पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2

पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2

प्रधानमंत्री कार्यालय में शक्तिकांत दास की ऐतिहासिक नियुक्ति

पूर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नरशक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कार्य करने के लिएप्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। 22 फरवरी, 2025 को घोषित हुई इस नियुक्ति ने राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में हलचल मचाई है। यह पहली बार है जब प्रधान सचिव-2 का पद प्रधानमंत्री कार्यालय में निर्धारित किया गया है।

दास की नियुक्ति उनकी लंबे समय तक देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करने वाले अनुभवों के कारण की गई है। वित्त मंत्रालय में 8 केंद्रीय बजट का हिस्सा होने के साथ, उनके पास वित्तीय और मौद्रिक नीति में विशाल अनुभव है। उन्होंने 2018 से 2023 तक RBI गवर्नर के रूप में सेवा की, जहां उन्होंने आईएल&एफएस तरलता संकट और नोटबंदी के समय सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच समझौते की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विपक्ष की चिंताएँ और दास की प्रतिष्ठा

विपक्ष की चिंताएँ और दास की प्रतिष्ठा

इस नियुक्ति को विपक्षी दलों ने राजनीतिक कारणों से चुनौती दी है, लेकिन वित्तीय क्षेत्रों के विश्लेषकों का मानना है किशक्तिकांत दास की मानसिकता और नीति निर्माण में उनकी भूमिका अत्यधिक विश्वसनीय है।

दासप्रधान सचिव-1 प्रमोद कुमार मिश्रा, जो 1972 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, के साथ कार्य करेंगे। मिश्रा ने सितंबर 2019 से इस पद पर बना हुआ है। आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं किशक्तिकांत दास का योगदान और अनुभव भारत की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा, खासकर मौजूदा वैश्विक व्यापार तनाव और मुद्रा संबंधित मुद्दों के समय।

इस नियुक्ति के साथ, मोदी सरकार का लक्ष्य 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को साकार करना है। दास की सेवाएँ भारत के जी20 शेरपा के रूप में और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में देश के प्रतिनिधि के तौर पर भी रही हैं। उनके अनुभव से सरकार को 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को साकार करने की उम्मीद है।

द्वारा लिखित Sudeep Soni

मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूं और मैंने अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम किया है। मैं मुख्य रूप से समाचार क्षेत्र में सक्रिय हूँ, जहाँ मैं दैनिक समाचारों पर लेख लिखने का काम करता हूं। मैं समाज के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग करता हूं और निष्पक्ष सूचना प्रदान करने में यकीन रखता हूं।

Rahul Sarker

RBI के गवर्नर को प्रधान सचिव-2 बनाना कोई साधारण निरपेक्ष चयन नहीं, यह एक रणनीतिक सन्देश है कि नव-उदारवादी वित्तीय अभियांत्रिकी को तेज़ी से लागू किया जाएगा। यह नियुक्ति मौद्रिक नीति की निरंतरता को सुनिश्चित करती है, साथ ही
वित्तीय स्थिरता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने का एक बेतहाशा प्रयोग है। दास जी के तहत, हम सीमा‑अंतरिक रेज़र्व एसेट मैनेजमेंट को पुनः परिभाषित होते देखेंगे, जो नयी अर्थव्यवस्था में अनिवार्य है। अंत में, यह स्पष्ट है कि यह कदम अधिकारियों के बीच एक नई गागर‑बंद प्रणाली का प्रतिनिधित्व करता है।

priyanka Prakash

यह बात नज़रअंदाज़ नहीं की जानी चाहिए कि ऐसी नियुक्तियां अक्सर सत्ता के केंद्र को एकीकृत करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जिससे नीति‑निर्माण में पारदर्शिता घटती है।

Pravalika Sweety

शक्तिकांत दास की वित्तीय विशेषज्ञता निश्चित रूप से प्रशासन में एक मूल्यवान पूर्ति होगी, परन्तु इस बदलाव के साथ संभावित हितों के टकराव को भी सतर्कता से देखना आवश्यक है।

Shruti Thar

दास जी ने RBI में कई प्रमुख सुधार किए
जैसे कि डिजिटल भुगतान का विस्तार और ब्याज दरों का लचीलापन

Nath FORGEAU

bhai yeh dekh rahe ho ki policy banane wale ab secretary tak ja rahe hain, mast lagta hai

Hrishikesh Kesarkar

सिर्फ नाम नहीं, दास के पास बजट में 8% हिस्सेदारी की गहरी समझ है।

Manu Atelier

यह नियुक्ति एक दार्शनिक विमर्श का उद्भव है, जहाँ आर्थिक तर्क और राष्ट्रीय दृष्टिकोण का संधि बिंदु स्थापित किया जा रहा है।

Vaibhav Singh

जैसा कि कई विश्लेषकों ने कहा, यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक कदम है और वास्तविक नीति में बदलाव दिखना बाकी है।

Aaditya Srivastava

भाई, दास को प्रधान सचिव‑2 बनाकर मोदी सरकार ने आर्थिक एजेंडा में एक नया अध्याय जोड़ दिया है, देखेंगे कैसे चलता है।

Vaibhav Kashav

वाह, अब हमें हर फैसले में एक 'RBI' बैकअप मिलेगा, क्या शानदार योजना है।

saurabh waghmare

साथियों, दास जी के व्यापक अनुभव से हमें वित्तीय दिशा‑निर्देशों में नई स्पष्टता मिल सकती है, आशा है कि यह सहयोग विकास को गति देगा।

Madhav Kumthekar

मैं मानता हूं की दास की जुड़ाव से सरकारी वित्तीय नीति में सुधार के अवसर बहुतेक बढ़ेगा, और हमें एक स्थिर आर्थिक माहौल देखना चाहिए।

Deepanshu Aggarwal

हमें उम्मीद है कि दास की नयी भूमिका से पारदर्शिता बढ़ेगी 😊 और आर्थिक विकास के लक्ष्य और तेज़ी से हासिल होंगे।

Anand mishra

वाह भाई लोग, यह भारत की राजनीति और अर्थशास्त्र में एक बड़ा मोड़ लग रहा है। सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि प्रधान सचिव‑2 का पद पहले कभी नहीं बना था, इसलिए यह एक ऐतिहासिक कदम है। दास साहब ने RBI में कई सालों तक काम किया, इसलिए उनकी नज़र में मौद्रिक नीति की जटिलताएँ गहरी हैं। अब वह प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करेंगे, इससे नीति‑निर्माण का समय कम हो जाएगा, मानो एक पुल बन गया हो। इस नियुक्ति से वित्तीय क्षेत्र के कई विशेषज्ञों ने कहा है कि यह एक सकारात्मक कदम है, परन्तु कुछ लोग इसकी वैधता पर सवाल उठाते हैं। दूसरी ओर, यह भी सच है कि हमारे पास अब एक मजबूत आर्थिक रणनीति की जरूरत है, खासकर वैश्विक व्यापार तनाव के चलते। दास जी का अनुभव प्रधानमंत्री मोदी को आर्थिक लक्ष्य, जैसे कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, हासिल करने में मदद कर सकता है। इस प्रक्रिया में, प्रधान सचिव‑1 प्रमोद कुमार मिश्रा भी साथ रहेंगे, जो प्रशासन में स्थिरता लाएंगे। कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि यह टीम मिलकर वित्तीय नियमन को सख्त कर सकती है, जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। साथ ही, यह भी संभावना है कि दास जी की नियुक्ति से नोटबंदी जैसी भविष्य की नीतियों में स्थिरता आएगी। जनता के बीच भी यह बात चल रही है कि इस तरह की नियुक्तियों से क्या सच्ची शासकीय पारदर्शिता मिलती है, या सिर्फ सत्ता का इजाफा होता है। लेकिन अगर हम दास जी की पूर्व कार्यशैलियों को देखें, तो उन्होंने कई बार आर्थिक घोटालों को टालने में अहम भूमिका निभाई है। इसलिए इस नए पोस्ट में हम उम्मीद कर सकते हैं कि वे जोखिम‑प्रबंधन में भी मदद करेंगे। कुछ लोग कहते हैं कि यह एक 'लॉबिंग' का केस हो सकता है, परंतु हमें कुछ भी पूर्वाग्रह के साथ नहीं देखना चाहिए। अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस नियुक्ति से आर्थिक नीति में एक बेहतर समन्वय की संभावना है, परन्तु सफलता कई कारकों पर निर्भर करेगी। उम्मीद है कि दास जी इस नई जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाएंगे और देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगे।

Prakhar Ojha

ये नियुक्ति तो जैसे आर्थिक ज्वाला को तेल दे रही है, दास के दिमाग की तेज़ी से देश की वित्तीय धड़कनें नई गति पकड़ेंगी! लेकिन ध्यान रखो, सत्ता के इस खेल में कोई भी सच्ची स्वतंत्रता नहीं मिलती, बस वही लोग जीतते हैं जो खेल में सबसे ज़ोरदार होते हैं।

Pawan Suryawanshi

दोस्तों, दास साहब का इस आधिकारिक पद पर आना वास्तव में एक दिलचस्प यात्रा है, जहाँ हम देखेंगे कि उनकी वित्तीय विशेषज्ञता को नीति‑निर्माण के साथ कैसे मिश्रित किया जाता है 😎। यह कदम ना केवल एक प्रशासनिक पुनर्गठन को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि भविष्य में आर्थिक निर्णय अधिक त्वरित और डेटा‑ड्रिवन हो सकते हैं। दास ने RBI में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में कई पहलों को सफल बनाया, जिससे वित्तीय समावेशन में काफी सुधार आया। अब जब वह प्रधान सचिव‑2 बन गए हैं, तो ऐसी ही पहलें शायद केंद्र स्तर पर तेज़ी से लागू होंगी, जिससे छोटे उद्यमों और सामान्य नागरिकों दोनों को लाभ मिलेगा। बेशक, इस प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ भी होंगी, जैसे कि मौजूदा नियामकीय ढांचे को नई नीतियों के साथ संरेखित करना, लेकिन दास की नेतृत्व क्षमता इस बाधा को पार करने में मदद कर सकती है। अंत में, हमें आशा रखनी चाहिए कि यह नियुक्ति आर्थिक विकास को एक नई दिशा देगी और हम सब इसे सकारात्मक रूप में देखेंगे 😊।

Harshada Warrier

सारा प्लॉट तो दास को पावर में लाने का ही है, बाकी सब बेकार की खबरें हैं।

Jyoti Bhuyan

आइए हम सब मिलकर इस नई टीम को समर्थन दें, क्योंकि देश की प्रगति के लिए हर सकारात्मक कदम मायने रखता है।