जब इंडिया मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 28 सितंबर 2025 को मुंबई महानगर क्षेत्र में लाल चेतावनी जारी की, तो महाराष्ट्र में स्कूल‑कॉलेज बंद हो गए, और नागरिकों को घर में रहने का निर्देश मिला। यह चेतावनी मुंबई, नासिक, थाणे, पालघर, रायगढ़ और पुणे जिलों को कवर कर रही थी, जबकि राज्य भर में लगभग 70 % क्षेत्र पर हल्की‑से‑भारी बारिश का पहरा लगा हुआ था।
त्रुटिरहित जानकारी के लिए, महाराष्ट्र मौसमी आपातकाल 2025मुंबई महानगर में जारी अलर्टों ने नागरी जीवन को सीधे प्रभावित किया। राज्य सरकार ने 29 सितंबर तक अलर्ट स्तर को ‘उच्च’ बनाए रखने का आदेश दिया, जिससे कई जिलों में स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया।
पृष्ठभूमि: मौसमी चेतावनियों का खाका
IMD की भारी बारिश के लिए लाल चेतावनी पिछले दो दशकों में सबसे तीव्र घटनाओं में गिनी जाती है। राज्य आपातकालीन कार्य दल (SEOC) ने पहले भी 2019, 2022 और 2024 में समान अलर्ट जारी किए थे, लेकिन 2025 की स्थिति में बारिश की मात्रा और जलस्तर वृद्धि दोनों ने रिकॉर्ड हासिल किया।
बारीकी से बारिश के आँकड़े
कॉनकों‑गोआ उपविभाग में कई मौसम विज्ञान केंद्रों ने सैंकड़ों मिलीमीटर की बरसात दर्ज की:
- पालघर में 18 सेमी (180 मिमी) – पालघर जिला के पॉलघर_एग्री स्टेशन पर।
- धावरी (धुले) – 13 सेमी (130 मिमी)।
- मुंबई सिटी के कोलाबा स्टेशन पर 12 सेमी (120 मिमी)।
- थाणे में मुरबड़ और थाणे शहर दोनों पर 12 सेमी (120 मिमी)।
- जवाहर (पालघर) में 11 सेमी (110 मिमी)।
इन आंकड़ों के साथ, मुम्बई के कुछ हिस्सों में रात भर 100 मिमी से अधिक की लगातार बारिश हुई, जिससे जलभराव और सड़कों पर धक्का‑धक्का हो गया।
स्कूल बंद करने का निर्णय
महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत राज्य शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि 29 सितंबर को सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी अनिवार्य की जाए। विशेष रूप से पालघर जिला के सभी शैक्षणिक संस्थान और नासिक, थाणे, रायगढ़, पुणे के ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्रों में स्कूल बंद रहने की संभावना को ‘उच्च’ घोषित किया गया।
स्कूल बंद करने के निर्णय में स्थानीय शैक्षणिक बोर्डों और एंगनवाड़ी क्रियाकर्ताओं की सहभागिता थी, जिससे माता‑पिता को रीयल‑टाइम अपडेट मिलते रहे। कई निजी स्कूलों ने सुरक्षा कारणों से स्वयं ही बंद करने का ऐलान किया, जबकि सरकारी स्कूलों ने जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन किया।

सरकार एवं आपातकालीन सेवाओं की प्रतिक्रिया
उच्चतम स्तर की अलर्ट के बाद, राज्य आपातकालीन कार्य दल (SEOC) ने नागरिकों को ‘घर में रहें, अनावश्यक यात्रा न करें’ का संदेश जारी किया। साथ ही, जल स्तर में अचानक वृद्धि को देखते हुए गोदावरी नदी के निकट के कई बाढ़‑प्रभावित गाँवों में बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।
ड्राइवर्स को दोषी ठहराने के बजाय, ट्रैफ़िक पुलिस ने ग़मी ज़रूरत वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग स्थापित किए और आपातकालीन सेवाओं को प्राथमिकता दी। इसके अलावा, महापोलिस ने हरियाली क्षेत्र में जल निकास के लिए नए नालों की सफ़ाई का आदेश दिया।
प्रभाव और विशेषज्ञों की राय
हवामान विशेषज्ञ डॉ. अंजली पंडेय, जो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ क्लाइमैट रिसर्च में कार्यरत हैं, का कहना है कि “सामुद्रिक मानसून के साथ साथ पृथ्वी‑ऊष्मा में वृद्धि ने इस साल की बारिश को असामान्य रूप से तीव्र बना दिया है।” उन्होंने यह भी बताया कि अगले दो दिनों में मॉन्सून की तीव्रता घटने की संभावना है, लेकिन जल‑स्तर अभी भी ‘खतरनाक’ माना जा रहा है।
शिक्षा विशेषज्ञ प्रो. रोहित शिंदे ने कहा कि “बारिश के कारण स्कूल बंद होना छात्रों की पढ़ाई में बाधा नहीं बनना चाहिए; ऑनलाइन कक्षाओं को बढ़ावा देना आवश्यक है।” उन्होंने स्थानीय शिक्षकों को डिजिटल क्लासरूम उपकरण प्रदान करने की सिफ़ारिश की।
आगे क्या होने की संभावना?
IMD ने अगले दो दिनों (30 सितंबर 2025) तक भारी बारिश की संभावना को 60 % से अधिक बताया है, विशेषकर मुंबई में ऑरेंज अलर्ट जारी रहेगा। सरकार ने कहा है कि 1 अक्टूबर तक सभी अलर्ट स्तर कम कर दिए जाएंगे, बशर्ते जल‑स्तर स्थिर रहे।
फ़्लैश फ़ीड और स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के चेतावनी संकेतों के अनुसार, जलजनित रोगों के प्रसार को रोकने के लिए साफ़ पानी की आपूर्ति और वैक्सीन टीके का वितरण जारी रहेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारी बारिश से कौन‑कौन प्रभावित होते हैं?
मुख्य रूप से महाराष्ट्र के कोस्टल और कोंकण क्षेत्रों के निवासी, स्कूल‑कॉलेज छात्र, किसानों और उस क्षेत्र में संचालित व्यवसायिक इकाइयां प्रभावित होती हैं। जल‑स्तर बढ़ने से बाढ़‑संकट, सड़कों का नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम उत्पन्न होते हैं।
क्या सभी स्कूल बंद रहेंगे?
पालघर जिले में सभी स्कूल और कॉलेज आधिकारिक रूप से बंद हैं। थाणे, नासिक, रायगढ़ और पुणे जैसे ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में कई स्कूल अब भी खुल सकते हैं, परंतु स्थानीय प्रशासन की अंतिम घोषणा पर ही निर्भर रहेगा।
बारिश के दौरान किन चीज़ों से बचें?
बिजली के संपर्क में आए ढीले तार, जलभराव वाले क्षेत्रों में चलना, और बिना गंतव्य जानकारी के वाहन चलाना न करें। आपातकालीन संकेतों पर ध्यान दे और आवश्यकतानुसार सरकारी हेल्पलाइन पर कॉल करें।
मोहल्ले में जल‑स्तर कब तक घटेगा?
IMD के नवीनतम आंकड़े के अनुसार, अगले दो दिनों (30 सितंबर) तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। जल‑स्तर का स्थिर होना और अलर्ट का कम होना संभवतः 1 अक्टूबर के बाद ही दिखेगा, बशर्ते कोई नई बाढ़‑अवस्था न पैदा हो।
सरकार ने बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों के लिए क्या उपाय किए?
राज्य आपातकालीन कार्य दल (SEOC) ने बचाव अभियानों को तेज़ किया, जल‑निकासी के लिए अतिरिक्त पंप स्थापित किए, और आवासीय शरणस्थलों की व्यवस्था की। साथ ही, साफ़ पानी और एंटी‑बायोटिक दवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है।