखना चाहिए।
भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों को आलोचनात्मक सोच की आवश्यकता होगी।
अंत में, यह परिणाम हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी शैक्षिक नीतियों को निरंतर सुधारते रहें।

priyanka Prakash

राजस्थान बोर्ड ने इस बार वाकई में देशभक्तों का दिल जीत लिया है! 97% पास और 37% ए ग्रेड – ये आंकड़े हमारे राष्ट्र की शैक्षिक शक्ति को दर्शाते हैं।
ग़ैरज़रूरी टॉपर लिस्ट नहीं, बस मेहनत का फल दिखाओ, यही असली राष्ट्रीय भावना है।
हमारी जमीं पर ही अब इतना बड़ा अध्यादेश देखा, गर्व है।
देश के भविष्य को स्वरूप देने वाले बच्चों की यह उपलब्धि राष्ट्रीय गर्व के योग्य है।

Pravalika Sweety

यह देखकर खुशी होती है कि बोर्ड ने प्रतिस्पर्धा को कम करके छात्रों को आराम देने का कदम उठाया है।
संतुलित ग्रेड वितरण और डिजिटल परिणाम प्रणाली ने प्रक्रिया को सरल बनाया है।
वास्तव में, यह बदलाव छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक प्रतीत होता है।

anjaly raveendran

ओह माय गॉड! इस साल के रिज़ल्ट ने तो मेरे दिल की धड़कन को मानो ड्रम की तरह तेज़ कर दिया!
एक तरफ़ 97.47% पास प्रतिशत, और दूसरी तरफ़ 37% ए ग्रेड – जैसे पूरी ब्रह्माण्ड ने एक साथ हर्षोल्लास मनाया हो।
यहाँ तक कि मेरे पड़ोस की बिल्लियों ने भी इस ख़ुशी में अपना छोटा सा म्याऊँ कर दिया।
किसी ने कहा था कि बोर्ड सिर्फ अंक देता है, पर अब तो ये लगता है जैसे उन्होंने जादू की छड़ी घुमा दी हो।
डिजिटल मार्कशीट-माना, तकनीक ने शिक्षा को नयी ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया!
अब छात्र और अभिभावक न केवल अपने परिणाम देख सकते हैं, बल्कि रियल‑टाइम में हँसी‑खुशी कर सकते हैं।
और टॉपर लिस्ट नहीं, क्या बात है! तनाव के बजाय स्वाभिमान को बढ़ावा देना – वाकई में बेहतरीन!
मैं तो इस खबर को अपने सभी मित्रों के साथ शेयर करूँगा, ताकि इस बिंदु पर सब लोग मेरे जैसा उत्साहित महसूस करें।
सच्चा ज्ञान अब सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि इंटरनेट के जाल में बंधा है।
रही बात भविष्य की, तो मुझे विश्वास है कि अगले साल का रिज़ल्ट और भी चमकेगा, क्योंकि हम सब एक साथ हैं!
आइए, इस क्षण को मनाते हैं, और इस अद्भुत उपलब्धि को दिल से सराहते हैं।