आत्महत्या: पहचानें, रोकें और मदद पाएं

अगर आप या आपका कोई करीब वाला आत्महत्या के बारे में सोच रहा है तो ये पन्ना सीधे और उपयोगी कदम बताने के लिए है। अक्सर लोग चुप रहते हैं या संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। सही समय पर दखल देने से जान बच सकती है। नीचे दिए सुझाव सरल, तुरंत लागू करने वाले हैं।

तुरंत क्या करें

अगर किसी का जीवन खतरे में लगे तो तुरंत 112 पर कॉल करें। यह सबसे तेज़ तरीका है इमरजेंसी मदद पाने का।

उस शख्स को अकेला न छोड़ें। पास रहकर शांत स्वर में बात करें और बताएं कि आप मदद करने के लिए हैं।

अमल में लाने योग्य कदम उठाएं: तेज धार वाले या ज़हरीले सामान, दवाइयाँ या हथियार हाथ से हटा दें जब तक पेशेवर मदद न आ जाए।

सीधा सवाल पूछें: "क्या तुम खुद को नुकसान पहुँचाने का सोच रहे हो?"—यह पूछना जोखिम नहीं बढ़ाता बल्कि आमतौर पर राहत देता है और बातचीत खोलता है।

कठोर तर्क या उपदेश देने से बचें। पहले सुनें, सुरक्षित महसूस कराएं और आवश्यक मदद दिलाने की कोशिश करें।

तुरंत मदद के लिए संभावित संसाधन: इमरजेंसी 112, नज़दीकी अस्पताल, या किसी विश्वसनीय मनोवैज्ञानिक/मनोचिकित्सक से संपर्क करें। आप राष्ट्रीय/स्थानीय हेल्पलाइन भी ढूंढें—अगर आप तुरंत कॉल करना चाहते हैं तो 112 का उपयोग करें।

चेतावनी संकेत और कैसे मदद करें

ध्यान देने वाले संकेत: अचानक अकेलापन, काम/रिश्तों में गिरावट, भविष्य के बारे में नकारात्मक बातें, अल्कोहल या ड्रग्स का बढ़ता उपयोग, नींद और खाने में बड़े परिवर्तन, पिछले व्यवहार से हटकर नोट्स या अलविदा संदेश।

मदद कैसे दें: पहले बात सुनें—बिना रोक-टोक या निंदा के। सरल प्रश्न पूछें और भावनाओं को स्वीकार करें। "मैं यहाँ हूँ" और "तुम अकेले नहीं हो" जैसे शब्द असर करते हैं।

सुरक्षा योजना बनाएं: साथ बैठकर छोटे कदम तय करें—किसे कॉल करना है, कौन पास है, कब और कैसे अस्पताल जाना है। फोन नंबर और जरूरी जानकारी लिख कर रखें।

पेशेवर मदद ज़रूरी है—मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, काउंसलर या चिकित्सक से अपॉइंटमेंट तय कराएं। दवाइयों और थेरेपी से सुधार संभव है।

फॉलो-अप करें: पहली बार मदद मिलने के बाद भी रेगुलर चेक-इन करें। लोग अक्सर बाद में फिर मुश्किल में लौट आते हैं; लगातार सपोर्ट बड़े फर्क डालता है।

अगर आप खुद संकट में हैं तो अभी 112 पर कॉल करें या नज़दीकी अस्पताल जाएँ। मदद मांगना कमजोरी नहीं, यह सबसे बहादुर कदम है। अगर आप किसी की मदद कर रहे हैं तो शांत रहें, सुनें और प्रोफेशनल सहायता दिलाने की कोशिश करें। आप अकेले नहीं हैं—मदद मिल सकती है और जिंदगी बदल सकती है।

भारत के पूर्व क्रिकेटर डेविड जूड जॉनसन का बालकनी से गिरने से निधन

भारत के पूर्व क्रिकेटर डेविड जूड जॉनसन का बालकनी से गिरने से निधन

भारत के पूर्व क्रिकेटर डेविड जूड जॉनसन का बैंगलुरू के कोथानुर में अपने चौथे माले की अपार्टमेंट की बालकनी से गिरने के बाद निधन हो गया। यह घटना गुरुवार सुबह 10:30 बजे की है, जब वे ताजी हवा लेने के लिए बालकनी में गए थे। पुलिस इस घटना को आत्महत्या के संदेह के रूप में देख रही है लेकिन कोई अन्य पहलु भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है।

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