45वीं FIDE शतरंज ओलंपियाड: भारत की जीत की सुनहरी लड़ी जारी, गुकेश ने दिखाया महारत का जादू

45वीं FIDE शतरंज ओलंपियाड: भारत की जीत की सुनहरी लड़ी जारी, गुकेश ने दिखाया महारत का जादू

भारत की शतरंज में धूमधाम, 45वीं FIDE शतरंज ओलंपियाड में चमका सितारा

45वीं FIDE शतरंज ओलंपियाड का सातवां दौर बुडापेस्ट, हंगरी में आयोजित हुआ। इस दौर में भारतीय शतरंज टीम ने एक और धमाकेदार जीत दर्ज की, और यह जीत चीन के खिलाफ थी। भारत ने यह महत्वपूर्ण मुकाबला जीता और अपनी लगातार सातवीं जीत हासिल की, जिससे उन्हें कुल मिलाकर 14 अंकों का बेहतरीन रिकॉर्ड मिला।

गुकेश डोमाराजू का अद्भुत प्रदर्शन

इस शानदार जीत के हीरो थे ग्रैंड मास्टर गुकेश डोमाराजू, जिन्होंने चीनी ग्रैंड मास्टर Wei Yi को हराया। Wei Yi, विश्व चैंपियन Ding Liren की जगह पहले बोर्ड पर खेलने आए थे, लेकिन गुकेश ने शानदार और जटिल एंडगेम पोजीशन को अपने पक्ष में बदलते हुए 80 चालों में जीत दर्ज की। Wei ने बहुत संघर्ष किया, लेकिन गुकेश की महारत के आगे वे टिक नहीं पाए।

टीम इंडिया की लगातार प्रगति

इस जीत के साथ ही भारत ने अपनी सातवीं लगातार जीत हासिल की और 14 अंकों के साथ बाकी टीमों से लीड करने में सफल रहा। ईरान ने भी अपना महत्वपूर्ण मुकाबला 2.5-1.5 से वियतनाम के खिलाफ जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया। ईरान के ग्रैंड मास्टर Pouya Idani ने बोर्ड चार पर FM Gia Huy Banh को हराकर टीम की प्रतिष्ठा को बढ़ाया।

अन्य प्रमुख मुकाबले

इस दौर में अन्य प्रमुख मुकाबलों में सर्बिया ने नीदरलैंड को हराया, और आर्मेनिया ने इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज की। आर्मेनिया के लिए Haik Martirosyan ने टॉप बोर्ड पर निकिता विटियुगोव को हराया। हंगरी ने भी लिथुआनिया पर जीत हासिल की, जिसमें पीटर लेको ने दूसरे बोर्ड पर अपनी बेहतरीन चालों से विजयी बन कर दिखाया।

महिला टीम का बेहतरीन प्रदर्शन

भारतीय महिला शतरंज टीम ने भी शानदार प्रदर्शन किया, उन्होंने जॉर्जिया के खिलाफ 3-1 से जीत दर्ज की। स्त्री ग्रैंड मास्टर वैशाली रमेशबाबू और IM वंतिका अग्रवाल ने काले मोहरों के साथ जीत दर्ज की। इस जीत के साथ भारतीय महिला टीम पोलैंड, कजाकिस्तान, और फ्रांस से दो अंक आगे होने में सफल रही।

गुकेश और भारतीय टीम की इन लगातार जीतों ने देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। अगले राउंड में भारत ईरान के खिलाफ अपने बेहतरीन रिकॉर्ड को बनाए रखने का प्रयास करेगा। इस उत्सव का यह सिलसिला 22 सितंबर तक जारी रहेगा, जब टीमें 11 राउंड के स्विस ओपन फार्मेट में प्रतिस्पर्धा करेंगी।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

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Madhav Kumthekar

शतरंज की इस ओलंपियाड की संरचना काफी रोचक है-कुल 11 राउंड, स्विस सिस्टम, और प्रत्येक टीम को चार बोर्ड पर खेलना पड़ता है। भारत ने लगातार सात जीत हासिल करके यह साबित कर दिया कि हमारे पास निरंतर प्रशिक्षित शतरंज अकादमी और योग्य कोचिंग स्टाफ है। टीम के सदस्य अक्सर साप्ताहिक रणनीति सत्र करते हैं, जहाँ ओपनिंग पैटर्न और एन्डगेम तकनीक पर फोकस किया जाता है।
यदि कोई नया खिलाड़ी इस स्तर पर उभरना चाहता है, तो उसे घरेलू टॉर्नामेंट में लगातार अच्छे परिणाम लाने चाहिए, फिर अंतर्राष्ट्रीय बीडियों तक पहुंचना संभव है।

Deepanshu Aggarwal

गुकेश जी की जीत देख कर दिल खुश हो गया 😊 शतरंज में धैर्य और गहन विश्लेषण का महत्व हम सब जानते हैं, और उनका 80 चालों का एन्डगेम प्लान वाकई काबिले तारीफ़ है। इस जीत से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी कि मेहनत और निरंतर अभ्यास से बड़े मंच पर भी चमका जा सकता है।

akshay sharma

बिल्कुल, चीन की टीम को हराकर भारत ने दर्शा दिया कि शतरंज में अब कोई भी राष्ट्रीय सीमा नहीं रोक सकती। लेकिन ध्यान रहे, यह जीत सिर्फ एक मद्यस्थ सफलता नहीं, बल्कि कई सालों की प्रणालीगत प्रशिक्षण का फल है। भारत ने अब तेज़ी से युवा ग्रैंडमास्टरों को तैयार कर रहा है, और वह जल्दी ही वैश्विक रैंकिंग में अपनी जगह बना लेगा।

Anand mishra

शत्रु के बलिदान और हमारी निरंतर परिश्रम की कहानी को पढ़कर मैं गहराई से प्रभावित हूँ। शतरंज का इतिहास भारत में प्राचीन काल से ही पन्नों में अंकित है; जब राजा चन्द्रगुप्त ने अपने सेनापति को शतरंज की बौद्धिक कसरत सिखाने का आदेश दिया था, तब से इस खेल का राज दरबार में बस गया।
समकालीन भारत ने शतरंज को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बना दिया है।
हर शहीद बोर्ड पर वह रणनीतिक सोच लाता है, जो कभी भी प्रतिद्वंद्वी को झका नहीं देती।
गुकेश डोमाराजू जैसे खिलाड़ियों ने यह सिद्ध किया है कि फुर्ती और धैर्य का संगम ही जीत की कुंजी है।
उनका एन्डगेम 80 चालों में जीतना यह दर्शाता है कि सही समय पर सही चाल चलना कितनी अहमियत रखता है।
इसी प्रकार, भारतीय महिला टीम का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय है; उनका सामंजस्य और संगठित रणनीति हर मुकाबले में दिग्गज देशों को चौंका देती है।
बुड़ापेस्ट के इस मंच पर भारत ने न केवल अंक जमा किए, बल्कि भविष्य के शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक मानक स्थापित किया।
यह जीत एक ही नहीं, बल्कि सात निरंतर जीतों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसका अर्थ है भारत की शतरंज पद्धति में निरंतर सुधार।
आइए हम इस ऊर्जा को आगे भी बनाए रखें और अगले राउंड में ईरान को भी इसी तरह हराने की तैयारी करें।
शतरंज में ध्येय स्पष्ट होना चाहिए: हर चाल में गणना, हर प्रतिद्वंद्वी में सम्मान।
यह भावना ही हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाती है।
भविष्य में हमें युवा प्रतिभाओं को और भी अधिक अवसर देना चाहिए, ताकि उनका विकास सुनिश्चित हो सके।
शिक्षकों को नवीनतम एआई एन्गिनों से भी लाभ उठाना चाहिए, ताकि विश्लेषण सत्र और अधिक सटीक हो।
अंत में कहना चाहूँगा कि इस जीत को केवल खेल नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक मानें।

Prakhar Ojha

भारत की इस लगातार जीत की लहर को देख कर मैं कड़वी-मीठी भावना से भर जाता हूँ; एक तरफ़ गर्व है, लेकिन साथ ही इस जीत की चमक के पीछे छिपे दबाव और प्रतिस्पर्धा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जब तक हम अपने प्रतिस्पर्धियों को कभी‑कभी हराते रहेंगे, तब तक हमारे खिलाड़ियों को बैटलफील्ड में सच्ची परीक्षा नहीं मिलती।

Pawan Suryawanshi

सही कहा, लेकिन जीत की खुशी को ज़्यादा निचोड़ने की जरूरत नहीं 😊 शतरंज की दुनिया में निरंतर सीखने की लहर चलती रहती है, और टीम की मेहनत को हम हमेशा याद रखेंगे।

Harshada Warrier

देखो भाई, ये सब ओलिम्पियाड और जीत तो बस लुकर-छिपकर की जा रही है, असली बात तो ये है कि बड़े पावर फॉर्म्स ने इस बुडापेस्ट में पीछे के बैंकों को तोड़ दिया है। हम सभी को इस गुप्त योजना की सच्चाई को समझना चाहिए।

Jyoti Bhuyan

चलो, इस जीत से सबको प्रेरित करें और शतरंज के मैदान में और भी झंकारें बजाएँ!

Sreenivas P Kamath

हँसते‑हँसते ऐसा कह दिया, अब तो सबको शतरंज की बारीकी समझ में ही नहीं आएगी।

Chandan kumar

इफ्फ़, बहोत लम्बा बायो है, सीधे बिंदु पे बात करो।

Swapnil Kapoor

शतरंज का मैदान केवल चालों का संग्राम नहीं, बल्कि दार्शनिक विचारों का परास भी है। एक सही चाल के पीछे गहरी आत्मनिरीक्षण छुपी होती है, जिससे खिलाडी का मन स्थिर रह पाता है और प्रतियोगी को बाधित कर देता है। इस तरह के खेल में तर्क और भावना का संतुलन ही सफलता की कुंजी है।

kuldeep singh

वाह! कितना नाटकीय और गहरा विचार है, बिल्कुल फिल्मी सीन जैसा! ऐसा बौद्धिक ड्रामा देखना हमेशा दिल को छू जाता है।

Shweta Tiwari

उक्त टूर्नामेंट में प्रयुक्त विशिष्ट समय नियोजन, तथा टीम‑वाइज रणनीतिक संरेखण, आधुनिक शतरंज प्रतिस्पर्धा के प्रतिमानों में एक महत्वपूर्ण अभिन्न हिस्सा बनता है। इस प्रकार हम देख सकते हैं कि कैसे व्यवस्थित तैयारी से अनुशासित परिणाम उत्पन्न होते हैं।